Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2021 · 1 min read

लोक कहैये

लोक कहैये
°°°°°°°°°

लोक कहैये, एना छी,
लोक कहैये, ओना छी,
अहां कोनो छुई-मुई नै जे,
लोगक टोकने,छन में मुरझा जाएब,
आओर स्तवन सुनि,छन में बिहँसि पड़ब।
लोगक काम एतबे रहि गेल,
अनटेटल सबाल पुछि मन भरमाएब,
छोट-मोट बात पर टोक लगाएब,
बात-बात पर टांग अड़ायब,
टोका-टोकी चुगली में टेम कटाएब,
दोसरक नालिस मऽ कान लगाएब ।
ई सभबोल पर जे, हम पतियाएब,
लोगक कहने हम केस रंगाएब,
धिया-पुता जकां स्टाइल बनाएब,
देखा-देखी में हिअ तड़पाएब,
अन्तर्मन के कतेक भरमाएब।
लोक कहैये, कहिते रहत,
ई जग सारा हँसिते रहत ।

अपन मगज से काम लिय,
लोगक पतिआएब छोड़ि दिअउ ने,
हारब लक्ष्य से ते गरियाअत,
जितब जुझब तैयो मिमीयाएत ।
लोगक कहल पर नहिं जाउ ने,
फांटि पर चढ़ा कऽ चुनाव लड़बायत,
हारि जाएब त खिल्ली उड़बायत ।
योजना सकल जीवन में बनाउ,
लोगक टोकि सऽ पाछु नहिं हटि जाउ,
अपन भरोस आओर ईश्वर पर निष्ठा करु,
जीवन पथ पर सदिखन आगाँ बढ़ूँ।
लोक कहैये, कहिते रहत,
ई जग सारा हँसिते रहत ।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०९ /०९/२०२१
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
7 Likes · 8 Comments · 1158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
"चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गर
दुष्यन्त 'बाबा'
तुम्हारा चश्मा
तुम्हारा चश्मा
Dr. Seema Varma
सिर्फ खुशी में आना तुम
सिर्फ खुशी में आना तुम
Jitendra Chhonkar
,...ठोस व्यवहारिक नीति
,...ठोस व्यवहारिक नीति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अपनी तस्वीर
अपनी तस्वीर
Dr fauzia Naseem shad
"असर"
Dr. Kishan tandon kranti
2315.पूर्णिका
2315.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (कुंडलिया)
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (कुंडलिया)
Ravi Prakash
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चौथ मुबारक हो तुम्हें शुभ करवा के साथ।
चौथ मुबारक हो तुम्हें शुभ करवा के साथ।
सत्य कुमार प्रेमी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
शेखर सिंह
बहुत दोस्त मेरे बन गये हैं
बहुत दोस्त मेरे बन गये हैं
DrLakshman Jha Parimal
हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा
हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
माँ
माँ
Kavita Chouhan
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
■ आज की बातH
■ आज की बातH
*Author प्रणय प्रभात*
तभी तो असाधारण ये कहानी होगी...!!!!!
तभी तो असाधारण ये कहानी होगी...!!!!!
Jyoti Khari
मुस्कान
मुस्कान
Neeraj Agarwal
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
" ज़ख़्मीं पंख‌ "
Chunnu Lal Gupta
परिस्थितीजन्य विचार
परिस्थितीजन्य विचार
Shyam Sundar Subramanian
शब्दों का गुल्लक
शब्दों का गुल्लक
Amit Pathak
Thunderbolt
Thunderbolt
Pooja Singh
जल संरक्षण
जल संरक्षण
Preeti Karn
छाती
छाती
Dr.Pratibha Prakash
आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की..
आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की..
Rashmi Sanjay
*होय जो सबका मंगल*
*होय जो सबका मंगल*
Poonam Matia
अभाव और कमियाँ ही हमें जिन्दा रखती हैं।
अभाव और कमियाँ ही हमें जिन्दा रखती हैं।
पूर्वार्थ
Loading...