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12 Dec 2021 · 1 min read

तुम इस तरह आना

इस तरह आना..
कि जैसे बहते ऑंसुओं को
खिलखिलाहट धो जाए..
मन के उचाट विचार ..चुपचाप..
प्रेम के ऑंचल में खो जाएं!
तुम इस तरह आना..
कि विहॅंस उठे क्षितिज पर संध्या..
और दौड़ कर गले लगा ले..
चाॅंद को विरही धरा
तुम इस तरह आना..

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

Language: Hindi
230 Views
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