Mahender Singh 814 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read मैं कह न सका मैं कह न सका झिझक मेरे मन में थी, वह कह न सकी, लोक लाज के डर से, डरपोक कह आगे बढी, मन उसको भी था, शर्म सोलह श्रृंगार का... Poetry Writing Challenge 284 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read महाझूठ के आधार वाला सच एक ऐसा सच, जिसका आधार ही महाझूठ, कब हुआ फैसला,,दो लड़ने वालों में, बदल बदल कर जीत जाते है, बोल कर एकदम सफेद झूठ, कुचले गये, निर्दोष बेचारे, हर कोई,,अशोक... Poetry Writing Challenge 113 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read संवाद असत्य का सत्य पर, हार का जीत पर, बुराई के अच्छाई पर, सबल का निर्बल पर, धनी का निर्धन पर, हमेशा से , यही संवाद है तुम कुछ नहीं,,हम ही... Poetry Writing Challenge 111 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read भूखे की बेबसी हर बार भूखे ही कुचले जाते हैं, बने हुए है, समाज में फर्श (जमीं) सबको असुविधा से बचाते हैं, फिर भी हर बार, भूखे ही कुचले जाते हैं, . खुद... Poetry Writing Challenge 216 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read गृहस्थ आश्रम शांति की चाहत में, गया पहुंच जंगल में, मंगल की आश में, गये पहुंच दंगल में, मार्ग दर्शक थे जो बचपन के, वीणा कस, वाणी उनकी, सुनाते थे, परम पूज्य... Poetry Writing Challenge 205 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read लकीर के फकीर लकीर के फकीर कब तस्वीर बना पाते है, जो बैठे है भाग्य के भरोसे, कब तकदीर अपनी लिख पाते है उठ कर सुबह, हस्त-रेखाओं के दर्शन कर कर्म करने वाले,... Poetry Writing Challenge 152 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read तकलीफ और शिकायतें तकलीफ किसे बस शिकायतें हैं, जमाना गुजर गया तारीफ सुने हुए, होती गर तकलीफ, जरूर मिट गई होती, बस शिकायतों का चिट्ठा है, पढ कर प्रशासन में उच्च पद पाना... Poetry Writing Challenge 253 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read मजदूर की पीड़ा दो वक्त की रोटी को जिंदगी छोटी पड़ जाती है, सुबह का निवाला खाकर, जब धूप निकल आती है, संध्या होने तक कष्ट सहा भरपूर, कष्ट और भी गहरा जाता... Poetry Writing Challenge 88 Share Mahender Singh 10 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सुलह नज़र रख विचारों पर, खोज ले अपनी कमी उठने वाला तूफां उड़ा लेगा पैरों तले जमीं . चिंता भविष्य की त्याग तत्क्षण ले संभाल अनुभव अतीत का उतारे पार रखे... Poetry Writing Challenge 85 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - अटपटे वादा खिलाफी न करो, ये चरित्र पर दाग, बोलने से पहले सोच, भड़क न जाये आग. . अनुभवहीन के भाष सुन खोते अपने मूल. कुदरत की महिमा कांटों संग खिलते... Poetry Writing Challenge 1 325 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे खटपट जैसे भाव मन में हैं वैसा ही धरातल तैयार, प्रेम भाव से सींचा करो उग आयेगा प्यार.. . जिस देश में गूंजती, महिलाओं की चीख, ऐसे दरिंदे देखो देते ,,... Poetry Writing Challenge 1 369 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सरपट मानक मणियां पहनकर, पारख लाज लगाव, बिन सुध बुध ठोकर खाये,आये कौन बचाव,. . मनोरंजन के खेत में बोये जाते संज्ञाहरण बीज, मनोभंजन एक कला, लौट आयेंगे सब अजीज़. .... Poetry Writing Challenge 1 173 Share Mahender Singh 8 Jun 2023 · 1 min read दोहे - झटपट छोटी छोटी बातों पर, छिड़ रहा विवाद, अति जल्द सुलह करें ,शुरू करें संवाद. . संवाद पर विराम न लगे रखें हरदम याद, गुस्से से किनारे करें करना सदा फरियाद.... Poetry Writing Challenge 1 202 Share Mahender Singh 9 May 2023 · 1 min read मेरी दादी मेरी मां मेरे बच्चों की दादी कुछ इस तरह बतियाती पुराने जमाने का आइना बच्चों के लिए एक झूला, अपने बुढापे को छुपाकर अपने बचपन परवरिश के दस्तावेज दिखाया करती... Hindi 336 Share Mahender Singh 25 Apr 2023 · 1 min read चांदनी रात कोई तप कर सोना बनता है, कोई जल कर प्रकाश देता है हीरे को किरण का प्रकाश खुद की धूरी पर घूमते घूमते धरती के चक्कर लगाते हुए. सूरज से... Hindi 267 Share Mahender Singh 24 Apr 2023 · 1 min read समुद्र की पुकार शांत रहने वाले समुद्र में हलचल है आज, जैसे एक करवट में अशांत गिरेगी गाज़ चंद्रमा पूर्ण यौवनावस्था में बिखरे आगाज इकट्ठा हुए मछुआरे, सिर पर लेकर ताज, बाट जोहते... Hindi 165 Share Mahender Singh 6 Apr 2023 · 1 min read हम सफर एक ही रास्ते के मुसाफिर, कोई अपना जो दुख दर्द बांट लें, बिन किसी मकसद दो प्रेमी हो सकते है, भाई बहन माता पिता संग, जो गालियों पर भी हंसे,... Hindi 116 Share Mahender Singh 19 Mar 2023 · 1 min read झरोखे अतीत के झरोखे हैं, कुछ है, कुछ मिटा दिये गये कुछ सहायक, राह में रोड़े अधिक, फैला दिये गये मील के पत्थर, सहायक, मार्ग सही है, आगे बढें , हर... Hindi 1 238 Share Mahender Singh 14 Nov 2022 · 1 min read समसामयिक कुण्डलियां छंद खुली बहोत टकसाल, वोट साधन बारे, काम न आई एक हुई, सब बेकार ब्यौरे, सब बेकार ब्यौरे, बढ़ गई बेगार लाचारी, जनता हुई कर्जदार,फैली अखत बिमारी, कह हंस कविराय,सबनै इब... Hindi 1 1 144 Share Mahender Singh 5 Nov 2022 · 1 min read किरदार अपना अपना कौन तय करता है किरदार कौन है नियंता, किसके हाथ है डोर, कोई है सिरमौर, जाने न कोई ओर, मगर कोई है अगर, तुम खुद हो यार, तय कर तारीख... Hindi 1 168 Share Mahender Singh 28 Oct 2022 · 1 min read नास्तिक लोगों का योगदान नास्तिक लोग काम को थोड़े अलग ढंग से करते है, काम अलग नहीं होते, वे ही सब होते है, करने का तरीका अलग होता है . दुनिया में जितना शोर,... Hindi 1 285 Share Mahender Singh 27 Oct 2022 · 1 min read जुआरी सब कुछ खो गया, पाने के चक्कर में, जो पास था, ध्यान नहीं था उस पर, रहते रहते निर्भर, निर्भार न हो सका, अधूरी ख्वाहिशें, पूरी करने खातिर, दर दर... Hindi 2 1 177 Share Mahender Singh 7 Aug 2022 · 1 min read समयातीत साधक सब चालों की काट उकाब वक्त बही धार, लहर उठे सो मन वक्त के अनुबंध के पार, . . साधु साधक एक है मत पैदा करो मतभेद, साधु निर्लिप्त निसर्ग... Hindi 1 157 Share Mahender Singh 27 Jul 2022 · 1 min read दर्शन शास्त्र के ज्ञाता, अतीत के महापुरुष जनता पूछना चाहती है, महापुरुष का फ्रेम क्या है. (मूर्ख जवाब देते हैं) मन की बात करते है. पर समाधान नहीं देते. . बाबा साहेब का जीवन किसी, एक वर्ग... Hindi 3 2 367 Share Mahender Singh 22 Jul 2022 · 2 min read अमृत महोत्सव अमृत के बारे में, आप क्या सोचते हो ! . अमृत का जिक्र आते ही, एक बात याद में जरूर आती है, समुद्र मंथन. सुर और असुर, बाई प्रोडक्ट, अमृत... Hindi 1 242 Share Mahender Singh 28 Jun 2022 · 1 min read ठिकरा विपक्ष पर फोडा जायेगा ठिकरा विपक्ष पर फोडा जायेगा, नंबर सबका आयेगा, बिन इंतजार, ये पैसा अमीरी का कर रहा सफर, पंद्रह लाख खाते में,जायेंगे अखर, सुन अभी रुक, इतना मत बिफर . बात... Hindi 1 1 246 Share Mahender Singh 26 Jun 2022 · 1 min read उडान कैसी मेरी उडान व्यक्तिगत नहीं, गिरते समय पैराशूट तो.. उडते समय हवाई जहाज, प्रत्यक्ष उड्डयन है ये सब. . सोच विचार व्यवहार सब कैद यांत्रिक है सब कुछ, गारी आवत एक,पलटत... Hindi 246 Share Mahender Singh 19 Jun 2022 · 1 min read देश और आठ साल आदमी हर तरह से निचौड़ दिया गया, 8 नवंबर,2016 की बात है. सुबह उठा सब अव्यवस्थित था, मेरे अपने पैसे के लिए लम्बी कतार में था, जन धन खाते खोले... Hindi 154 Share Mahender Singh 18 Jun 2022 · 1 min read समय करवट लेता है समय करवट लेता है, मालूम नहीं उसे, जिनका ध्यान ईश्वर रखते हैं . बडे बडे दिग्गज धराशायी हो गये.. संध्या होना, गोधूली छा जाना, पक्षियों के कलरव बंद होना, मुहूर्त... Hindi 2 2 201 Share Mahender Singh 16 Jun 2022 · 1 min read अशांत मन चिंतित है मन,अशांत अधीर है मन, वर्तमान की समस्याओं को देखकर. पानी मिलता नहीं, शराब की भरमार, मंहगाई डायन बैठी लम्बे पांव पसार.. बेईमान की पहचान,मांगता अनहोनी, जो है उसे... Hindi 1 2 257 Share Mahender Singh 11 Jun 2022 · 1 min read धरती कहें पुकार के अल्फाज तेरे सुन कर, अरमान तेरे देख कर लगता नहीं तुम्हें चिंता है डगमग व्यवस्था देखकर. आंखें तेरी छीन कर. यांत्रिक तुम्हें बना कर, शब्दों के चक्रव्यूह रच कर, उमड़... Hindi 3 2 380 Share Mahender Singh 8 Jun 2022 · 1 min read नज़्म मेरे चलने से वो चलती है, ठहर जाती है रुकने पर, सांसें नहीं वो आये जाये. परछाई है अपनी माँ की, भविष्य निधि एक दूजे नू . तेरी हर बात... Hindi · शेर 1 1 216 Share Mahender Singh 31 May 2022 · 1 min read एक महिला साथी आरक्षण समाप्त कर बेहतर समाज बनाने की कल्पना करे तो कैसा लगे बहुत अच्छी पहल, आपकी श्रेणी को भोग्या कहा. वंचित रखा गया, कोई अधिकार निहित नहीं थे, एक शक्सियत. ज्योतिबाफुले और सावित्रीबाई फुले ने पहला महिला स्कूल खोला. आप जैसी उस... Hindi · लेख 5 5 363 Share Mahender Singh 26 May 2022 · 1 min read कैसे मान ले ये मजहबी बातें ठीक हैं तुम इसे स्वप्न मान भूल चुके, यह मेरे लिए एक दंश हैं तूने जिस चीज़ को ढाल बनाया मुश्किलें हमारी बढ़ी सम्मान से दो टूक कमाई में सामुहिक जगह है... Hindi · कविता 3 3 260 Share Mahender Singh 26 May 2022 · 1 min read दोहे है व्यवस्था इंसानी निसर्ग को गये भूल बोये पेड़ बबूल के पैदा होंगे लेकर शूल . संविदा इजाजत देता नहीं वोट में हो खोट, एक गुप्त मतदान कारणे,करे गहरी चोट,... Hindi · दोहा 1 1 178 Share Mahender Singh 22 May 2022 · 1 min read पैसा या सम्मान मुझे सम्मान चाहिए अर्धांगिनी को पैसा. पुरुषार्थ चार होते. धन से काम धर्म से मोक्ष मनुष्य काम की पूर्ति के लिए पैसा कमाया करता है. जिससे स्त्री खुश और बहुत... Hindi · लेख 3 2 280 Share Mahender Singh 21 May 2022 · 1 min read बचपन स्कूल और उद्देश्य बचपन शिक्षा और स्वप्न *-*-*-*-*-*-*-*-*-* हमारे समय में ज्यादा मौके नहीं थे, एक अध्यापकों का समूह जो मेहनत करके संस्कार भरते थे. स्कूल के द्वार पर लिखा होता था शिक्षार्थ... Hindi · लेख 3 2 314 Share Mahender Singh 20 May 2022 · 1 min read सोशल मीडिया की सच्चाई आप कुछ भी लिखे, आपसे संबंधित आदमी. गलत रहते आपको गलत नहीं ठहरायेंगे. बल्कि पैरवी करेंगे ! . ऐसा क्यों होता है, क्योंकि वै नहीं चाहते. आप सही दिशा का... Hindi · लेख 2 1 187 Share Mahender Singh 20 May 2022 · 1 min read क्या हिंदुत्व ही भारतीयता है. भारतीय के नाम पर तो कुछ बचा नहीं, जैसे भारतीय रेल, भारतीय वायुसेना, भारतीय ऑयल कॉर्पोरेशन, भारतीय जीवन बीमा. . ये कैसी विडम्बना है, इस तरीके को सरकार देशहित राष्ट्रवाद... Hindi · लेख 1 1 215 Share Mahender Singh 18 May 2022 · 1 min read धर्म आधारित राजनीति जहान् की जहां से भी सुनी, हताशा ही हरदम हाथ लगी, धंधा धेले का नहीं, चार माणस सब अलबाधी, कमाई धेले की नहीं, एक हजार का सिलेंडर, सब्सिडी एकदम टूटी,... Hindi · कविता 2 1 228 Share Mahender Singh 17 May 2022 · 1 min read जल है जीवन में आधार वारि पे वारी जाऊं बिन भूलें उपयोग, पानी के उद्भव बहुत तरवर ते संयोग. . जल की महत्ता पर सुंदर किया बखान. आओ सब मिलकर पेड़ लगाएं श्रीमान. . पानी... Hindi · दोहा 2 2 374 Share Mahender Singh 15 May 2022 · 1 min read ऊपज धरा निपजे सोना धन, धान्य सदाबहार, हंसा तो मोती चुगे पाश संग खरपतवार, . नहीं साधना नेता की,खाती बगुले से मेल बगुले का श्वेत रंग,नेता करते नाहक खेल . ढपली... Hindi · दोहा 5 3 593 Share Mahender Singh 9 May 2022 · 1 min read छद्म राष्ट्रवाद की पहचान बाहर धूप बहुत है, छतरी बिकती, क्यों नहीं, घर में है सिलेंडर, एक हजार रुपये पास नहीं, मंगता है मगर, मांगता है पैसे, रोटी खाता नहीं, भूख नहीं है तलब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 484 Share Mahender Singh 5 May 2022 · 1 min read वर्तमान परिवेश और बच्चों का भविष्य बद से बदतर. देश में रैगिंग और धर्म के नाम रेकी चल रही है. सरवर,तरवर,संतजन है नहीं . खत्म सब संपदा. बंद पड़े सब रोजगार. शिक्षा चिकित्सा पहुंच से दूर... Hindi · लेख 2 2 291 Share Mahender Singh 23 Apr 2022 · 1 min read वो पिता देव तुल्य है पिता है तो घोसला है वरन् एक ढकोसला है जिंदगी है गर एक मेला मेले का हर सामान मेरा है गर , जीवन एक खेला शेष रहता नहीं, कोई झमेला.... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 14 13 415 Share Mahender Singh 23 Apr 2022 · 2 min read आस्था पर प्रहार आजकल पता नहीं क्या हो गया लोगों को. पहले ईश्वरीय शक्ति के सजगता बनाने की बजाय. आस्था का दोहन करने के बजाय. अपना पक्ष बनने से पहले. निसर्ग को. जवाब... Hindi · लेख 1 385 Share Mahender Singh 15 Apr 2022 · 1 min read सिक्का एक, पहलू दो. बहुतेरे ऐसे लोग हैं, देखे उज्ज्वल पात, वो ही वाहक हैं, पूजन वाले जात पात. . एक तराजू पलडे दो, एक शोधक मध्य, दोनों पलडे़ अशांत , हो सके तो... Hindi · दोहा 3 438 Share Mahender Singh 14 Apr 2022 · 1 min read बाबा साहेब जन्मोत्सव बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर, पर जितने संगठन और शोध, चल रहे है, उन्हें जानकर, ऐसा लगता है, जो उनकी कार्य शैली रही, उसको समझने में और क्रियान्वित करने में... Hindi · लेख 7 4 563 Share Mahender Singh 12 Apr 2022 · 1 min read आदतें और आदमी आदतें मनुष्य खुद इख्तियार करता है, उसी से चरित्र बनता है, चरित्र से मनुष्य की छवि, बुरी आदतें, वे होती हैं, जिनके साथ जीना, मुश्किल हो जाता है, सीमाओं का... Hindi · लेख 2 2 185 Share Mahender Singh 12 Apr 2022 · 1 min read हम भारत के लोग हम भारत के लोग. ताकत हैं देश की, लेने देन में देनदार है सबसे पहले. जन्मोपरांत एक लाख के कर्जदार है .. सोचो सांस की कीमत मेरे देश की.. .... Hindi · कविता 3 2 353 Share Previous Page 3 Next