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Comments (8)

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15 Oct 2021 12:33 AM

आपकी रचना-“अन्नदाता, तू परेशान क्यों हैं ?”का अवलोकन किया। बहुत सुंदर रचना एवं अति उत्तम सोच है! “हाॅं” किसान परेशान तो है। क्योंकि इनकी मेहनत का उचित मूल्यांकन (जो जायज है!) नहीं हो पा रहा। आखिर क्यों..? इस सवाल के बारे में शासन को गम्भीरता से विचार करना चाहिए।
धन्यवाद..!

15 Oct 2021 04:06 AM

बहुत- बहुत धन्यावाद आपकों

अन्नदाता नहीं है परेशान ,वो तो अपने खेत खलिहान में खुश है मेहनत करके, बिचौलिए परेशान हैं और कुछ वोट के चटोरे नेता बनना है किसान के कंधे पर बंदूक के सहारे। सही मार्गदर्शन करती रचना

5 Oct 2021 02:23 PM

हार्दिक आभार आपका आदरणीया

अच्छा प्रयास है,
कृषक को राह दिखाने का।

5 Oct 2021 09:52 AM

धन्यवाद ! आगे भी कोशिश जारी रहेगा सत्य और झूठ में अंतर बतलाने का।

अन्नदाता परेशान नहीं है,

आपकी इस न्यूनतम जनभावना समर्थित रचना से हैरान है।

5 Oct 2021 09:50 AM

सर्वे किए हैं क्या? न्यूनतम है या अधिकतम,
सारा जनमानस आज अच्छे और बुरे में भेद समझने लगी है,

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