Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jun 2020 · 1 min read

आश्वासन

आश्वासन सबको दिया, निपटाया निज काम।
उल्लू सीधा कर लिया, फिर क्यों करे सलाम।

फिर क्यों करे सलाम, बेवज़ह तर्क न बनता।
अपना बनता काम, भाड़ में जाए जनता।

कह संजय कविराय, यही सर्वोत्तम आसन।
रखे निरोगी काय, निभाओ मत आश्वासन।

संजय नारायण

4 Likes · 1 Comment · 388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
विमला महरिया मौज
... और मैं भाग गया
... और मैं भाग गया
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
राजू और माँ
राजू और माँ
SHAMA PARVEEN
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
गंगा अवतरण
गंगा अवतरण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"समाहित"
Dr. Kishan tandon kranti
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
Rj Anand Prajapati
ज़िंदगी मौत पर
ज़िंदगी मौत पर
Dr fauzia Naseem shad
कागज़ से बातें
कागज़ से बातें
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
Mukesh Kumar Sonkar
शीत लहर
शीत लहर
Madhu Shah
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चंचल मन
चंचल मन
उमेश बैरवा
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
सब विश्वास खोखले निकले सभी आस्थाएं झूठीं
Ravi Ghayal
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
*प्रणय प्रभात*
नयी - नयी लत लगी है तेरी
नयी - नयी लत लगी है तेरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
Phool gufran
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
तेरी ख़ुशबू
तेरी ख़ुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरे प्यारे भैया
मेरे प्यारे भैया
Samar babu
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
Ranjeet kumar patre
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
gurudeenverma198
धरती का बेटा गया,
धरती का बेटा गया,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
एहसास
एहसास
भरत कुमार सोलंकी
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
Loading...