Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2023 · 1 min read

कवि होश में रहें / MUSAFIR BAITHA

आसमां को झुकाने में यकीं नहीं रखो कवि
याद रखो कवि
एक तो तुम्हारे सिर के ऊपर से ही
आसमां शुरू होता है इसलिए उसके झुकने झुकाने की बात ही बेमानी है
दूसरे कोई अंकुश लगी लग्गी नहीं है तेरे पास
और न ही आसमां में किसी अंकुश को थामने के प्वाइंट्स
जो उसे झुकाने के काम आ सके
तू धरा को ही आसमां के ऊपर
बिठा आने की जुगत में रह
ऐ ख्वाबी अतीच्छा पालक कवि!

कि अपनी प्रगतिशील उड़ान में
कवि आसमां को झुकाने को न बहक
न ना-हक शील त्याग
कि न छोड़ो कवि रचने का विवेक और शील
बल्कि हक़ और कुव्वत पाओ तुम
धरा को आसमां के ऊपर पहुंचा आने की
अपने यथोचित श्रम और सामर्थ्य के बूते!

रहो होश में कवि
और रहें होश में सभी कवि तुझ जैसे
कि जोश को अपने ताड़ पर चढ़ा आने के अपने खतरे हैं

कि खजूर पर अटकने के मौके भी
न मिले कहीं गिरने से ऐसे में

कवि इतना न निवेश करो रचना में अपनी
बिम्ब, प्रतीक और अलंकार थोथे
कि रचना में कल्पना की ऊंची उड़ान तेरी
बच्चों के कागज का जहाज उड़ाने तैराने जितना ही खुशफ़हम सिरज सके!

Language: Hindi
248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
-- मुंह पर टीका करना --
-- मुंह पर टीका करना --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
■ आज मेरे ज़मीं पर नहीं हैं क़दम।।😊😊
■ आज मेरे ज़मीं पर नहीं हैं क़दम।।😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
अलविदा कहने से पहले
अलविदा कहने से पहले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
औरत की नजर
औरत की नजर
Annu Gurjar
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गौ माता...!!
गौ माता...!!
Ravi Betulwala
जब भी अपनी दांत दिखाते
जब भी अपनी दांत दिखाते
AJAY AMITABH SUMAN
किसी से उम्मीद
किसी से उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
Aadarsh Dubey
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
सपनों के सौदागर बने लोग देश का सौदा करते हैं
सपनों के सौदागर बने लोग देश का सौदा करते हैं
प्रेमदास वसु सुरेखा
मां
मां
Sanjay ' शून्य'
दोहा
दोहा
प्रीतम श्रावस्तवी
आराम का हराम होना जरूरी है
आराम का हराम होना जरूरी है
हरवंश हृदय
💐प्रेम कौतुक-495💐
💐प्रेम कौतुक-495💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
*चुनाव में महिला सीट का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
*चुनाव में महिला सीट का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
बहकी बहकी बातें करना
बहकी बहकी बातें करना
Surinder blackpen
तुझमें वह कशिश है
तुझमें वह कशिश है
gurudeenverma198
माता के नौ रूप
माता के नौ रूप
Dr. Sunita Singh
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
Buddha Prakash
जीवन एक संघर्ष
जीवन एक संघर्ष
AMRESH KUMAR VERMA
पिता
पिता
sushil sarna
Loading...