Rashmi Sanjay 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Rashmi Sanjay 12 May 2022 · 2 min read 'तुम भी ना' मैं पिछले कुछ दिनों से अजीब हरकतें करने लगी थी, कभी बार-बार चहलकदमी करने लगती तो कभी भविष्य की चिंता में फूट-फूट कर रो पड़ती। मेरे कानों में शिल्पम की... Hindi · कहानी 2 2 497 Share Rashmi Sanjay 5 May 2022 · 1 min read 'मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे' मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे। हिल गया था ये आंचल कभी ज़िक्र पर, जब अदब से मुझे याद तूने किया। तेरी यादों में बस मेरी तस्वीर थी,... Hindi · कविता 3 6 298 Share Rashmi Sanjay 1 May 2022 · 1 min read एक मजदूर एक कर्मठ और सृजनशील मजदूर नहीं मनाता मजदूर दिवस वो लीन रहता है अपने दैनिक कर्मों में निरंतर.. निर्मित कर देता है भवन, बगीचा, अनेक यंत्र, नहीं करता है षडयंत्र,... Hindi · कविता 3 4 518 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 1 min read 'माँ मुझे बहुत याद आती हैं' जब तरल सुबह, तपती बातें, मन उद्वेलित कर जाती हैं। होठों पर स्मित सजल लिये, माँ मुझे बहुत याद आती हैं।। पक्षी कलरव और पत्तों संग, सड़कें सजती-सुसताती हैं। तब... Hindi · कविता 2 4 314 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 1 min read मुसाफिर चलते रहना है तुम्हें बस चलते रहना है। मुसाफिर चलते रहना है।। ये मन काॅंपे या डर जाए या तूफां से सिहर जाए मिले ऑंधी भी पथ पर या अंधेरा दिन में घिर... Hindi · कविता 1 321 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 3 min read समीक्षा -'रचनाकार पत्रिका' संपादक 'संजीत सिंह यश' 'रचनाकार प्रकाशन' द्वारा प्रकाशित साहित्य और संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका (जनवरी माह, 2022), जिसके प्रधान संपादक आदरणीय 'संजीत सिंह यश' जी हैं, जब ऑंखों के सामने आई तो मन सहसा... Hindi · पुस्तक समीक्षा 4 4 1k Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 2 min read पुस्तक समीक्षा-"तारीखों के बीच" लेखक-'मनु स्वामी' पुस्तक समीक्षा-"तारीखों के बीच" लेखक-'मनु स्वामी' मन के साथ-साथ पलकें भी सजल हो पड़ीं, जब "तारीखों के बीच" पुस्तक हाथों में आई...एक अनदिखा अपनापन अनायास ही हाथों से लिपट गया।... Hindi · पुस्तक समीक्षा 2 2 795 Share Rashmi Sanjay 24 Apr 2022 · 1 min read 'याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से' हर पहर जीवन की सरगम साधते से, याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से । बरस उनके बिन गये रीते सभी, मधुर लम्हें मन से ना बीते कभी, पल रूलाते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 10 17 832 Share Rashmi Sanjay 22 Apr 2022 · 1 min read मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ.. मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ.. मेरी आँखों से उलझा जो.. आँसू! उसको बहला जाओ । मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ।। जो तेरे साथ बिताए क्षण, वो आज हुए स्मृति के कण ।... Hindi · कविता 2 2 260 Share Rashmi Sanjay 12 Apr 2022 · 1 min read 'प्रिय! नैनो ने चुन लिया तुम्हें' प्रिय नैनो ने चुन लिया तुम्हें छू लिए तुम्हारे चरण रहा नहीं बाकी फिर कोई मिलन साँसों ने कर लिया भावों का सत्कार परोस दिया इच्छाओं के व्यंजन का थाल... Hindi · कविता 1 2 231 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read बहुत सूनी ये होली है प्रिये इस बार आ जाओ, बहुत सूनी ये होली है बनो रंग मुझपे छा जाओ, बहुत सूनी ये होली है। सुधि बनकर वधू बैठी सजी सपनों की डोली में समेटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 164 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read धूप पूजती पाॅंव धरा के सप्तर्षि का कंगन पहने अंबर कुछ मुस्काता है। धीमे-धीमे, सॅंवर-सॅंवर कर चंद्र किरण बिखराता है।। धूप पूजती पाॅंव धरा के जलधि प्रणाम सुहाता है।। डोल-डोल कर मलय प्रफुल्लित सरगम गान... Hindi · कविता 296 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read 'ऑंखें छलक रही हैं' ऑंखें छलक रही हैं, सपनों की जान लेकर तुमको भी क्या मिला है ये इम्तेहान लेकर किस आग ने किया है इस चांदनी को पीला अब चाँद भी दुःखी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 147 Share Rashmi Sanjay 22 Mar 2022 · 1 min read 'पुकारो कलम से कोई मीत साथी' डुबो दो खुशी में, लिखो न उदासी। तुम्हें फिर है लिखना कोई गीत साथी।। भरो भावनाएं अलंकृत करो नेह, पुकारो कलम से कोई मीत साथी।। पुकारो कलम से कोई मीत... Hindi · कविता 179 Share Rashmi Sanjay 22 Mar 2022 · 1 min read जल को व्यर्थ बहायें क्यों! आओ हाँथ बढ़ा कर हम सब, जल को एकत्रित कर लें। खेत और खलिहान की भावी पीढ़ी को चित्रित कर लें। मिलें भरे घट, जल-असुवन से, सलिला कहीं मिले निष्ठुर।... Hindi · कविता 344 Share Rashmi Sanjay 2 Mar 2022 · 9 min read अनोखा प्रेम "सुनिए अनमोल जी!" मेरे कानों में जैसे ही आवाज पड़ी, मैं थरथरा उठी ... वहीं जम गये मेरे पैर, जड़ सी हो गई मैं । आप ! आपकी आवाज !... Hindi · कहानी 1 2 354 Share Rashmi Sanjay 12 Feb 2022 · 1 min read प्रेम भरी पाती प्रेमभरी प्रियतम पाती तेरी ख़ातिर लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर सोचा था क्या-क्या कहने जाऊॅंगी मैं भावों की नद में बहने जाऊॅंगी मैं जली नेह से मन बाती तेरी... Hindi · कविता 245 Share Rashmi Sanjay 8 Feb 2022 · 1 min read अंधेरे की चीख़ अक्सर जब अकेला अंधेरा.. कसमसा कर चीख पड़ता है.. तब चौंक पड़ती हैं ऑंखों की पुतलियाॅं फिर अनिवार्य रूप से सक्रिय हो उठते हैं अंर्तभाव! और उलझ पड़ते हैं शब्दों... Hindi · कविता 1 354 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2022 · 1 min read क्षितिज भर व्यथा ना दिल में गम, न बेताबी, ये कैसी है सजा देखो । हंसाती भी, रूलाती भी, मुहब्बत की अदा देखो ॥ था ये इसरार ख्वाबों का, मिलन की रात को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 291 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2022 · 1 min read कुछ आवाजें कभी मर नहीं सकतीं एक वो आवाज़, जिसे बचपन की लोरी में गुथा पाते थे, जिसे मां की गुनगुनाहट सहेजे रहती थी, जिसकी मधुरता आंचल से छनकर आती धूप की तरह सुख देती थी,... Hindi · लेख 1 236 Share Rashmi Sanjay 5 Feb 2022 · 1 min read फिर ऋतुराज कनखियों देखें.. चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 2 444 Share Rashmi Sanjay 1 Feb 2022 · 1 min read मुझको जाना पड़ेगा वज़्म में, उसका दुशाला ..ओढ़ कर जाना पड़ेगा बाद मुद्दत तल्खियों को छोड़ कर जाना पड़ेगा थी मोहब्बत भी कभी, नज़रें बता देंगी उसे सामने उसके, मुझे मुॅंह मोड़ कर... Hindi · मुक्तक 2 483 Share Rashmi Sanjay 17 Jan 2022 · 1 min read समझौता जीवन के हर एक क्षण से समझौता हम करते आए! पर पीड़ा उर मे ढाँपे विस्मृत खुद को करते आए!! पड़ा सीखना प्रबल गति की आशा को बंधन देना! अपनो... Hindi · कविता 215 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'मीठी साँझ जगाये रखना' खुद पर आँख लगाए रखना अपनी बात बचाए रखना दौर बुतों संग जीने का है हर पल शीश झुकाए रखना बाँटों लंगर जी भर-भरके थाली एक सजाये रखना चेहरा गीला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 251 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'अनोखा रिश्ता' रिश्तों पे ठिठकी फ़क़त उलझने थी! ना वो तुम रहे थे ना वो मैं बची थी!! कभी जो थी तेरी ये स्मित अकेली नयन बिन थे सपने नमी इक सजी... Hindi · कविता 463 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read प्रेम लजाये चेहरे पर! विश्वास की आभा खुशियाँ भर रौनक ढ़लकाये चेहरे पर! तुम साथ रहो इक दूजे के बस प्रेम लजाये चेहरे पर!! अकसर मीठे एहसास तेरे चुप अधरों पर दिख जाते हैं!... Hindi · कविता 423 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'दोस्तों की याद में' यादों भरी फिर सुबह आ रही है.. ये बारिश नयन को डुबो जा रही है.. वो मुस्कान खुद की, वो बातें..वो किस्से! वो परछाईं बनते थे लगते फ़रिश्ते! अकेले भला... Hindi · कविता 243 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'छूना कुछ नज़ाकत से' अगर शब्दों से भी छूना तो छूना कुछ नज़ाकत से बड़ी बारीक यादें है मिली दिल को विरासत में नहीं हैं डर प्रलय का भी मोहब्बत हो गई जब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 409 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'था वो एक ज़माना' था वो एक ज़माना! बस अपना ख़ज़ाना!! वो आसक्ति उन्मुक्त हो के जताना! वो टीका लगा के लजाना लुभाना!! वो जी भर के आँसू से बातें बताना! था वो एक... Hindi · कविता 2 4 538 Share Rashmi Sanjay 10 Jan 2022 · 1 min read साठ की पदचाप! फिर से ना छेड़ो प्रिय आयु की बात.. सुनने दो मुझको साठ की पदचाप! सुनते रहे अबतक सबकी हर बात.. यादों के लम्हात.. उलझे बात बे बात.. चांदी भी सिमट... Hindi · कविता 2 2 317 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read 'वृद्ध हाथों को न छोड़ो' जीत लो रिश्तों की बाजी, कुछ ज़रा झुक जाओ अब! गर उपेक्षित हो रहे अपने, तो फिर रूक जाओ बस! झाॅंक लो कुछ पास में, बहते नयन हैं तो नहीं?... Hindi · कविता 2 2 319 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read 'तुम्हारी सोहबत' अच्छा लगता है.. तुम्हारे भावों के खा़मोश मशवरों की सोहबत में रहना ! बहुत मासूमियत से मेरे जीवन में घुले हो तुम! अपने नाजुक ख्यालों के साथ! अच्छा लगता है..... Hindi · मुक्तक 1 244 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read यादों के पहाड़ों पर तुम्हे पता है ... यादों के पहाड़ों पर.. तुम्हारे प्रेम की वो अनुगूॅंज ! आँख मिचमिचाते सपनों को लगा लेती है गले से ! और मुझे.. हमेशा अच्छा लगता है..... Hindi · मुक्तक 218 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read प्रेम का सृजन कभी हम साथ होगें.. कल्पनाओं के सघन वन में... कभी बेबाक यादें जी रही होंगी तेरे घर में.. मुझे पुचकार लेना गर कभी रूठी मिलूं तुमसे ... मुझे तुमने गढ़ा... Hindi · मुक्तक 2 462 Share Rashmi Sanjay 1 Jan 2022 · 1 min read रहें निरोगी लोग.. बरसें खुशियाॅं सदन में, रहें निरोगी लोग झिलमिल सपनें पूर्ण हों, लगे न कोई रोग! स्वरचित रश्मि लहर लखनऊ Hindi · दोहा 190 Share Rashmi Sanjay 31 Dec 2021 · 1 min read अलविदा 2021 विध्वंसक था साल पुराना.. चला अलविदा अब कह कर ! स्वागत कर लो नये वर्ष का.. नव-आशा से मन भर कर ! स्वरचित रश्मि लहर लखनऊ Hindi · कविता 496 Share Rashmi Sanjay 31 Dec 2021 · 1 min read साथ वो ऊपरवाला है बदल रहे हम लम्हें-लम्हें.. साथ वो ऊपरवाला है। जो जीवन में मिला, बचा है उसका वो रखवाला है! स्वरचित रश्मि लहर लखनऊ Hindi · मुक्तक 1 2 203 Share Rashmi Sanjay 30 Dec 2021 · 1 min read ये संसार लगा प्यारा है! सपने मेरे ढेरों-ढेर गुड़िया संग करती मैं सैर हाथ पकड़ते पापा मेरे मम्मी साथ घूमती मेले अपनी ये दुनिया अच्छी है परियां भी लगती सच्ची हैं सावन के झूले मन... Hindi · कविता · बाल कविता 263 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read मेरी सुनो ना.. जरा संग हो ना! मेरी सुनो ना.. जरा संग हो ना! फिसलता सा हर पल जरा थाम लो ना। यूं खुद को समेटे थका जा रहा हूं उचाटी है मन में न सो पा... Hindi · कविता 1 347 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था! बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था! छूटना यूं अकेले, ज़रूरी था क्या? छोड़ जबसे गये, मैं नहीं जी सकी हाॅं मरी भी नहीं, पर कहाॅं जी सकी? एक बेटी... Hindi · कविता 200 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read चुप्पियां छोड़ दो.. वो भी कहते रहे चुप्पियाॅं छोड़ दो शर्त मेरी भी थी तल्खियाॅं छोड़ दो ग़ैर वाजिब भी तुम दाम लेते रहो बात ये मान लो अर्थियाॅं छोड़ दो ठंड में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 230 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read 'अंगना' घने दरख्तों साथ जुड़ा था, कोने कोने से घर अंगना। छोटा था, पर, जगह बड़ी थी, इठलाता था अक्सर अंगना।। रंगबिरंगी चौक पूरती, सर ढाॅंपे था अक्सर अंगना। नृत्य, भजन,... Hindi · कविता 1 4 506 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 2 min read सांता क्लॉज़ सांता क्लॉज़ बहुत जल्दी में था, अपने स्वभाव के अनुरूप उसने सभी को ढेरों खुशियां दे डाली थीं, अब वो निश्चिंत था कि बच्चे और उनके अभिभावक बहुत खुश थे।... Hindi · लघु कथा 1 415 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read मेरी नासमझी थी वो.. मेरी नासमझी थी वो.. शाखों से लिपटी शबनम को अपनी थरथराती उॅंगलियों से छू लेना! और ज़ुदा कर देना उनको.. हां सच! मेरी नासमझी थी.. मुट्ठी में छुपा कर कोने... Hindi · मुक्तक 546 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read ज़िंदगी एक किताब है.. ज़िंदगी वो किताब है.. जिसमें संकलित हैं.. प्रेम की झील पर तैरते अबोध.. अप्रवासी पक्षियों का अनौपचारिक अनुबंध! यर्थाथ को समेटती संवेदनाओं के.. परिपक्व भाव, जहाॅं अनुभूतियों ने उकेरें हैं..... Hindi · मुक्तक 464 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read मन होता है कुछ बांटें! मन होता है कुछ बांटें वो जलती-सुलगी रातें कुछ अनबुझ गहरी घातें जब सपने भूखे रहते.. करते रोटी की बातें.. वो कदम-कदम की चोटें मौसम की अविचल घातें वो बस... Hindi · मुक्तक 189 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read तुम्हारा साथ चाहा था.. तुम्हारा साथ चाहा था.. मेरे तुम थे नहीं तो कब तुम्हें वादों में बांधा था.. थे रिश्तों के भी अपने दायरे मालूम था उसको.. तभी छूटा तो रोया था.. न... Hindi · कविता 1 300 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी में.. तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी.. जला देती है.. रोटी का सोंधापन.. बढ़ा देती है मन का सूनापन.. कुंठित हो जाते हैं सवेरे के.. अनमने काम.. तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी में नहीं उलझते है..... Hindi · मुक्तक 214 Share Rashmi Sanjay 27 Dec 2021 · 1 min read तुम इस तरह आना कि.. तुम इस तरह आना कि न सुन पाए तुम्हारे कदमों की व्याकुल आहट.. मेरे मन की दहलीज! चुपचाप चले आना तुम! अपने मिलन की चाॅंदनी लेकर विलग कर देना !... Hindi · मुक्तक 390 Share Rashmi Sanjay 26 Dec 2021 · 1 min read पापा तुम कितने अच्छे थे! पकड़ के उँगली, थाम के बाँहें, चलना तुम सिखला देते थे। पापा तुम कितने अच्छे थे, बस रफ्तार बढा़ देते थे।। आती-जाती, शोर मचाती, रुक जाती थी सड़कों पर, हौले... Hindi · कविता 1 2 425 Share Previous Page 3 Next