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11 Jun 2020 · 1 min read

मैं भी ग़ज़लें गीत लिखूँगा

मैं भी ग़ज़लें गीत लिखूँगा
झूँठी जग की रीत लिखूँगा।

तुमने छुप कर घात किया है
तुमको अपना मीत लिखूँगा।

हार गया जिसको समझाकर
उसकी पक्की जीत लिखूँगा।

गा गाकर तुम खुश हो लेना
दर्द भरे कुछ गीत लिखूँगा।

मुझको गम देकर हँसती हो
सच्ची अपनी प्रीत लिखूँगा।

तानों के ताने बाने से
प्यारा सा संगीत लिखूँगा।

प्यार के गम में पागल होकर
हुई प्यार की जीत लिखूँगा।

संजय नारायण

9 Likes · 2 Comments · 458 Views
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