Rashmi Sanjay 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Rashmi Sanjay 25 Dec 2021 · 1 min read ए वक्त! मैं चकित हूं तुम्हारे बदलाव पर.. इतना गुमसुम कर चुके हो दुनिया को.. नि: शब्द कर दिया है हर आरंभ एवं अंत को ए वक्त! सुनो ना खिलखिलाता सा थोड़ा... Hindi · मुक्तक 475 Share Rashmi Sanjay 25 Dec 2021 · 1 min read कुछ यादों का क्या कहना! कुछ यादों का क्या कहना भरी आँख से बह आती है! गाँव नहरिया मंदिर छूटे द्वार आँगना गोबर लीपे। शगुन पहर नूपुर बन जीते मनस पटल स्मित लाती है। कुछ... Hindi · कविता 391 Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 14 min read प्रेमाश्रयी संत काव्य धारा धर्म का प्रवाह कर्म, ज्ञान, और भक्ति इन तीन धाराओं में चलता है । इन तीनो के सामंजस्य से धर्म अपनी पूर्ण सजीव दशा में रहता हैं । किसी एक... Hindi · लेख 1 2k Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 1 min read 'अब चाँद भी दुःखी है' ऑंखें छलक रही हैं, सपनों की जान लेकर तुमको भी क्या मिला है ये इम्तेहान लेकर किस आग ने किया है इस चांदनी को पीला अब चाँद भी दुःखी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 493 Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 1 min read 'बदल रे बंधु' पथरीला पथ, मार्ग कटीला, स्मृतियों संग बहल रे बंधु। अंतिम बेला शुरु हुई है, रह ले ख़ुद संग, बदल रे बंधु।। नश्वरता से जुड़ कर देखा, रिसते रिश्ते, बंधन कैसा।... Hindi · कविता 279 Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 1 min read 'प्रिय मुझे छुपा लो' मुझे छुपा लो तुम अपनी, बाँहों के विस्तृत घेरे में। पथरीले पथ ने मेरे, पाँवों को, घायल कर डाला। विरह निशा ने, जागी आँखों में बस, काजल भर डाला। दीया... Hindi · कविता 1 2 302 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 1 min read गर्दन कटेगी ज़मीनी हक़ीक़त भिगो देगी दुःख से संभल कि समय के निशाने पर है तू.. ग़रीबी अगर ख़त्म करने चले हो तो गर्दन कटेगी, निशाने पर है तू! स्वरचित रश्मि लहर... Hindi · मुक्तक 225 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 1 min read फिर भी बाबू जी कहते हैं .. शूल सजे पथ , घायल हर पग बेबस पीड़ा, साथ-साथ है । फिर भी बाबू जी कहते हैं.. यहाँ तो सब कुछ ठीक-ठाक है! कुएं की सूखी दीवारें भी चीत्कारती... Hindi · कविता 202 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 5 min read वर्ष की समाप्ति पर हिन्दी भाषा के बदलते स्वरूप पर चिंतन! प्राचीन काल में भारत में प्रमुख रूप से आर्य परिवार एवं द्रविड़ परिवार की भाषाएं बोली जाती थीं । उत्तर भारत की भाषाएं आर्य परिवार की तथा दक्षिण भारत की... Hindi · लेख 453 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 1 min read शीतल पिताजी जलती ऑंखों से घर में घुसे। मां तनावग्रस्त हो गईं.."आज फिर कुछ हो गया लगता है", माँ ने मन ही मन सोचा। तब तक पिताजी ने शीतल को पुकारा..... Hindi · कहानी 214 Share Rashmi Sanjay 21 Dec 2021 · 1 min read प्रतीक्षा! अटकती – सहमती जिन्दगी से लुप्त हो चुकी है सुरभित रात-रानी बढ़ चुकी है मोड़-मोड़ पर बिगड़ैल सी नागफनी जो तैयार रहती है नोंच लेने को ....शब्दों का मुख तरेरती... Hindi · कविता 384 Share Rashmi Sanjay 17 Dec 2021 · 1 min read वो चुप हैं.. उनके पास क्षमता है वो चुप हैं.. वो ला सकते हैं परिवर्तन.. पर! वो बंद किये हैं.. अपनी ऑंखें.. ज़ुबान और मन! जो चीख रहे हैं, वो असहाय हैं.. पर..हिम्मत... Hindi · कविता 409 Share Rashmi Sanjay 16 Dec 2021 · 1 min read प्रिय की प्रतीक्षा में! प्रिय.. तुम्हारी प्रतीक्षा में! जला देतीं हूँ कुछ चिराग, तुलसी के आसपास! भर जाता है, रोम रोम में, तुलसी की सुरभि से लिपटा, तुम्हारा भाव! पत्तियों की ओट से झांकती... Hindi · कविता 245 Share Rashmi Sanjay 16 Dec 2021 · 1 min read अम्मा..याद आता है! अम्मा ! याद आता है.. अक्सर ! अनोखी सुगंध से भरा.. तुम्हारा पावन सा प्यार! दुआएं बेशुमार तुम्हारे भावुक से उद्गार अम्मा ! याद आती है.. तुम्हारी नन्ही सी गठरी... Hindi · कविता 188 Share Rashmi Sanjay 14 Dec 2021 · 1 min read बदल दो फिर परिवेश कबीरा बदल दो फिर परिवेश कबीरा। मिले पुनः सर्वेश कबीरा। चलो तलाशें फिर मिल-जुल कर, उन्हें बुला लें मार्ग बदलकर, मैला दामन श्वेत कबीरा। बदल दो फिर परिवेश कबीरा। चहुँदिशि लुप्त... Hindi · कविता 181 Share Rashmi Sanjay 13 Dec 2021 · 2 min read बारिश और लाक-डाउन लाॅकडाउन का समय बहुत ढेर सारे यादगार अनुभवों से जीवन को भर गया है। इन्हीं में से एक अनुभव अभी तक भुलाए नहीं भूलता। मेरे पड़ोसी अकेले अपने 12 वर्ष... Hindi · कहानी 327 Share Rashmi Sanjay 13 Dec 2021 · 3 min read नानी की पोटली मैंने अपनी बाल्यावस्था के कुछ वर्ष अपनी नानी के साथ बिताये थे । यकीनन बहुत यादगार पल थे.. नानी..शहर की होकर भी, गांव के हर काम को बहुत सलीके से... Hindi · कहानी 633 Share Rashmi Sanjay 13 Dec 2021 · 3 min read अद्भुत डाक्टर मैं रोज शाम को सब्जी लेने जाता, तो घड़ी भरके लिए रेलवे के पुल पर ठिठक जाता। पूरे सफेद बालों वाले एक वृद्ध वहीं दिख जाते । कहीं दूर कुछ... Hindi · कहानी 532 Share Rashmi Sanjay 12 Dec 2021 · 1 min read प्रिय माॅं प्रिय माॅं चाहे हर वर्ष..तू मत जताना हर्ष पर मानना मत मुझको तुम कोई कर्ज.. मैं तुम्हारा मजबूत भविष्य हूॅं .. इस पर करना गर्व.. मुझे अपने ऑंचल से उड़ना... Hindi · कविता 173 Share Rashmi Sanjay 12 Dec 2021 · 1 min read तुम इस तरह आना इस तरह आना.. कि जैसे बहते ऑंसुओं को खिलखिलाहट धो जाए.. मन के उचाट विचार ..चुपचाप.. प्रेम के ऑंचल में खो जाएं! तुम इस तरह आना.. कि विहॅंस उठे क्षितिज... Hindi · मुक्तक 257 Share Rashmi Sanjay 12 Dec 2021 · 1 min read सुकून भरी चाय.. सुकून भरी चाय.. अब तक ..ना पी पाये! शीतल हवा.. सपनों सा झरना हंसती सी शाखो का अपना सा लगना.. माथे की सिलवट जीवन उलझाए सुकून भरी चाय... अब तक... Hindi · कविता 470 Share Rashmi Sanjay 9 Dec 2021 · 1 min read मन की बात हर दिन ऐसा होता ही है ख्वाब अधूरा सोता ही है बचता चाॅंद अधूरा चिटका.. फूट-फूट कर रोता ही है कौन कहानी अब कहता है.. शिशु परियों बिन सोता ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 302 Share Rashmi Sanjay 9 Dec 2021 · 1 min read बेमुरव्वत जि़म्मेदारियों की व्यथा तमाम उम्र भर.. भारी –भारी नामों को ... सहेजने की प्रथा है ... तुम्हे पता है ? कितनों की कितनी बेबस व्यथा है ? बहू–चाची–मामी तमगे हैं दायित्वों के.. बेमुरव्वत... Hindi · कविता 209 Share Rashmi Sanjay 9 Dec 2021 · 1 min read अजीब होती जिंदगी अटकती – सहमती जिन्दगी से लुप्त हो चुकी है सुरभित रात-रानी बढ़ चुकी है मोड़-मोड़ पर बिगड़ैल सी नागफनी जो तैयार रहती है नोंच लेने को ....शब्दों का मुख तरेरती... Hindi · कविता 1 229 Share Rashmi Sanjay 7 Dec 2021 · 1 min read मैने माँ! तुमसे सीखा है शून्य हृदय का नहीं निरर्थक, सक्रियता से जीवन सार्थक, भिन्न दुःखों में सुख पा जाना, मैने माँ! तुमसे सीखा है। जीवन तो कलकल सी नदिया बिन पतवार सँभाले नैया और... Hindi · कविता 1 317 Share Rashmi Sanjay 7 Dec 2021 · 3 min read तेरी बिंदिया रे कभी कभी बातें जीवन का हिस्सा बन जाती हैं, तो कभी कोई बात..पूरे जीवन पर हावी रहती है..प्रेरणा को बचपन से पूजा-पाठ, सजना- सॅंवरना बहुत पसंद था। एक तरफ पढ़ने... Hindi · कहानी 2 2 430 Share Rashmi Sanjay 5 Dec 2021 · 1 min read नववधू का भय तुम्हारे प्रेम में सिमटी मैं, लाज से भरी सी.. अपने सपनो के संसार में.. रम रही थी.. मेरे महावर भरे पांव, नई कल्पनाओं के साथ.. तुम्हारे जीवन में पग धर... Hindi · कविता 3 4 443 Share Rashmi Sanjay 4 Dec 2021 · 2 min read अम्मा मैं बहुत उलझन में थी..रोज-रोज की मारपीट मेरे संस्कारों को बदल रही थी.. मैं कल की घटना याद करने लगी.. इन्होंने मेरी पूरी डायरी गैस पर रख दी..एक एक पन्ना... Hindi · कहानी 661 Share Rashmi Sanjay 1 Dec 2021 · 3 min read अनोखे दोस्त गुंजन की जैसे ही नौकरी लगी घर में सब चिन्तित हो गये कि कैसे रहेगी वह दूसरे शहर में.. वो भी अकेले ? गुंजन नियम से चलने वाली बिटिया थी... Hindi · कहानी 532 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 1 min read 'याद पापा आ गये' हर पहर जीवन की सरगम साधते से, याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से । बरस उनके बिन गये रीते सभी, मधुर लम्हें मन से ना बीते कभी, पल रूलाते... Hindi · कविता 3 4 387 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 1 min read 'किया तो था' अन्तस ने भावों का हौले से श्रंगार किया तो था। मुझे याद है आँखों ने सपनों से प्यार किया तो था।। कल्पनाओं की गठरी सी वो, सज बैठी थी आँगन... Hindi · कविता 1 241 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 5 min read उत्सव उत्सव सपनों की उम्र.. हर उम्र से बड़ी होती है ....कामिनी वृद्धावस्था में कदम रख चुकी थी ..पर अब तक युवा स्वप्न जीवित थे उसके ...अपनी पोती को वो हर... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 473 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 6 min read उत्सव चार दिन से पूजा एक अजीब से अंतर्द्वंद से गुजर रही थी..उसको ना खाने–पीने का होश था और ना ही कहीं बाहर जाने की इच्छा थी....बस पिछ्ले दिनों के घटनाक्रम... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 688 Share Rashmi Sanjay 21 Nov 2021 · 1 min read थी वो एक दुनिया वो बेरोजगारी के ख्वाबों की दुनिया लरजते सिसकते इरादों की दुनिया वो सांसे थी अंतिम ये जीवन शुरू था धुएं से भरी थी बुरादों की दुनिया ना पुछो कि किससे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 400 Share Rashmi Sanjay 9 Nov 2021 · 1 min read अकेले -अकेले' प्रकाशित किये दीप हमने अकेले सफर तय किया बस अकेले -अकेले कहाॅं कोई रिश्ता जुड़ा अब मिला था चुराई निगाहें सभी ने अकेले.. लगा रोशनी तुम तलक भी गई पर... Hindi · कविता 2 307 Share Rashmi Sanjay 25 Oct 2021 · 1 min read आलिंगन में सपने चुप.. आज सुधाकर छुअन तुम्हारी फिर विस्मित करने आई मधुरिम मोहक और प्रतीक्षित निशा में रंग भरने आई फिर मृगांक अद्भुत कलाओं से मोहित मन करने आया मलयज डोल रही प्रांगण... Hindi · कविता 1 4 229 Share Rashmi Sanjay 23 Oct 2021 · 3 min read 'करवा चौथ और आरती' कार्तिक माह का आगमन हो चुका था..आरती मन ही मन बहुत परेशान थी, दो दिन बाद ही करवा चौथ का व्रत होगा..पहली बार अकेले सबकुछ करने की सोच से ही... Hindi · कहानी 2 320 Share Rashmi Sanjay 23 Oct 2021 · 2 min read अनोखा करवा चौथ एकाएक जीवन में वो होता है.. जो कल्पनाओं से परे होता है..करवा चौथ के पावन दिवस पर कीर्ति और किशोर मंदिर दर्शन करने को निकल पड़े.. सुबह-सुबह आगरा एक्सप्रेस वे... Hindi · कहानी 2 300 Share Rashmi Sanjay 19 Oct 2021 · 3 min read 'लव यू गौरव’ गार्गी ने कनखियों से गौरव को देखा..."हूँ ......अभी भी कम हीरो नहीं लगते हैं ये" सोचकर मन ही मन मुस्करायी वो .... फिर धीरे से चिकोटी काट ली गौरव के... Hindi · कहानी 1 2 472 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read मौन का पत्र मौन ने लिख डाला! व्यक्त न हो पाने की व्यथा.. नाजायज सपनों की सज़ा.. अपनी पीढ़ी के.. कुढ़ते हुए दुःख! कुंठित अभिव्यंजना के टूटे हुए सुख.. और कुछ हालात के... Hindi · कविता 1 245 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read विचार मौन थे! विचार मौन थे! आकृतियां आकर्षित थीं आतुरताएं भेज रहीं थीं एक अनुबंध-पत्र उभरने लगे थे शब्द प्रतीक्षाएं परिचित थीं प्रेम उपज रहा था.. लालायित थीं.. व्यक्त होने को..नव-कथाएं! इंन्द्रियां चकित... Hindi · कविता 1 201 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read प्रेम तुम्हारी बातें जैसे.. एक शीतल तिलिस्म! इच्छाओं की परियों के साथ ऑंख भींच कर खिलखिलाता.. नन्हें शिशु सा चकित तुम्हारा प्रेम! घुलने लगा है पूरे व्यक्तित्व में! प्रतिबिंबित होने लगे... Hindi · कविता 1 202 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read जीने लगता है मन.. पुनः लघु स्मृतियों के अलौकिक संसार में.. जन्म ले लेती हैं.. अनेकों वर्जित कथाएं! आलिंगनबद्ध कर लेता है वर्तमान.. सहूलियत से..विलग आकृतियों को.. जीने लगता है मन पुनः अस्पृश्य भावनाओं के... Hindi · कविता 178 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारा प्रेम कभी नहीं चाहा था तुम्हें पकड़ना या कैद करना मैं चाहती थी .. कण-कण में समाहित हो जाओ तुम.. गुनगुनाओ.. जल की निश्छल बूॅंदों के साथ लिपट जाओ मेरे हर... Hindi · कविता 167 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read अपने लिये भी! ना गिरवी खुद को रखो तुम बचो अपने लिए भी कुछ गढ़ो अपनी अलग दुनिया जियो अपने लिये भी कुछ अगर तुम हो बिना मांझी उठा पतवार लो अपनी नैया... Hindi · कविता 309 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read नारी अनंत अश्रु-बूँदों से लेकर नेह का पूरा आसमान.. सहेजे रहती है ..अपने आँचल में! ज़िम्मेदारियों और आलोचनाओं का जबरन पहनाया गया लिबास, सहेजे रहती है संतुष्टि के साथ! जन्म लेती... Hindi · कविता 238 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read याद तुम्हारी आई है! प्रिय गलियाँ तुम बिन सूनी हैं किरणें कुछ सकुचाई हैं । मुँह ढाॅंपें बैठी है कोयल, याद तुम्हारी आई है । पाजेब की रुनझुन रुनझुन आंगन ने है सुनी नहीं... Hindi · गीत 2 209 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read अरे माँ! अरे माँ ! सुनो ना, मेरे भी तो कुछ सपने हैं.. माना वो उम्र में मुझसे दुगुने हैं! पर मेरे मन की ज़मीन पर उगने हैं.. अरे माँ ! मुझे... Hindi · कविता 301 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read हाँ महिलाएं भी.. हाँ महिलाएं भी.. बहुत कुछ समझती हैं.. तुम्हारे शब्दों के चयन का भारीपन! या.. हल्की सी.. यूं ही ..वाली भाषा! तुम्हारे विचारों में अपनी परिभाषा.. हाँ महिलाएं ही.. कठिन समय... Hindi · कविता 183 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read ऑंगन चहक उठे थे पंछी घर के, तुलसी संग महका था ऑंगन। हंसी - ठिठोली, मान - मनव्वल में अपनों जैसा था ऑंगन। बरहा, छटठी और होली के गीतों पर ठुमका... Hindi · कविता 298 Share Previous Page 4 Next