*** ” तुम आंखें बंद कर लेना…..!!! ” ***
** उजालों में.. ,
जब कोई नज़र न आए….! ,
मुश्किल घड़ी में… ,
जब किसी का साथ छुट जाए…!!
मन की आश जब कभी..
बिखर जाए….! ,
अगर तुमको…
जब कोई बहकाए…!!
फिर…
तुम अपनी आंखें बंद कर लेना..!
और….
अंतरात्मा की कुछ सुन लेना…!!
मुमकिन है कि…
हम-तुम कुछ झूठ कहें….!
पर…
अंतर्मन जो कहे तुम सुन लेना…!!
*** जीवन की पल-पल जब….,
” आरी ” सी कुछ धारी हो जाए…!
जब ग़म खुशियों पर…
अति भारी हो जाए…!!
मन की सोंच…
जब भी मुश्किल में पड़ जाए…!
अरमानों की मंजिल…
किसी बीच राह में..
जब धूमिल नज़र आए…!
तुम थोड़ी देर मन को…
कुछ समाझना…!
फिर…
तुम आंखें अपनी बंद कर लेना…!!
और…
अंतरात्मा की कुछ सुन लेना…!
मुमकिन है कि…
हम-तुम कुछ झूठ कहें…..
पर….
अंतर्मन जो कहे तुम सुन लेना……!!
अंतर्मन जो कहे तुम सुन लेना…..!!!
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* बी पी पटेल *
बिलासपुर ( छ . ग . )
०८ / ० ८ / २०२१