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■ पसंद अपनी-अपनी, शौक़ अपने-अपने। 😊😊
*प्रणय*
#कृतज्ञतापूर्ण_नमन
*प्रणय*
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
*प्रणय*
■ देश भर के जनाक्रोश को शब्द देने का प्रयास।
*प्रणय*
#कविता-
*प्रणय*
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
*प्रणय*
#दोहा-
*प्रणय*
■ एक महीन सच्चाई।।
*प्रणय*
■ तथ्य : ऐसे समझिए।
*प्रणय*
■ "अ" से "ज्ञ" के बीच सिमटी है दुनिया की प्रत्येक भाषा। 😊
*प्रणय*
■ एक सैद्धांतिक सच। ना मानें तो आज के स्वप्न की भाषा समझें।
*प्रणय*
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।
*प्रणय*
■ बन्द करो पाखण्ड...!!
*प्रणय*
#लानत_के_साथ...
*प्रणय*
#हिंदी-
*प्रणय*
#शर्मनाक
*प्रणय*
■ विशेष व्यंग्य...
*प्रणय*
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
*प्रणय*
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
*प्रणय*
■ प्रश्न का उत्तर
*प्रणय*
■ सब परिवर्तनशील हैं। संगी-साथी भी।।
*प्रणय*
■ अंतर्कलह और अंतर्विरोध के साथ खुली बगगवत का लोकतांत्रिक सी
*प्रणय*
#ग़ज़ल
*प्रणय*
■ पाठक बचे न श्रोता।
*प्रणय*
■ हर दौर में एक ही हश्र।
*प्रणय*
■ आज की बात...!
*प्रणय*
■ आज का आख़िरी शेर-
*प्रणय*
#दिवस_विशेष-
*प्रणय*
💐
*प्रणय*
#आस्था_पर्व-
*प्रणय*
■ केवल लूट की मंशा।
*प्रणय*
#ग़ज़ल
*प्रणय*
■ एक शाश्वत सच
*प्रणय*
■ दोनों पहलू जीवन के।
*प्रणय*
■ क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
■ दोनों चिर-विरोधी।।
*प्रणय*
■ मनोरोग का क्या उपचार...?
*प्रणय*
#लघुकथा / #विरक्त
*प्रणय*
#ग़ज़ल
*प्रणय*
#दोहा-
*प्रणय*
■ अखंड भारत की दिशा में प्रयास का पहला चरण।
*प्रणय*
■ "हेल" में जाएं या "वेल" में। उनकी मर्ज़ी।।
*प्रणय*
■ हाइकू पर हाइकू।।
*प्रणय*
■ समझने वाली बात।
*प्रणय*
#शेर-
*प्रणय*
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
#मुक्तक
*प्रणय*
#दोहा
*प्रणय*
#मुक्तक
*प्रणय*
#प्रसंगवश😢
*प्रणय*