शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 13 Dec 2025 · 3 min read 🏛️ अध्याय तीन: अनाथाश्रम की परछाइयाँ व न्याय की गूँज अनाथाश्रम: टूटे पंखों को सहारा: लखनऊ का 'शिशु सदन' बाहरी दुनिया की भयावहता से कृष्णा के लिए एक अस्थायी अभयारण्य था। लेकिन चारदीवारी के भीतर, उसकी लड़ाई जारी थी। वह... Hindi · कहानी · सत्यकथा 18 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 13 Dec 2025 · 3 min read अध्याय-2 टूटी हुई खामोशी लखनऊ की सुबह ट्रेन की धड़धड़ाहट से कहीं ज़्यादा शांत और बोझिल थी। कृष्णा सिंह अब 'अनाथाश्रम: बाल गृह (शिशु सदन)' की ऊँची, सफ़ेद दीवारों के भीतर था। बाहर का... Hindi · कहानी · सत्यकथा 1 42 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 13 Dec 2025 · 4 min read अध्याय-1 दिल्ली एक्सप्रेस में दफ़न सच दिल्ली की ओर, चलती पटरियों पर एक दबी हुए चीख़ वह रेलगाड़ी दिल्ली की ओर सरपट भाग रही थी, मानो स्वयं काल के पहिए हों। बाहर का अँधेरा अब घना... Hindi · कहानी · सत्यकथा 1 75 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 21 Nov 2025 · 1 min read तुम दीपक मैं बाती प्रियवर तुम दीपक मैं बाती प्रियवर, संग-संग आज प्रज्वलित होंगे। जीवन के दिव्य अनुष्ठान में, स्नेह के पुष्प भी विकसित होंगे। हवन कुंड सी पावन अग्नि, प्रेम हृदय में अनवरत पलेगा।... Hindi · कविता 47 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 11 Nov 2025 · 2 min read #दिल्ली_त्रासदी #कार_ब्लास्ट अचानक शाम भई वह कैसी, लाल किले पर हाहाकार। धमाके की अति तीव्र दहाड़न, काँप उठी सारी दीवार। सफ़ेद सवारी आग उगल गई, टूटे शीशें उड़ें गुबार। लहू लथपथ तन... Hindi · कविता 65 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 11 Nov 2025 · 1 min read दिल्ली विष की गगरी अंधेरी रैन जभी घिरि आवै, अलकन साँझ सँवारत है। पलकन बीच प्रभात जुगै है, विस्मित भोर सो हारत है। खग-कुल मौन हुवै चित भीतर, कालिमा रात्रि पुकारत है। मुखड़े पे... Hindi · सवैया 70 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 31 Oct 2025 · 1 min read मुलाकात क्या करें...✍️ अब बीती हुई बातों पर हम बात क्या करें, जो छोड़ चले उनसे सवालात क्या करें। जब रूबरू होने की हिम्मत नही उनमें, तो ऐसी शख्सियत से मुलाकात क्या करें।।... Hindi · ग़ज़ल · नज़्म 39 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 29 Oct 2025 · 1 min read हम सूरज हैं जो चमकते हैं अपने उजालों से... हम सूरज हैं जो चमकते हैं अपने उजालों से, फ़िक्र वो करें जो अंधेरों में जिया करते हैं। शालिनी राय 'डिम्पल'...✍️ Quote Writer 82 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 29 Oct 2025 · 1 min read ज़रा सी तृप्ति लिखते हैं, ज़रा सी प्यास लिखते हैं।। हम नज़्म नही लिखते, फ़क़त एहसास लिखते हैं, तुम्हारा नाम भी प्रिय हम हृदय के पास लिखते हैं। नहीं हम जानते लिखना, हमारे शब्द हैं साधारण, ज़रा सी तृप्ति लिखते... Hindi · कविता · ग़ज़ल 92 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 28 Oct 2025 · 2 min read शम्स को अब्र में निहाँ देखा। हमने गुलों का तबस्सुम देखा, हमने कलियों को गुमसुम देखा। हमने जब भी यह जहाँ देखा, शम्स को अब्र में निहाँ देखा।। हमने ज़मीं से आसमाँ देखा, खूबसूरत सा इक... Hindi · ग़ज़ल · नज़्म · नज्म_औ_शायरी · प्रणय की नज़्म · शेर 109 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 18 Oct 2025 · 1 min read मानवता मानवता के दीप जलाकर, प्रेम की अलख जगाना है। स्नेह का सागर मानव मन में, अविरल आज बहाना है।। घोर तिमिर छाया है जग में, स्वार्थ की आँधी चलती है।... Hindi · कविता 77 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 17 Oct 2025 · 2 min read ओ मेरे मनमीत ओ मेरे मनमीत सुन ले। विरह के ये गीत सुन ले। प्रीत का बंधन अनोखा, है पुरानी रीति सुन ले।। ओ मेरे।। हृदय की गहराईयों में, शून्य सी तन्हाइयों में।... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 85 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 16 Oct 2025 · 1 min read जगमग-जगमग दीप जले, जगमग-जगमग दीप जले, चहुँ ओर आपके हो प्रकाश। तन के संग मन भी पुलकित हो, श्री मुख पर फैले मंद हास।। ************************ अलंकार आभूषण से सजी, नीलाभ व स्वर्णिम साड़ी... Hindi · कविता 125 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 16 Oct 2025 · 1 min read दीपावली *दीपावली* रोला -------- रहो सदा खुशहाल, प्रेम के दीप जलाओ। मिटें द्वेष जंजाल, दीपिका पर्व मनाओ। फैले पुंज प्रकाश, रूप की चौदस पाओ। राग द्वेष से दूर मनीषा सी बन... Hindi · रोला छंद 122 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 15 Oct 2025 · 1 min read मानवधर्मी बनो! हे मानव! मानवता का सम्मान करो। मानवधर्मी बनो! नही अभिमान करो।।1।। जात-पात की बात करो ना, दिल ना कभी दुखाओ। भेदभाव ना रखो मन में, सबको गले लगाओ।। मानव हो,... Hindi · कविता 79 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 11 Oct 2025 · 1 min read सीखेंगे हर जज़्बात को दिल में दबाना सीखेंगे, ग़म-ए-हालात में भी मुस्कुराना सीखेंगे। अब ना रोकेंगे ये आँधी और तूफान हमें, हम समुंदर से भी मोती चुराना सीखेंगे। ज़ुल्म ढाओगे उम्र... Hindi · ग़ज़ल 72 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 11 Oct 2025 · 1 min read जब हृदय तुमने लगाया माथे पे बिंदिया लगाकर, मांगभर सिंदूर सजाया। मैं हुई कचनार प्रियतम, जब हृदय तुमने लगाया।।1।। चमक मेरी विभावरी सी, मैं सुहागन सागरी सी। बन धरा अब आसमां से, मिल रही... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 60 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 7 Oct 2025 · 1 min read शरद पूर्णिमा आई शरद पूर्णिमा की निशा अति पावन, पीयूष भरा शशांक, बिखरा है घर आँगन। नभ है स्वच्छ और तारिकाएँ हैं दीप्तिमान, वसुंधरा पर बिछी शुभ्र ज्योत्स्ना की तान। रजनीगंधा की... Hindi · कविता 38 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 6 Oct 2025 · 1 min read शरद पूर्णिमा षोडश कला से शशि है चमके ज्योत्स्ना आज लुभाय रही है। दशों दिशा फैली है शुभ्रता हृदय को अतिशय भाय रही है।। रजनी यह आई शरद पूर्णिमा की अमिय रस... Hindi · सवैया 49 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 2 Oct 2025 · 1 min read स्थिरप्रज्ञ शरीर पर लगी चोट अक्सर भर जाती है। किंतु मन पर लगी चोट, कभी नही भरती ! कुछ आघात… इतने गहरे होते हैं, कि समय का मरहम भी उन पर... Hindi · मुक्तक 194 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 26 Sep 2025 · 1 min read पावनतम सौगन्ध कोई जन्मों का यह बंधन प्रियवर, ना केवल अनुबंध कोई। सात जन्म की बात नही है, पावनतम सौगंध कोई।। अंक तेरा यह अति पावन है, प्रांजल मुझे बनाते तुम। गंगाजल सी... Hindi · कविता 71 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 26 Sep 2025 · 2 min read लेखनी भी ये मेरी मचल लिख रही। वेदना को बनाकर ग़ज़ल लिख रही, हो गई हैं ये आँखे सजल लिख रही। नींद आँखों से ओझल हुई इस क़दर, लेखनी भी ये मेरी मचल लिख रही।।1।। दर्द-ए-हालात को... Hindi · ग़ज़ल 1 91 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 24 Sep 2025 · 2 min read सुमुखी थी वो अंतर्मुखी सुमुखि थी वो अंतर्मुखी, मित्रों में हुई वाचाल बड़ी। विक्षिप्त हुई अब मौन, विद्रुम बेला भी स्याह पड़ी।। किरणें असंख्य जीवन में, लघु तम कैसे आन पड़ा। किसने छेड़ा यह... Hindi · कविता 90 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 21 Sep 2025 · 1 min read हिन्दी दिवस मना रहे... अलंकार अधीर है, हिंदी को उठी पीर है, साहित्य क्यों उदास है और छंद बदहवास है, लेखनी चलती रही, हर रोज़ मचलती रही, प्रीत है यह देश की, जो गीत... Hindi · कविता · मुक्तक 98 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 21 Sep 2025 · 1 min read प्रेम(श्रृंगारिक दोहावली) नयन मिले तो मन खिले, खिला नेह मकरंद। मृग-मरीचिका थी बनी, हुई मृदुल मधु छंद।। मन को अतिशय मोहती, तव सुंदर मुसकान। दूर हुई सारी घुटन, हिय की मिटी थकान।।... Hindi · दोहा 1 135 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 19 Sep 2025 · 1 min read माँ मेरा हृदय भर गया भावों से, जब तुमने गले लगाया माँ। नैनों से अश्रु छलक उठे, जब तुमने प्रेम जताया माँ।। ज्यादा मैं बातें कर न सकी, समय की सुई... Hindi · कविता 2 59 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 19 Sep 2025 · 1 min read रूह से मुलाकात अर्ज़ है... कभी रूह से इक मुलाकात होती ! ख़ुद से ख़ुद ही की कभी बात होती ! क्या खूबियां और क्या खामियां हैं ? तनक़ीद-ए-मुसलसल बरसात होती !! @स्वरचित... Hindi · शेर 47 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 13 Sep 2025 · 1 min read कैसे उतारूँ तेरी आरती? ढूंढ रही अस्तित्व देश में, हिंदी आज पुकारती... माँ भारती... कैसे उतारूँ तेरी आरती-2 ओ...माँ भारती... कैसे उतारूँ तेरी आरती-2 कोई कहे मैं सुता तुम्हारी, माथे की तेरे बिंदी हूँ।... Hindi · कविता · गीत 117 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 11 Sep 2025 · 1 min read दुवा दिल से...❤️ मुक़द्दस हृदय में ज़ियादा नमी है, कि आना तुम्हारा बड़ा लाज़मी है। सहने की हिम्मत ज़रा भी नही है, आँखों में भी आँसुओं की कमी है...✍️ मेरे लब तुम्हारी ख़ुशी... Hindi · शेर 90 Share शालिनी राय 'डिम्पल'✍️ 10 Sep 2025 · 1 min read शीर्षक: #स्त्री_अनमोल_कृति विचार कर, रोम-रोम में पवित्र प्रेम भर, गढ़ डाला उस ईश्वर ने उत्कृष्ट, 'एक अनमोल कृति' और वो है 'स्त्री' चाहती है वह थोड़ा स्नेह, और थोड़ा सम्मान, और देती... Hindi · मुक्तक 83 Share Page 1 Next