Sanjay Narayan Language: Hindi 258 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Sanjay Narayan 9 Jul 2020 · 1 min read खफ़ा जबसे तेरी जुदाई का मुझे एहसास हुआ, मैं अपने आप से बहुत खफ़ा सा हूँ। संजय नारायण Hindi · शेर 4 1 484 Share Sanjay Narayan 9 Jul 2020 · 1 min read बर्बाद दिल का जहां आबाद है तेरा गम जो साथ है दौलत है तेरे ख्वाब की मैं कब हुआ बर्बाद। रहमत है ये खुदा की तेरी दीद हो गयी, तू ही... Hindi · शेर 4 516 Share Sanjay Narayan 9 Jul 2020 · 1 min read बग़ावत अब बहारें भी सुनेंगी साज जख्मों दर्द के। आज खामोशी बगावत पर उतरने वाली है। संजय नारायण Hindi · शेर 4 1 494 Share Sanjay Narayan 9 Jul 2020 · 1 min read चैन तेरा दीदार होते ही, ये आँखें दिल से यूँ बोलीं, हमें बेचैन करने को, तुम्हारा चैन आया है। संजय नारायण Hindi · शेर 4 439 Share Sanjay Narayan 9 Jul 2020 · 1 min read आशा कुछ स्थितियाँ, कुछ स्मृतियाँ, बेसुध सा भावुक रखती हैं। ये दिव्य, मनोरम , अनुपम सी, कुछ विरली दुर्लभ दिखती हैं। कुछ स्थितियाँ ऐसी भी हैं, जो राग विरह के गाती... Hindi · कविता 3 2 260 Share Sanjay Narayan 6 Jul 2020 · 1 min read तानाकशी आपके आँगन की खुशियाँ कर ही लेंगी ख़ुदकुशी। आपको तन्हा करेगी आपकी तानाकशी । जख्म फिर जगने न पाए , दर्द सारी रात जागे। आपने ऐहसां जताए, दिल के एहसासात... Hindi · गीत 7 2 508 Share Sanjay Narayan 5 Jul 2020 · 1 min read शिक्षक के सम्मान को (1) शिक्षक के सम्मान को, पहुँचाये जो चोट। उस नेता के पक्ष में , कभी न करना वोट। कभी न करना वोट, खोंट राजा में भारी। करता लूट खसोट, प्रजा... Hindi · कुण्डलिया 5 1 457 Share Sanjay Narayan 3 Jul 2020 · 1 min read अहम वहम है किसी काम का पहलू सबसे अहम। उसकी शुरुआत हो छोड़कर सब वहम। खुद जो खुद के मददगार थे आदमी, बस उन्हीं पर किया है खुदा ने रहम। रात भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 520 Share Sanjay Narayan 3 Jul 2020 · 1 min read दादुरों ने तान छेड़ी दादुरों ने तान छेड़ी, चुप रहो तुम कोकिलाओं ! हुआ वातावरण कलुषित, कर रहा विष वार चंदन। और दूषित गंध अंजुल भर, प्रणय अभिसार उपवन। निज प्रकृति से सुरभि लेकर,... Hindi · गीत 8 3 385 Share Sanjay Narayan 2 Jul 2020 · 1 min read हो सकता है यद्यपि आज चरम पर पतझर, कल सावन हो सकता है। तुम सत्ता का दम्भ न करना, परिवर्तन हो सकता है। कड़वा सच कह देने वाले, या तो जड़े जुबां पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 246 Share Sanjay Narayan 30 Jun 2020 · 1 min read पैंतरे कहना सही तुम्हारा, बिल्कुल, वही हमारा कहना है। किन्तु दिखावे की दुनियाँ में, अलग थलग भी रहना है। हर्ज ही क्या जो ऐसा बोलो, उल्लू भी सीधा हो जाए, ये... Hindi · मुक्तक 5 2 214 Share Sanjay Narayan 25 Jun 2020 · 1 min read पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं हम भी रोये नहीं मुद्दतें हो गयीं। पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं। जबसे बेताज वह बादशाह बन गया, पगड़ियों पर बुरी नीयतें हो गयीं। जख्म भी दर्द देते नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 639 Share Sanjay Narayan 25 Jun 2020 · 1 min read खुशामद कभी खुशामद क्यों करे, सक्षम और समर्थ। जो कथनी मुँह से कहे, भिन्न रखे ना अर्थ। भिन्न रखे जो अर्थ, दोगला वह कहलाए। जिसके मन में स्वार्थ, खुशामद में मिमियाए।... Hindi · कुण्डलिया 6 682 Share Sanjay Narayan 24 Jun 2020 · 3 min read अनुशासन समय समय पर अनुशासन शब्द की व्याख्या विद्वानों द्वारा की जाती रही है। अनुशासन, दो शब्दों से मिलकर बना है, अनु+शासन। अर्थात अनु उपसर्ग शासन से जुड़कर अनुशासन का निर्माण... Hindi · लेख 5 7 447 Share Sanjay Narayan 23 Jun 2020 · 1 min read कामयाब कामयाब की नज़र वहीं पर, लगना जहां निशाना है। मंजिल से आधे अंगुल भर, इधर उधर ना जाना है। पाँवों के जेहन में मंजिल , वाले रस्ते बसते हैं, खबर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 382 Share Sanjay Narayan 22 Jun 2020 · 1 min read आश्वासन आश्वासन सबको दिया, निपटाया निज काम। उल्लू सीधा कर लिया, फिर क्यों करे सलाम। फिर क्यों करे सलाम, बेवज़ह तर्क न बनता। अपना बनता काम, भाड़ में जाए जनता। कह... Hindi · कुण्डलिया 4 1 393 Share Sanjay Narayan 22 Jun 2020 · 1 min read माँ बेहतर तो कोई इंसान नहीं होगा। कोई माँ से अधिक महान नहीं होगा। देखा कभी नहीं उसको पर लगता है, माँ से प्यारा तो भगवान नहीं होगा। मेरे सिर पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 532 Share Sanjay Narayan 21 Jun 2020 · 1 min read माँ पर गीत तुम पर कोई गीत भला कैसे लिख पाऊँ? लिखा गया हूँ मैं ही स्वयं तुम्हारे द्वारा। माँ तेरी ममता का पार कहाँ से पाऊँ? कैसे शब्दों का असीम भण्डार जुटाऊँ?... Hindi · गीत 4 2 1k Share Sanjay Narayan 20 Jun 2020 · 1 min read भेद मगर खुलकर आएगा चाहे जितना स्वांग रचा ले भेद मगर खुलकर आएगा। सुख की छाँव, दमकते मुखड़े, दुख की धूप उजागर दुखड़े। जीवन सरिता की धारा में, पाँव लहर पाते ही उखड़े। जब... Hindi · गीत 5 1 250 Share Sanjay Narayan 19 Jun 2020 · 1 min read कुकृत्य सुकृत्य चिल्लाने से कब भला, होइ कुकृत्य सुकृत्य। सत्य सत्य रहता सदा, रहे असत्य असत्य। रहे असत्य असत्य, दबदबा काम न आए। सत्य करे जब नृत्य, डुगडुगी न्याय बजाए। कह संजय... Hindi · कुण्डलिया 7 2 438 Share Sanjay Narayan 19 Jun 2020 · 1 min read कर्मफल सबको मिलता कर्मफल, राजा हो या रंक। राजपाट सब हारकर, बने युधिष्ठिर कंक। बने युधिष्ठिर कंक, ठाठ मिल गए धूल में। पंकज थे अब पंक, कर्म की एक भूल में।... Hindi · कुण्डलिया 5 1 438 Share Sanjay Narayan 18 Jun 2020 · 1 min read मुट्ठीभर आकाश (1) सूरज चाँद सितारों सा एहसास है। मुट्ठीभर आकाश हमारे पास है। माँ तुम पास हमारे तो हमको धरती, इन्द्रधनुष के रंगों वाली घास है। (2) मेरा एक खजाना खास,... Hindi · मुक्तक 5 4 485 Share Sanjay Narayan 18 Jun 2020 · 1 min read दो कंधे मजबूत करूँ साधना राम की, माँगूँ इतनी बूत। बोझ सह सकें सौ गुना, दो कंधे मजबूत। दो कंधे मजबूत, बोझ औरों के बाँटें। बनें देव के दूत, दुखों के गड्ढे पाटें।... Hindi · कुण्डलिया 5 5 415 Share Sanjay Narayan 18 Jun 2020 · 1 min read जिसमें दर्द पिरो देता हूँ तन्हाई में ओंठ भींचकर, अक्सर गाल भिगो लेता हूँ। मुझको कब हसरत मजमें की, खुद से दुखड़ा रो लेता हूँ। बैरी नींद, चैन अनजाने, दीवानों के ये अफसाने। ढूंढ रही... Hindi · गीत 8 4 412 Share Sanjay Narayan 17 Jun 2020 · 1 min read कृतघ्न माता ! उसने मेरे भाई, लाल तुम्हारे , मार दिए हैं। लुकाछिपी कर हम पर उसने, बारम्बार प्रहार किए हैं। वो दुश्मन है माता फिर भी, उससे नातेदारी क्यों है... Hindi · घनाक्षरी 5 2 548 Share Sanjay Narayan 16 Jun 2020 · 1 min read निंदा, ईर्ष्या, रोष नासे बल गुण गृहण को, जो देखो परदोष। अवगुण इतने अहितकर, निंदा ईर्ष्या रोष। निंदा ईर्ष्या रोष, आत्मिक शांति नसाते। मन के बैरी कोष, नोचकर तन को खाते। कह संजय... Hindi · कुण्डलिया 7 1 379 Share Sanjay Narayan 16 Jun 2020 · 1 min read यार सबका है संसार में, स्वार्थपरक व्यवहार। हमको वे ही ठग लिए, जिनको समझा यार। जिनको समझा यार, हमें समझें अविवेकी। सच में बड़ा गँवार, करे जो ज्यादा नेकी। कह संजय... Hindi · कुण्डलिया 8 4 643 Share Sanjay Narayan 16 Jun 2020 · 1 min read दास बैठे भूतल पर सदा, तजि आसन की आस। उदासीन को जगत में, कौन बनावे दास। बनते कभी न दास, हृदय सुख- दुख से रीते। पतझर या मधुमास, एकसम उनके बीते।... Hindi · कुण्डलिया 5 1 676 Share Sanjay Narayan 15 Jun 2020 · 1 min read सात्विक दान दान सात्विक है वही, जानि न पावे कोय। दक्षिण कर के दान की, बामहिं खबरि न होय। बामहिं खबरि न होय, न जाने लेने वाला। रखे स्वयं को गोय, दान... Hindi · कुण्डलिया 9 2 407 Share Sanjay Narayan 15 Jun 2020 · 1 min read घमण्ड फूले मनुज घमण्ड में, पावे नहीं प्रसार। नेकी के पाखण्ड में, रहे सदा बीमार। रहे सदा बीमार, रोग दूजों में झाँके। कर न सके उपचार, स्वयं को बेहतर आँके। कह... Hindi · कुण्डलिया 8 2 437 Share Sanjay Narayan 14 Jun 2020 · 1 min read कद्र समय की कीजिए कद्र समय की कीजिए, समय बड़ा बलवान। सब समान इसके लिए, निर्धन या धनवान। निर्धन या धनवान, गले में बाँधे सुतली। नाचें संत सुजान, समय की ज्यों कठपुतली। तब संजय... Hindi · कुण्डलिया 8 7 510 Share Sanjay Narayan 14 Jun 2020 · 1 min read सरल बना ले भाव पानी हो यदि हरि कृपा, सरल बना ले भाव। सबके भीतर व्याप्त हरि, झपट पकड़ ले पाँव। झपट पकड़ ले पाँव, तुझे वरदान मिलेगा। जिसमे शीतल छाँव, श्रेष्ठ सुवितान मिलेगा।... Hindi · कुण्डलिया 7 2 497 Share Sanjay Narayan 14 Jun 2020 · 1 min read मन के दुख मन के दुख गृह की कलह, द्यूत हार धनहानि। निज सँग छल अपयश व्यथा, प्रकट न करिए जानि। प्रकट न करिए जानि, व्यर्थ हैं गान दान के। लाभ न कछू... Hindi · कुण्डलिया 5 430 Share Sanjay Narayan 14 Jun 2020 · 1 min read तन्हाई अपने पहले प्यार के नाते। इतना ऐहसां तो कर जाते। कुछ तो बातें करतीं मुझसे दीवारों से कहकर जाते। बड़ी सजा है जिंदा रहना, मरने की कुछ जुगत बताते। कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 371 Share Sanjay Narayan 13 Jun 2020 · 1 min read माता पिता (शाम सुहानी रुत मस्तानी) शाम सुहानी रुत मस्तानी, झूमूँ, गाऊँ ये मन है। नए दौर में याद पुरानी, आये तो अभिनन्दन है। हमने दिन के नखरे देखे, रातों को डरते देखा है। धन के... Hindi · गीत 5 2 391 Share Sanjay Narayan 13 Jun 2020 · 1 min read सौग़ात दिवाली होती है तुम जो नहीं तो महफ़िल महफ़िल खाली खाली होती है। जिस महफ़िल में तुम आ जाओ किस्मत वाली होती है। आँखों की खिड़की पर खुशियों की झालर चमचम चमचम दीद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 445 Share Sanjay Narayan 13 Jun 2020 · 1 min read ये अच्छे आसार नहीं (1) टूटी सड़कें ट्रैफिक भारी, ये अच्छे आसार नहीं। पैदल भी चल रहीं सवारी, ये अच्छे आसार नहीं। जोखिम है पर पेट की खातिर, जाने की मजबूरी भी, ऊपर से... Hindi · मुक्तक 7 3 266 Share Sanjay Narayan 12 Jun 2020 · 1 min read नन्हीं छोटी चिड़ियारानी नन्हीं छोटी चिडियारानी पंख तुम्हारे पीले धानी चूं चूं करके कुछ कहती हो अपनी धुन में खुश रहती हो चिडियारानी माह जून का बढ़ा रहा है ताप खून का क्यों... Hindi · कविता · बाल कविता 7 301 Share Sanjay Narayan 12 Jun 2020 · 1 min read आशा के अनुरूप किसको मिलता जगत में, आशा के अनुरूप। सबके मन में कसक है, भिक्षुक हो या भूप। भिक्षुक हो या भूप, माल पर नज़र गड़ी है। उदर बन गए कूप, सभी... Hindi · कुण्डलिया 5 701 Share Sanjay Narayan 12 Jun 2020 · 1 min read अहम अविद्या अहम अविद्या ईर्ष्या लालच घटिया सोंच। प्रगतिमार्ग बाधित करें, ज्यों गति पग की मोच। पग की जालिम मोच, पाँव की बनती बेड़ी। देते घाव खरोंच, दोष ये बड़े खखेड़ी। कह... Hindi · कुण्डलिया 6 437 Share Sanjay Narayan 12 Jun 2020 · 1 min read मां कह दे तो मां कह दे तो चल सिर के बल, गलत राह भी जाऊँगा। मां की डाँट नेह -अमृत- घट, मार पड़े जी जाऊँगा। मीठा, कड़वा, ताज़ा वासी, इसका शिकवा क्या करना,... Hindi · मुक्तक 5 1 402 Share Sanjay Narayan 12 Jun 2020 · 1 min read यह भी कोई बात हुई दिल मेरा उम्मीद तुम्हारी, यह भी कोई बात हुई? ख्वाब तुम्हारे, नींद हमारी, यह भी कोई बात हुई? खुद पर बंदिश रख ली भारी, अब रोको सपने व्यापारी, करते मुफ्त... Hindi · मुक्तक 6 2 222 Share Sanjay Narayan 12 Jun 2020 · 1 min read उसके पाँव बिवाई है ज्यादा गहरी खाई है। अब मुश्किल भरपाई है। जिसने कोर्ट कचहरी खींचा मेरा अपना भाई है। धरे हाँथ पर हाँथ वो बैठा उसके पाँव बिवाई है। शहर छोड़कर बापस आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 1 474 Share Sanjay Narayan 11 Jun 2020 · 1 min read मेरी मुझसे छनती है जब जब मौसम से ठनती है। अपनी किस्मत बनती है। आहिस्ता बढ़ पाती गाड़ी, हवा खिलाफत चलती है। कम रफ्तार बचाती ठोकर, शाम सलामत ढलती है। वर्षा चलती छतरी ताने,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 241 Share Sanjay Narayan 11 Jun 2020 · 3 min read भ्रम या मतिभ्रम बचपन में जब गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस का पाठ करता था तो यदा कदा कुछ चौपाइयों पर अल्पज्ञता के कारण कुछ शंकाएँ उत्पन्न हो जाती थीं जिनके समाधान हेतु अपनी... Hindi · लेख 6 2 622 Share Sanjay Narayan 11 Jun 2020 · 1 min read मेरा ईश्वर पत्थर है सब कहते हैं पत्थर है। पर मेरा तो ईश्वर है। उसे चाहना मेरी पूजा, उसे मनाना मुझ पर है। वह माने या रूठे, ऐंठे, सुख दे दुख दे उस पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 3 234 Share Sanjay Narayan 11 Jun 2020 · 1 min read मैं भी ग़ज़लें गीत लिखूँगा मैं भी ग़ज़लें गीत लिखूँगा झूँठी जग की रीत लिखूँगा। तुमने छुप कर घात किया है तुमको अपना मीत लिखूँगा। हार गया जिसको समझाकर उसकी पक्की जीत लिखूँगा। गा गाकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 2 490 Share Sanjay Narayan 10 Jun 2020 · 1 min read सीख तलबों में चोटियाँ टेकना आ गया। झाँसे की गोटियाँ फेकना आ गया। एक नेता की संगत में था चार दिन, मुझको भी रोटियाँ सेकना आ गया। संजय नारायण Hindi · मुक्तक 6 2 482 Share Sanjay Narayan 10 Jun 2020 · 1 min read आज़ादी मैंने मुझमे से कुछ तुमको बिना दाम दे रक्खा था। अपने इकतरफा रिश्ते को प्यार नाम दे रक्खा था। चाहा था तुम इस बंधन में आजादी महसूस करो। तुम चाहो... Hindi · कविता 6 2 378 Share Sanjay Narayan 10 Jun 2020 · 1 min read तुम्हारे बाद तुम्हारे बाद हमारे पास बचेगा क्या? खारे पानी शुष्क पलाश सिंचेगा क्या? यौवन की सुधियाँ दुख में सुख देंगी पर तन्हाई में यह उल्लास जँचेगा क्या? संजय नारायण Hindi · मुक्तक 6 349 Share Previous Page 3 Next