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16 Oct 2021 · 1 min read

अपने लिये भी!

ना गिरवी खुद को रखो तुम
बचो अपने लिए भी कुछ
गढ़ो अपनी अलग दुनिया
जियो अपने लिये भी कुछ

अगर तुम हो बिना मांझी
उठा पतवार लो अपनी
नैया सौंप लहरों को
बहो अपने लिए भी कुछ

शब्दों को तरन्नुम से भरी
इक याद से ढांपो
ज़रा सा झांक लो खुद में
रहो अपने लिए भी कुछ

किंवाड़े इल्तजा करते
झरोखे पर दीया रख दो
जगा लो शाम इक अपनी
कहो अपने लिए भी कुछ!!

Language: Hindi
281 Views
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