बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था!
बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था!
छूटना यूं अकेले, ज़रूरी था क्या?
छोड़ जबसे गये, मैं नहीं जी सकी
हाॅं मरी भी नहीं, पर कहाॅं जी सकी?
एक बेटी से पूछो पिता बिन भला..
यूं फकत दिन बिताना.. जरूरी था क्या!
बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था!
हो हृदय में सदा, ये मुझे है पता
मेरा जीवन मगर, बन गया एक सजा
एक व्यक्तित्व था आईना सा मेरा
तोड़, किरचें गड़ाना , ज़रूरी था क्या!
बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था!
स्वरचित
रश्मि लहर