Rashmi Sanjay 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Rashmi Sanjay 28 Sep 2021 · 1 min read अम्मा स्वेटर में भाव समाहित कर रिश्ते बुनना जाने थीं तब ईंटे चुनकर अपना एक घर अम्मा गढ़ना जाने थीं तब अपने रुनझुन से ऑंगन में किलकारी भरते बचपन में मनमोहक... Hindi · कविता 2 3 240 Share Rashmi Sanjay 24 Sep 2021 · 1 min read अनूठा सपना थी शीतल हवा और प्रकृति का बिछौना । थीं सुधियां अनेकों तरल मन का कोना । वो बचपन जवानी के सपनो की गठरी । तनिक कड़ुवे अनुभव की बातें भी... Hindi · कविता 1 402 Share Rashmi Sanjay 21 Sep 2021 · 1 min read ये जो बच्चा है ये जो तल्लीनता से आसमान ताकता सा बच्चा है.. ये गुब्बारे बेच कर.. उड़ा देता है अपने भाव.. टांग देता है सभी को.. नीले बादलों की अरघनी में वहाॅं नहीं... Hindi · कविता 353 Share Rashmi Sanjay 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी पहला-पहला था शब्द सुना । माॅं ने हिन्दी को सदा चुना । जब कलम हाथ में आई थी । तब पृष्ठ पे हिन्दी छाई थी । तुतलाकर बोला प्रथम बार..... Hindi · कविता 238 Share Rashmi Sanjay 24 Aug 2021 · 1 min read 'उफ' रहती नहीं जवानी देख नदी भी मांगे पानी देख उम्र गुजरती चुपके-चुपके रहती एक निशानी देख पुतले दो मिट्टी के मिलके गढ़ते नई कहानी देख झिड़की तल्खी तोड़ रही मरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 442 Share Rashmi Sanjay 20 Aug 2021 · 1 min read "तुम भी ना' लघुकथा तुम भी ना.. रात से सुबह तक मैं चहलकदमी करती रही.. मेरे कानों में शिल्पम की उस दिन की चीखती आवाज़ें बार बार गूॅंज रहीं थीं.. "अभी आपकी सास... Hindi · लघु कथा 2 2 571 Share Rashmi Sanjay 20 Aug 2021 · 1 min read 'कौन पिरोये मनका को' अपलक जागे निशा अधूरी, ढूँढे खोये मनका को । बिखरे मोती यहाँ वहाँ फिर,कौन पिरोये मनका को ॥ नयन करें बरसात अधूरी, चाँद साथ कब चल पाये? ठिठक-ठिठक बिजली गरजे,... Hindi · गीत 377 Share Rashmi Sanjay 1 Aug 2021 · 1 min read पढ़-लिख निखरेगा बचपन! भोला मधुरिम रूप सत्य सा मनभावन बचपन बच्चों का जब जिम्मेदारी में खोता बालरूप बस सिसक के रोता सपने रोटी संग गुम जाते सूखे अधर नहीं हँस पाते ना बच्चे... Hindi · कविता · बाल कविता 2 381 Share Rashmi Sanjay 31 Jul 2021 · 3 min read 'अचानक' घर में ढोलक की थाप पर मंगल गान अपनी छटा बिखेरे थे..फूफा जी और मम्मी एक दूसरे की खिंचाई करते-करते डांस में खोये थे। रंग में भंग तब पड़ा जब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 13 574 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 3 min read गुलगुले अभी परसों ही माता जी से बात हुई थी पर बहुत कम देर, मन बेचैन था । सोचा लाओ फोन करते हैं । स्वयमेव फोन मिला दिया जैसे ! "अम्मा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 776 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 1 min read मुझे पता है.. तुम्हें अच्छा लगता है! मुझे पता है .. तुम्हे अच्छा लगता है.. मेरा अपलक तुम्हे निहारते रहना! कनखियों से देखना, फिर नजरें चुराना बंद आँखों से देर तक, तुम्हें दुलराते रहना.. मुझे पता है... Hindi · कविता 2 1 629 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read नियति जीवन बहुत आहिस्ता से करवट लेता है.. मुझे जैसे कल की ही बात लगती है.. हम सब एक ऑंगन में रंगोली बनाकर भाईदूज की पूजा करते थे..हर तरफ बातें और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 654 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read दादा जी का चश्मा मैं और मेरे दादा जी...दोनो एक जैसे ...जब मन होता चुटकुले सुनाते और जोर-जोर से हँसने लगते ...कभी एकदम से भजन याद आ जाता तो ढोलक मेरे हाथ में होती...... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 10 860 Share Rashmi Sanjay 28 Jul 2021 · 3 min read माॅं का संघर्ष मैंने घर आते ही आवाज दी.. "माॅं..चाचाजी पहुॅंचने वाले हैं, दादी का फोन आया है" इतना कहकर मैं अपने स्टडी रूम में घुस तो गई, पर मन ही मन माँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 8 332 Share Rashmi Sanjay 22 Jun 2021 · 1 min read 'साड़ी' बड़ी सहजता से एक मासूम सी साड़ी.. भरी–भरी आँखों के साथ, मेरी भावनाओं की तरह मखमली, नाजुक हिदायतों के साथ, माँ ने मेरी गोद में डाली.. सीखा.. मैंने हर परत... Hindi · कविता 2 6 263 Share Rashmi Sanjay 12 Jun 2021 · 1 min read 'काश न फिर अब बारिश आए' बूँद बूँद आँगन टपका है, घर का तम अब भय भरता है । झंझावातों संग आयी है, फिर बरसात प्रलय लायी है । फिर कितना कुछ बह जायेगा, मिट्टी का... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 6 8 618 Share Rashmi Sanjay 10 Jun 2021 · 1 min read बरसात बचपन की' ' भरे नैन, आंसू छलका था.. आँगन में बस! जल ही जल था.. क्षुधा संग, उलझा बचपन था.. बाढ़ में बहता, अपना घर था। कुछ अभाव , कुछ भीगा मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 3 308 Share Rashmi Sanjay 10 Jun 2021 · 1 min read 'नारी अबला नहीं' 'नारी अबला नहीं' अनंत अश्रु-बूँदों से लेकर नेह का पूरा आसमान.. सहेजे रहती है ..अपने आँचल में! ज़िम्मेदारियों और आलोचनाओं का जबरन पहनाया गया लिबास, सहेजे रहती है संतुष्टि के... Hindi · कविता 246 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read बरसात मृदा मुदित हो तृप्ति से गीत गा चली है। वसुधा की सरसों-चादर सरकी-गिरी मिली है। सज्जित वसुंधरा भी मिलती धुली-धुली है। नयनों से मेघ उलझे बरसात आ मिली है।। पूजे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 9 669 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read 'अपने से पूछताछ' अरे ख़ुद को भी तो महसूस करो अपने से भी थोड़ी पूछताछ करो! ऐसा ना हो कि सील जाए तुमसे तुम्हारा अपना रिश्ता! और फैल जाये दीमक पूरे अंर्तमन पर!... Hindi · कविता 322 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read विहंसती विभावरी अलकों ने पलकों संग झुककर अभिवादन है कर डाला। इतराई अभिलाषाओं ने नवचिंतन हृद् भर डाला।। आख्याओं का सूना जीवन अनुभूति से सजल रहा। वातायन का हाथ पकड़ उर-मिलन भाव... Hindi · कविता 2 290 Share Rashmi Sanjay 6 Jun 2021 · 1 min read सब तेरा हो गया उनकी महफिल में तेरा यूँ चर्चा हुआ तू वहीं पर तो था..गुमशुदा क्यूं रहा जब मोहब्बत की बाँतें किनारों ने की एक टपका जो मोती समंदर बहा। हाथ धीरे से... Hindi · कविता 3 294 Share Rashmi Sanjay 3 Jun 2021 · 1 min read आंख की ओट में ठोकरों को नया रोज़ पत्थर मिला पूजने को नहीं एक शंकर मिला दर्द का इक जख़ीरा भी अंदर मिला। आँख की ओट में एक समंदर मिला। सर झुका मेरा जब... Hindi · कविता 1 2 546 Share Rashmi Sanjay 1 Jun 2021 · 1 min read "एक नया इतिहास" अरे माँ ! सुनो ना, मेरे भी तो कुछ सपने हैं.. माना वो उम्र में मुझसे दुगुने हैं! पर मेरे मन की ज़मीन पर उगने हैं.. अरे माँ ! मुझे... Hindi · कविता 2 854 Share Rashmi Sanjay 27 May 2021 · 1 min read पुकारो कलम से.. 5.4.2021 डुबो दो खुशी में, लिखो न उदासी। तुम्हें फिर है लिखना कोई गीत साथी।। भरो भावनाएं अलंकृत करो नेह, पुकारो कलम से कोई मीत साथी।। पुकारो कलम से कोई... Hindi · कविता 2 387 Share Rashmi Sanjay 25 May 2021 · 1 min read सुकून भरी चाय! सुकून भरी चाय.. अब तक ..ना पी पाये! शीतल हवा.. सपनों सा झरना हंसती सी शाखो का अपना सा लगना.. माथे की सिलवट जीवन उलझाए सुकून भरी चाय... अब तक... Hindi · कविता 3 516 Share Rashmi Sanjay 24 May 2021 · 1 min read आशीष उन सभी लोगों को समर्पित जो एक दूसरे की मदद कर रहे हैं.. एक पड़ेगा कदम अकेला और अनागिनत साथ पग चल देंगे। मुखरित आलंबन चुन-बिन कर, सौहार्द भरे लोचन... Hindi · कविता 1 297 Share Rashmi Sanjay 24 May 2021 · 1 min read आज के नाम विस्मयकारी ये बीमारी, पड़ गई जगत पर है भारी। कोई दुश्वारी से दूर हुआ, कोई रह तन्हा, मजबूर हुआ। है जगत रूका, इंसा काँपे, कर जोड़े निशा, भोर जागे। कोई... Hindi · कविता 518 Share Rashmi Sanjay 23 May 2021 · 1 min read किसलिए किसलिए.. भूल कर रास्ता हर सफर किसलिए चाँद उगने लगा अब इधर किसलिए आँख सुलगी ये शामो-सहर किसलिए झील में आग फैली मगर किसलिए गर्द दिल पर जमी है मेरे... Hindi · कविता 3 2 298 Share Rashmi Sanjay 19 May 2021 · 1 min read मृत्यु आ जाने से पहले... मृत्यु आ जाने से पहले, प्रेम का चंदन ले आओ। क्षीण बाहें कांपती हैं, नेह आलिंगन ले आओ।। पट रही है ये धरा अब, मानवी-निश्चेष्ट तन से, खुल चुकी हैं... Hindi · कविता 3 327 Share Previous Page 5