Feed Posts Books Authors Trending List Grid Previous Page 3 Next Neeraj Agarwal 23 May 2024 · 1 min read पर्यावरण शीर्षक - पर्यावरण ************** हरा भरा हम पर्यावरण बनाते हैं। पेड़ पौधों का सहयोग करते हैं। अपने पर्यावरण को बचाते हैं। सांसों के साथ हम पर्यावरण समझते हैं। हम सभी... Hindi · कविता 10 Share Lalni Bhardwaj 23 May 2024 · 1 min read 9. पहचान हर कुंड से निकलती है एक छोटी सी धारा ।। तय करती है जो दूरियां थोड़ी सी दूर_ अक्सर _ टकरा जाती है अडिग -अविचल पत्थर से वह, कोई छिटक... Poetry Writing Challenge-3 5 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 23 May 2024 · 1 min read विवश लड़की वह लड़की कर रही है अंतहीन संघर्ष। पथरीली डगर तपती दुपहर नंगे पैरों ही तय कर रही सफर। हर कदम पर घूरती नजरे देख-देख कर सिहरता अंतर। दर्द का सागर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 3 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read निर्मल भक्ति निर्मल भक्ति मानव जीवन एक फुलवारी , जिसके हैं माली गिरिधारी । प्रेम-सिंचन से फैले हरियाली, भक्ति से महके डाली-डाली। माया की प्रकृति है काली, जीव -बुद्धि भ्रमित कर डाली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share Mukesh Kumar Rishi Verma 23 May 2024 · 1 min read सूचना *गुरु पूर्णिमा पर्व के शुभ अवसर पर गुरु रत्न सम्मान -2024 हेतु सम्मानार्थ प्रविष्टियाँ आमंत्रित हैं ।* ---------------------+++++------------------------ *गुरु रत्न सम्मान- 2024* विश्व गंगा वाहिनी एवं शोध संस्थान (रजि.) द्वारा... 6 Share gurudeenverma198 23 May 2024 · 1 min read तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत तुझे हिन्द कहे या भारत, हर दिल करें तेरा स्वागत। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत-------------------------।। उत्तर में खड़ा हिमालय, सरहद पर देता... Hindi · गीत 9 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read फकीर का बावरा मन फकीर का बाँवरा मन हृदय का स्पन्दन कहता है। तू मेरे दिल में रहता है। जब सारा जग सोता है। मन मेरा तुझमें रमता है। दिन और रात का ध्यान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 23 May 2024 · 1 min read जलधर धरती तपती जलता अंबर, कहाॅं खोए हो बोलो जलधर? पलक बिछाए कृषक निहारे, क्यूं ना अब तक आप पधारे? सारी आस टिकी है तुम पर, कहाॅं खोए हो बोलो जलधर?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read सच्ची प्रीत सच्ची प्रीत प्रीत की रीत पुरानी हार पर जीत सयानी मिलन-वियोग की कहानी दुनिया ने है बखानी। मिलन का जो होता आनन्द वियोग बिना न पहचानी। रास में अनुभूत परमानन्द,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read भावुक हृदय भावुक हृदय भावुक हृदय में ही होता प्रेम का संचार। स्व व्यथा क्या ? पर-व्यथा में बहती अश्रुधार। मातृप्रेम ही होता इसका आधार। राष्ट्रप्रेम का होता यह आगार । सद्गुणों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Dr Archana Gupta 23 May 2024 · 1 min read चाय दिवस प्यालियाँ चाय की प्यालियाँ प्यालियाँ चाय की प्यालियाँ हाथ में चाय की प्यालियाँ सर्दियाँ हो या हों गर्मियाँ भोर की ये तलब हैं अगर शाम की हैं ये बेचैनियाँ प्यालियाँ... Hindi · चाय दिवस 1 26 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read भक्ति- निधि भक्ति - निधि भक्ति की अनमोल निधि, मिलती हमको किस विधि। जब होता इसका भान, प्रभु की मिलती सन्निधि । प्रभु-कृपा से होता संज्ञान, हृदय से मिटता सारा अज्ञान। सृष्टि-रहस्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read वसंत पंचमी वसंत पञ्चमी माँ सरस्वती का दिन स्मरण रहे पल छिन। कहता वसंत पंचमी का दिन, मनुष्य न रहे ज्ञान बिन । अज्ञान से जब मन हो मलिन तब ज्ञानदीप करे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 6 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम कमल नयन कहते है तेरे ऐसे मोहे पनघट पर ना छेड़ें। विभूषित सुभाषित हर एक कण हुआ है, आज हृदय में एक प्रतिबिंब बना है । टीस मची एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read माहौल माहौल शब्द शब्द धरा धरा ये है मेरी वसुंधरा आक्रांत विप्लव गान चला बह गई सारी सुधा निशी से निशाचर गए है उड़ उफ़ ये कैसा ताल बजा सुधीजन, गणमान्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Lalni Bhardwaj 23 May 2024 · 1 min read 8.सूरज मत हुआ करो उदास, सूरज मत हुआ करो उदास, सुन लो बस मेरी यह बात । तुम ढलते हो तो सब संसार, सुस्ताने लगता है आर पार, अंधकार आता है जब बांहें पसार, कहते... Poetry Writing Challenge-3 4 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read दायरा दायरा आलीशान बंगलों में रहने वाली खूबसूरत स्त्रियाँ , हसीं का लबादा ओढ़े कोने में सिसकती बेचारियाँ। इच्छाओं को तिलांजलि दे हाँ में हाँ मिलाने वाली मध्यमवर्गीय स्त्रियाँ दिन रात... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 1 5 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read हिलमिल हिलमिल मेरा रंग चाय में दूध कम मेरी आँखें गोधूली में सब घर को भागे मेरी नाक अरावली का पहाड़ मेरी मुस्कान शांत समुंदर में आया तूफ़ान मेरा मैं तेरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read अन्तर्मन अन्तर्मन अन्तर्मन का सत्य कथन यदि सुनता मानव- मन न होता भ्रष्टाचार न ही कोई दुराचार करुणामय होता संसार समता होती नर हो या नार। अधिकार होते संरक्षित किसी से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 4 Share VINOD CHAUHAN 23 May 2024 · 1 min read है बुद्ध कहाँ हो लौट आओ हे बुद्ध। कहाँ हो लौट आओ उपदेश वही सबको दे जाओ है जरूरत आन पड़ी फिर से भटके हैं समझ कोई दे जाओ हे बुद्ध कहाँ हो................. सम्राट अशोक ने... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 6 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read प्रभु -कृपा प्रभु-कृपा प्रभु-चरणों की है आस । उनसे ही चलती है श्वास । कण-कण में उनका है वास । यही हमारा है विश्वास । माया का जो है पाश । उससे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 23 May 2024 · 1 min read Bundeli doha-fadali बुंदेली दोहा- फदाली खुटखुट भीतर पैड़ दे, मन खौं करै खराब। करम फदाली कौ गिनै, 'राना' नँईं हिसाब।। 🤔🤑🙏 'राना' इतनौ जानतइ, जितै फदाली हौंय। अच्छे साजै लोग भी, मुड़िया... Poetry Writing Challenge-3 · Bundeli In Bundelkhand · Bundeli Kavita · Rajeev Namdeo Rana LidhorI · दोहा · राजीव नामदेव राना लिधौरी 7 Share Dr. Upasana Pandey 23 May 2024 · 1 min read आने वाला कल आने वाला कल जीने की चाहत व्यथाओं से आहत इस तरह आज होती जा रही, जिस तरह धूप की तपिश मौसम की दबिश फूलों को तार-तार करती जा रही। है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 11 Share Lalni Bhardwaj 23 May 2024 · 1 min read 7.प्रश्न आखिर वह कौन सी बातें हैं ? जहां दिन भी अंधेरी रातें हैं । कोहरे की मैली चादर में ---- आशाएं भी पंख फैलती हैं । आखिर वह कौन सी... Poetry Writing Challenge-3 4 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 23 May 2024 · 1 min read बुंदेली दोहे-फदाली बुंदेली दोहा - फदाली *1* नँईं फदाली हैं करत, कौनउँ साँसी बात। उनखौं तौ आतइ मजा, #राना जित हो घात।। *** *2* स्वाँग फदाली दें रचा, पैड़ें मन में खोट।... Poetry Writing Challenge-3 · Bundeli Doha · Bundeli Poems · दोहा साहित्य · बुंदेली · राजीव नामदेव राना लिधौरी 6 Share Awadhesh Singh 23 May 2024 · 1 min read चश्मा चश्मा ****** आँखें आज भी वैसी ही है जिसमें लहराता है झिलमिल आशाओं का अनंत आकाश हमारे अपने गढ़े ढेरों विश्वास आँखों पर चश्मा लग गया है मोटे ग्लास की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 23 May 2024 · 1 min read मन को दीपक की भांति शांत रखो, मन को दीपक की भांति शांत रखो, क्योंकि बड़ा निर्णय शांत मन से ही लिया जा सकता है। Quote Writer 7 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 23 May 2024 · 1 min read शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है ) *शि* #शिवजन्य, सिंह शौर्यसी सौष्ठव कुंजरो सा बलशाली *वा* #वारो का कर खंडन,संशय विस्मरण हुंकार मराठों की थी शक्तिशाली *जी* #जीजा जननी के प्रश्रय में प्रतिष्ठ,पराक्रमी प्रबल प्रतिद्वंदी बने सोई... Poetry Writing Challenge-3 5 Share *Author प्रणय प्रभात* 23 May 2024 · 1 min read 👏बुद्धं शरणम गच्छामी👏 👏बुद्धं शरणम गच्छामी👏 कह के गए तथागत, तम किसलिए है पाला। मन का जला के दीपक, पैदा करो उजाला।।" 👌प्रणय प्रभात👌 Quote Writer 1 5 Share गुमनाम 'बाबा' 23 May 2024 · 2 min read मोदी ही क्यों?? हाय-हाय मोदी चिल्लाने वालो! नित्य नए झुंड बनाने वालो! फर्जी लोकतंत्र बचाने वालो! क्या बात बतलाओगे? मैं जन के कुछ प्रश्न करूँगा क्या खुशी-खुशी सह पाओगे? यदि हाँ! तो सबकी... Hindi · कविता 24 Share भरत कुमार सोलंकी 23 May 2024 · 1 min read क्यो नकाब लगाती " क्यो नकाब लगाती हो।" सफर पर जाने वाली मुसाफिर तु आपनी सुरत पर क्यों नकाल लगाती है। क्यो घृणित कार्य करने वाली शातिर अपनी सुरत पर उठने वाले जवाब... Hindi · कविता 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 23 May 2024 · 2 min read कोई विरला ही बुद्ध बनता है आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सभी को बधाईयां एवं। शुभकामनाएं।आज मन में विचार आया की आज से 2500 वर्ष पूर्व एक युवक के मन में कुछ दृश्यों को देख... Hindi · लेख 11 Share भरत कुमार सोलंकी 23 May 2024 · 1 min read क्यो नकाब लगाती हो " क्यो नकाब लगाती हो।" सफर पर जाने वाली मुसाफिर तु आपनी सुरत पर क्यों नकाल लगाती है। क्यो घृणित कार्य करने वाली शातिर अपनी सुरत पर उठने वाले जवाब... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 6 Share Ravi Prakash 23 May 2024 · 1 min read *करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ (कुंडलिया)* *करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ (कुंडलिया)* _________________________ करते हैं पर्यावरण, कछुए हर क्षण साफ जो कछुओं को मारते, करिए उन्हें न माफ करिए उन्हें न माफ, मरी मछली... Hindi · कुंडलिया 2 4 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 May 2024 · 1 min read मनुष्य आज ऐसा कुछ करो कि सत्य की विजय हो ना मन में शंका-संशय ना मृत्यु का भय हो। पग थमे ना आज तेरे तू हो केवल अग्रसर तेरी वाणी की... Hindi 4 Share VINOD CHAUHAN 23 May 2024 · 1 min read भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं भूल जाऊँ तुझे भूल पता नहीं कुछ भी तेरे सिवा मुझको भाता नहीं ढुंढू कहाँ तुमको आवाज दूँ कुछ भी दिल को समझ आता नहीं ढूंढता फिर रहा दरबदर मैं... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 5 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read पुरानी यादें मुकम्मल एक चिराग़ था मय्यसर रोशनी के लिए, यहाँ तो एक चिराग़ नें श्मशान बना डाला। कहाँ ढूँढती फिरूँ वो लौ जो मुझमें थोड़ी सी रोशनी भर दें, यहाँ तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read निश्छल प्रेम की डगर निच्छल प्रेम की डगर निश्छल प्रेम की डगर अति सीधी जहाँ तनिक भी व्यापार नहीं। राह में आये काँटे, चाहे आये पत्थर घनघोर सभी। प्रेम के भाव को ना बदल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read लड़कपन लड़कपन उन दिनों की खुमारी ही अलग होती थी दो चोटियाँ, साइड से माँग निकाले खूब ख़ुशबू वाला पाउडर लगा के किसी से अपने को कम ना समझना काजल की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Neeraj Mishra " नीर " 23 May 2024 · 1 min read आत्म साध्य विचार आत्म साध्य कर भाग दौड़ के जीवन से वक्त निकाल शांति की खोज में घूम आया शमशान मैं देख धधकती चिताओं को भ्रम जीवन का छोड़ आया मैं वक्त जब... Poetry Writing Challenge-3 · आत्मप्रश्न · आत्मसाध्य · आत्मा 1 6 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read लड़कपन लड़कपन उन दिनों की खुमारी ही अलग होती थी दो चोटियाँ, साइड से माँग निकाले खूब ख़ुशबू वाला पाउडर लगा के किसी से अपने को कम ना समझना काजल की... Hindi · कविता 1 7 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 1 min read गुजरा जमाना गुजरा जमाना उन दिनों का प्यार बड़ा सादा था दूर दूर से देखने में जाने कितने महीने गुजर जाते थे, फिर कहीं जाके चिट्ठी का व्यापार शुरू होता था, वही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Juhi Grover 23 May 2024 · 2 min read नारी जाति को समर्पित बहुत सुना ली सब को अपनी व्यथा, अब न तू समाज में बस मज़ाक बन, अबला, असहाय, कमज़ोर न तू बन, तू खुद अपनी अब बस पहचान बन। अन्धे, गूंगे... Poetry Writing Challenge-3 · अग्निकुण्ड · इतिहास · कविता · नारी · समर्पित 7 Share Dr.Archannaa Mishraa 23 May 2024 · 2 min read माँ माँ माँ ही नारायणी माँ ही लक्ष्मी माँ ही करमवीर हैं। माँ के आगे चलती ना किसी की एक हैं । मुसीबत , विपदा कोई आ जाएँ माँ बन के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share सुनीलानंद महंत 23 May 2024 · 1 min read "" *समय धारा* "" "" *समय धारा* "" ************* *चले* समय की धारा बहती, कब कहाँ ये रूकती है ! संग ले चले सबको बहाती....., ना कहीं ठहरे, अनवरत बहती है !!1!! *पलें* समय... Hindi 7 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 23 May 2024 · 1 min read कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार) कितने सावन बीत गए.. बीत गए कई तीज त्यौहार ना दिवाली की रौनक देखी ..ना राखी की प्यार... रूखी बीते तुम बिन .…..कई फागुनबयार तुम बिन कई चौथे बीती.. बिसरी... Poetry Writing Challenge-3 7 Share Juhi Grover 23 May 2024 · 1 min read प्यार के ढाई अक्षर हम तुम्हारे लिए रातों की नींद खो बैठे, और तुम किसी और को ही दिल दे बैठे। हमारी चाहतों का क्या परिणाम दिया, जहाँ आगाज़,वहीं पे ही अन्जाम किया। क्या... Poetry Writing Challenge-3 · अन्जाम · आगाज · इकरार · कविता · परिणाम 6 Share Neeraj Mishra " नीर " 23 May 2024 · 1 min read अंधेरा छाया पलक झुकी तो, फलक तक , अंधेरा छाया है कमी कमी किसकी समझ नही आया दो जिस्म एक जान थे फिर क्या हुआ हुआ यूं एक के हिंसे खुशी दूसरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share नेताम आर सी 23 May 2024 · 1 min read राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक, हो गये तो अनर्थ हो जाएगा। हम अपने सुरक्षा के लिए, कहीं हथियार, रख लिये तो अनर्थ हो जाएगा। राजनैतिक फायदे के लिए .... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share पं अंजू पांडेय अश्रु 23 May 2024 · 1 min read मोहे वृंदावन न भायै, .....(ऊधो प्रसंग) विरह ,व्यथित , व्याकुल,अंतर्मन उधो....मोको अति सतावत,… बन मृगया इत ऊत डोलै मन, बिनु गिरधारी मोहे वृंदावन न भायै, चंचल चितवन रिझावत अति निको लागै .. ज्यों बरसे नैन नीर..... Poetry Writing Challenge-3 6 Share Previous Page 3 Next