Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2020 · 1 min read

जिसमें दर्द पिरो देता हूँ

तन्हाई में ओंठ भींचकर, अक्सर गाल भिगो लेता हूँ।
मुझको कब हसरत मजमें की, खुद से दुखड़ा रो लेता हूँ।

बैरी नींद, चैन अनजाने, दीवानों के ये अफसाने।
ढूंढ रही हैं बेबस आँखें, कहाँ छिपे हैं ख्वाब न जाने।
शब गुजरी पर नहीं जहन को, मिले गीत के ताने बाने।
ये मेहमान न करते शिरकत, गर दुख दर्द न हों सिरहाने।
इन गैरों को खुश करने को, खुद पर काबू खो देता हूँ।

खुद ही गीत लिखा गाया है, अपना दिल यूँ बहलाया है।
जीवन भर की सरगम खोकर, बस इतना अनुभव पाया है।
सुनने वाली रसनाओं से, तब तक वाह नहीं निकली है।
जब तक गीत सुनाते गाते, दिल की आह नहीं निकली है।
गीत वही भाता है सबको, जिसमें दर्द पिरो देता हूँ।

संजय नारायण

Language: Hindi
Tag: गीत
8 Likes · 4 Comments · 398 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भक्त गोरा कुम्हार
भक्त गोरा कुम्हार
Pravesh Shinde
माँ तुझे प्रणाम
माँ तुझे प्रणाम
Sumit Ki Kalam Se Ek Marwari Banda
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
भाव  पौध  जब मन में उपजे,  शब्द पिटारा  मिल जाए।
भाव पौध जब मन में उपजे, शब्द पिटारा मिल जाए।
शिल्पी सिंह बघेल
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
gurudeenverma198
तन्हाई
तन्हाई
Surinder blackpen
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बढ़ना होगा
बढ़ना होगा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
शेखर सिंह
फोन नंबर
फोन नंबर
पूर्वार्थ
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल
पंचतत्वों (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के अलावा केवल "हृद
Radhakishan R. Mundhra
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
नूरफातिमा खातून नूरी
चलो सत्य की राह में,
चलो सत्य की राह में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
गम के बगैर
गम के बगैर
Swami Ganganiya
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
यदि  हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
यदि हम विवेक , धैर्य और साहस का साथ न छोडे़ं तो किसी भी विप
Raju Gajbhiye
केशों से मुक्ता गिरे,
केशों से मुक्ता गिरे,
sushil sarna
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तन्हा
तन्हा
अमित मिश्र
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
झोली मेरी प्रेम की
झोली मेरी प्रेम की
Sandeep Pande
जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं,
जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं,
Shubham Pandey (S P)
विजय हजारे
विजय हजारे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
दिल की गुज़ारिश
दिल की गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
Taj Mohammad
"आशिकी में"
Dr. Kishan tandon kranti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
Ravi Prakash
Loading...