कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
रिश्ते-नाते गौण हैं, अर्थ खोय परिवार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
🌹🌹हर्ट हैकर, हर्ट हैकर,हर्ट हैकर🌹🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,