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30 May 2023 · 1 min read

मेरे भगवान

व्यथित तन
आपमें विश्राम पाता है
उद्विग्न मन
आपके स्पर्श से शांत हो जाता है
उड़ना चाहूं
तो आपकी बाहें मेरा आकाश है
तड़पती भावनाओं को
समा लेने वाला सागर आप है
सांसों की लय
ह्रदय का स्पंदन
सब आपकी वायु से संचालित
है, मुझमें
बोलिए हुए न आप मेरे भगवान।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 391 Views
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