3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
*मैं अमर आत्म-पद या मरणशील तन【गीत】*
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
singh kunwar sarvendra vikram
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
आदमी बेकार होता जा रहा है
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
आँख खुलते ही हमे उसकी सख़्त ज़रूरत होती है