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3 Apr 2024 · 1 min read

चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम

चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम।
मैं मस्त हूँ अकेले में, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।

जब कोई साथ नहीं दे, किस काम के हैं दोस्त हजार।
नहीं है कोई दोस्त मेरा, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।

बुलाते हैं अपने भी, जब हो कोई उनको मतलब।
लेकिन नहीं वो साथ मेरे, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।

करके देखा है प्यार भी, वो थे मगर सौदागर।
काबिल चाहे उनके नहीं, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।

मुझमें नहीं कोई कमी, हिम्मत है मुझमें जीने की।
ख्वाब अगर कोई पूरा नहीं, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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