Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2021 · 1 min read

याद तुम्हारी आई है!

प्रिय गलियाँ तुम बिन सूनी हैं
किरणें कुछ सकुचाई हैं ।
मुँह ढाॅंपें बैठी है कोयल,
याद तुम्हारी आई है ।

पाजेब की रुनझुन रुनझुन
आंगन ने है सुनी नहीं
कल्पनाओं ने सपनों की
झिलमिल सी चादर बुनी नहीं

जुगनू संग में ले आई है
निशा ने अगन बढ़ाई है ।
लाल महावर सधे कदम की
करे प्रतीक्षा देहरी है ।

स्मित अधरों से रूठी है
हिचकी लिए दोपहरी है ।
संध्या भरे कदम से पहुँची
स्मृतियाँ संग लाई है ।

प्राण प्रिये को छोड़ के कैसे
दिवस तुम्हारे बीते हैं
गुंजित करते थे कुटिया जो
खग भी मुझसे रूठे हैं ।

चेहरा भीगा है शाखों का
तुलसी भी कुम्हलायी है ।

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Comments · 182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संवेदना सुप्त हैं
संवेदना सुप्त हैं
Namrata Sona
इस ठग को क्या नाम दें
इस ठग को क्या नाम दें
gurudeenverma198
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
Keshav kishor Kumar
सिंदूर..
सिंदूर..
Ranjeet kumar patre
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
SADGURU IS TRUE GUIDE…
SADGURU IS TRUE GUIDE…
Awadhesh Kumar Singh
46...22 22 22 22 22 22 2
46...22 22 22 22 22 22 2
sushil yadav
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
बे-असर
बे-असर
Sameer Kaul Sagar
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
कवि दीपक बवेजा
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
" सूत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
Ajay Kumar Vimal
मुझे मालूम है, मेरे मरने पे वो भी
मुझे मालूम है, मेरे मरने पे वो भी "अश्क " बहाए होगे..?
Sandeep Mishra
सुना है हमने दुनिया एक मेला है
सुना है हमने दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
Dr. Man Mohan Krishna
प्यार चाहा था पा लिया मैंने।
प्यार चाहा था पा लिया मैंने।
सत्य कुमार प्रेमी
सीख
सीख
Dr.Pratibha Prakash
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
Anil chobisa
2288.पूर्णिका
2288.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
गुप्तरत्न
न कल के लिए कोई अफसोस है
न कल के लिए कोई अफसोस है
ruby kumari
#अच्छे_दिनों_के_लिए
#अच्छे_दिनों_के_लिए
*प्रणय प्रभात*
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
Neelam Sharma
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
Bidyadhar Mantry
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
नेताम आर सी
देव विनायक वंदना
देव विनायक वंदना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
Lokesh Sharma
Loading...