Mahender Singh 817 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Mahender Singh 14 Apr 2022 · 1 min read बाबा साहेब जन्मोत्सव बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर, पर जितने संगठन और शोध, चल रहे है, उन्हें जानकर, ऐसा लगता है, जो उनकी कार्य शैली रही, उसको समझने में और क्रियान्वित करने में... Hindi · लेख 7 4 567 Share Mahender Singh 12 Apr 2022 · 1 min read आदतें और आदमी आदतें मनुष्य खुद इख्तियार करता है, उसी से चरित्र बनता है, चरित्र से मनुष्य की छवि, बुरी आदतें, वे होती हैं, जिनके साथ जीना, मुश्किल हो जाता है, सीमाओं का... Hindi · लेख 2 2 188 Share Mahender Singh 12 Apr 2022 · 1 min read हम भारत के लोग हम भारत के लोग. ताकत हैं देश की, लेने देन में देनदार है सबसे पहले. जन्मोपरांत एक लाख के कर्जदार है .. सोचो सांस की कीमत मेरे देश की.. .... Hindi · कविता 3 2 356 Share Mahender Singh 11 Apr 2022 · 1 min read चिट्ठी का जमाना और अध्यापक एक हास्य व्यंग्य *.*.*.*.*.*.*.* डाकघर और चिट्ठी कालीन समय में. दो चार पांच गावों एकाध पढ़े लिखा व्यक्ति मिला करते थे. चिट्ठी लिखना और पढना, एक मुश्किल भरा दौर था,... Hindi · कविता 2 892 Share Mahender Singh 9 Apr 2022 · 1 min read अस्त व्यस्त कट गये पेड़ बच गये ठूंठ तपती धूप, बढ़ती झूठ, निगल गये हरियाली सहमे फरियादी, चढ़ गई फ्लैट सी बेल बढ़ गये बैल, अजब खेल, एकाध पार्क नाम के उपवन,... Hindi · कविता 4 4 278 Share Mahender Singh 6 Apr 2022 · 2 min read मास्क समझ पैदा नहीं करता एक आदमी मेरे क्लीनिक पर एक मास्क लेने आया, मैंने पूछा, किस रंग का दूं शायद उस आदमी को, जानकारी नहीं थी, उसके लिए, महज, एक पसंद खड़ी हो गई,... Hindi · कहानी 1 184 Share Mahender Singh 2 Apr 2022 · 1 min read दूर कहीं दूर दूर कहीं दूर निकल न जाना, बस यूं ही समीप बने रहना कम से कम खुदी खोज लेना ग्रास बनने से बचते रहना. मिलते रहेंगे यूं ही हरेक मोड पर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 281 Share Mahender Singh 1 Apr 2022 · 1 min read भेड और गडरिया मिल गई गडरिये को भेड़, भेड़ों को गडरिया मिल गया, भेड़ के कान पर, चप्पल रखने की आदत, पर काम कर गया, अपनी बरबादी पर जश्न, मनाने वाले, लोगों का,... Hindi · कविता 2 352 Share Mahender Singh 31 Mar 2022 · 1 min read दोहा काणे और खोडे शौक नवाबों आले, हालात जमा माडे. कतई चांदी काट रहे,काणे और खोडे. . वार के दस्तूर बुरे, बारंबार ढाल अडाते, चैस का खेल नहीं, राजा पडोस लखाते Hindi · दोहा 1 196 Share Mahender Singh 29 Mar 2022 · 1 min read तुम हो कहाँ किसी ने कहां तुम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरिजाघर, में हो, मैंने कहा, तुम्हें तो कण-कण में बताने वाले लोग हैं तुम हो कहाँ, पेड़ पौधों में, पशु पक्षियों में, बहते... Hindi · कविता 2 219 Share Mahender Singh 28 Mar 2022 · 1 min read स्वप्न और अभिप्राय मन के अध्ययन के बिन, स्वप्न को जानना बामुश्किल है. मन की क्रियाओं में सत्व/रज/तम त्रिगुणात्मक है. अंगों में अचेतन/अवचेतन/चेतन अवचेतन मन हमारी बुद्धि का खजाना है. . चेतन मन... Hindi · लेख 4 1 216 Share Mahender Singh 27 Mar 2022 · 1 min read रोबोट देश ने इतने अधिक रोबोट बना रखे है. जिन्हें धर्म की तो जानकारी कतई नहीं, पर देशहित राष्ट्रवाद पर मरने को हमेशा तत्पर रहते है. रोबोट मतलब यांत्रिक यानि बेहोश... Hindi · लेख 3 1 241 Share Mahender Singh 27 Mar 2022 · 1 min read समय के साथ दुनिया के प्रति नजरिया एक तो समय का पहलू ये है. समय हमारी व्यवाहरिक खोज है. जन्म से मृत्यु तक. समय हमारे शरीर के अनुरूप बदलता है. जैसे :- नवजात शिशु, टोडर, बच्चा, युवा,... Hindi · लेख 4 1 202 Share Mahender Singh 23 Mar 2022 · 1 min read इंटरोगेट इंटरनेट आधुनिकता क्या होती है. किसे कहते है. किसे मानते और समझते है पर निर्भर है. जो हमें प्रकृति और निसर्ग से दूर ले जाये. रोटी/कपडा/मकान/सकारात्मक सोच प्रदान न कर सके.... Hindi · लेख 4 323 Share Mahender Singh 19 Mar 2022 · 1 min read समस्या आप हैं तो समाधान भी मैंने सुना/देखा और पाया, लोग भौतिकता में सुख खोज कर रहै है नतीजन हम निसर्ग को विसर्ग तक ले आये, और हमें ऐसा नहीं, जानकारी तक नहीं. हम खुद अपने... Hindi · लेख 4 282 Share Mahender Singh 18 Mar 2022 · 1 min read संगठन यानि दो के बीच ठन जाना संग+ठन दो समूहों में आपसी ठनी रहना. संगठनों की संख्या उन्तीस/तीस लाख . सवर्णों के हाथ मंदिर का पुस्तैनी कटोरा है. बाबा साहब संगठनों के नाम पे दे गये. उनके... Hindi · लेख 4 611 Share Mahender Singh 18 Mar 2022 · 1 min read होला बैसाखी खेती से जुडे उत्सव यै उत्सव/पर्व नहीं है. हिंदू धर्म पर अमिट दाग. भारत विदेशी आक्रांताओं से ग्रस्त रहा है. अवर्ण्य लोगों पर भूभाग पर कब्जा करके अपने फायदे में इतिहास को थोप देना.... Hindi · लेख 4 1 469 Share Mahender Singh 17 Mar 2022 · 1 min read होलिका दहन एक कुप्रथा होलिका बुरी थी तो पूजन क्यों ? . कहीं ??? प्रह्लाद का बचाव. पुरुष-प्रधान समाज की नींव तो नहीं ! . सभी स्त्रियों की मानसिकता को ध्वस्त कर , उन्हीं... Hindi · लेख 4 1 510 Share Mahender Singh 14 Mar 2022 · 1 min read फायदे चाहते हो खुद के जाने बिन, तथाकथित भगवान की खोज संभव नहीं है, मन के अध्ययन के बाद, उसकी प्रकृति/प्रवृत्ति आपकी मदद करेगी, जिनका वजूद है ही नहीं, उसके लिए लडाई लडना.... Hindi · लेख 3 1 375 Share Mahender Singh 14 Mar 2022 · 1 min read इशारे दूसरों को इंगित करते हैं. आपके पास खुद के लिए भी नहीं. आपके अपने अनुबंध भी तो, यही दर्शाते है. . मैं कोई गैर नहीं ✍️ तुम्हारा ही एक रहबर हूँ मुझे वो नहीं आता... Hindi · लेख 2 1 411 Share Mahender Singh 13 Mar 2022 · 1 min read जमीन और जमीर में से जमीर और जमीन में से किसे चुने ? बहुदलीय चुनावी मैदान में संभव है. जैसे 21% से 12% पर गिरना. एक सीट आना, उस पर भी उम्मीदवार की जीत पार्टी... Hindi · लेख 4 4 390 Share Mahender Singh 13 Mar 2022 · 1 min read स्कूल या कॉलेज कॉलेज नो नोलेज विदाउट कॉलेज एकदम स्वतंत्र सभी बंधनों से मुक्त ज्ञान हो भले संयुक्त अद्भुत उर्जा, जमीं हो या हो आसमां सब कुछ जैसे निसर्ग अपने तांडव से परिचित... Hindi · लेख 1 237 Share Mahender Singh 12 Mar 2022 · 1 min read आपका नियामक कौन सोच विचार मनन मंथन तर्क-वितर्क मनुष्य के मन की प्रकृति होती है. यह एक सतत प्रवाह है. कोई इसे ताकत तो कोई इसे कमजोरी बनाकर नुकसान उठा लो, या फिर... Hindi · लेख 2 3 616 Share Mahender Singh 11 Mar 2022 · 1 min read बिक जाते है वोट बिक जाते हैं वोट. इशारे इशारों में. वो इशारे इशारों में बिक गई, हम करोडों लिए बैठे रहे, वो इक्कीस से बारह में सीमट गई. वो सौदा जीत गई, व्यवहार... Hindi · कविता 3 3 276 Share Mahender Singh 11 Mar 2022 · 1 min read भारतीयता और व्यख्यान अनजान शहर में जाने पहचाने लोग कहें या, या कहें, जाने अंजाने शहर सब जगह फैले पड़े हैं, भटके हुए लोग. . सब कुछ बदल रहा इतने तेज भारतीय खोजते... Hindi · कविता 2 3 311 Share Mahender Singh 7 Mar 2022 · 1 min read अर्धांगिनी का वह गुण जो गति देता है. अर्धांगिनी बायां अंग शरीर का वाम मार्गी कवि,लेखक,दार्शनिक, डॉक्टर, वैज्ञानिक सोच . जहाँ तक गुण का सवाल है, चुंबक के दो छोर, विपरीत के ग्राहक, . कहते है, मेरे जीवन... Hindi · लेख 2 2 348 Share Mahender Singh 5 Mar 2022 · 1 min read अटपटे संयोग चेहरे मुरझाए हुए है, मन ही मन मुस्कान, पड़ोसी बरबाद हुआ, अपनी बढ़ गई शान. . कहते है लोग नरक बना दिया जीवन भूल जाते है लोग कहते हुए, स्वर्ग... Hindi · कोटेशन 3 3 634 Share Mahender Singh 5 Mar 2022 · 1 min read मान्यताओं के पीछे अंध-आस्था और निवारण अनेकता में एकता का यह देश अपनी पहचान को जिंदा रखने के लिए समय समय पर पुरातन के सथ साथ नये बंधन बनाते रहता है. जिन्हें लोगों पर आस्था के... Hindi · लेख 3 3 336 Share Mahender Singh 4 Mar 2022 · 1 min read समझदारी एक ढोंग आस्था की मान्यता. और उस पर निर्वहन. सहजता नहीं एक बंधन है. इससे पार पाने के लिए. स्वयं के प्रति जागरण और मन की प्रकृति का अध्ययन आवश्यक है. .... Hindi · दोहा 2 2 404 Share Mahender Singh 4 Mar 2022 · 1 min read युवाओं में बढती, मानसिकता, एक समस्या आदतें मनुष्य खुद बनाता है. आदत चरित्र का निर्माण करते हैं. बुरी आदतों के साथ जीना मुश्किल हो जाता है. शिक्षा मनुष्य को सहज और सरल बनाती है. . आस्था... Hindi · लेख 2 2 486 Share Mahender Singh 3 Mar 2022 · 1 min read एक इंसानी फितरत कैसी हो. ऐसी होनी चाहिए. इंसानी फितरत. जुडने की. टूटने की नहीं. टूट टूटकर जो टूटें, खतरनाक उतना, (परमाणु) हंसते हंसते ए जुडे, पारद भार गणना. (पारा) Hindi · दोहा 3 3 458 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read नीर का त्याग कर कुदरती कुदरत की घटा,छटा, हमें पता नहीं, निसर्ग है छुपा. . झूम लेगी चूम लगे साथ देगी, मालूम नहीं निसर्ग खाक देगी. . विवेक जगा और समझ जता. भूख प्यास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 456 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read खरीद विक्रय शरीर है शारीर है. है सब क्रिया कलाप, . खुशियाँ हैं तभी तक, स्वास्थ्य है पास जब तक, सुंदर है बाल, लाल सुर्ख गाल, . तन है शरीर माफिक, मन... Hindi · कविता 4 4 304 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read बंद लिफाफा बंद लिफाफा भला इजाफा लिहाफ अच्छा घर में पोछा काम नहीं ओछे खुल कर पूछे हमेशा रखे मूंछें हाथ भले. भले हट गई पूंछे, फिर भी इंसान पशुओं से नहीं... Hindi · कविता 5 6 446 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read जरा ठहरो तुम गर अतीत पर गर्व और वर्तमान इसे ही मान रहे हो तो भविष्य खत्म कर लोगे. . यह इतने तीव्र घटित होता है. संभाल नहीं पावोगे Mahender Bhartiya Hindi · कविता 3 2 246 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read शिक्षक और विषय का चुनाव शिक्षक और कथावाचक में कोई फर्क नहीं, फिर भी, शिक्षा के क्षेत्र मनोविज्ञान फिलॉसफी बहुत विस्तृत क्षेत्र है. मनोबल और रहस्य की खोज मनुष्य और प्रकृति अस्तित्व के मध्य सहज... Hindi · लेख 2 1 279 Share Mahender Singh 25 Feb 2022 · 1 min read सूक्ष्म ध्वनि कह दो सुन ले जो ध्वनि सूक्ष्म है. तुम्हारे अपने आयाम है. परिचित उनसे तुम ही नहीं. थोपना है तुम्हारे हाथ में. उसको बस यही पसंद नहीं. Hindi · शेर 2 1 194 Share Mahender Singh 25 Feb 2022 · 1 min read ज्ञान का उदय लेकर रोशनी सूरज से, इतराती है चांदनी, गरूर में डूब जाता है. #चांद एक पखवाड़े के लिए. . किसी का चांद डूब गये. सूर्योदय हुआ किसी का. आंख खिले दृश्य... Hindi · शेर 2 1 403 Share Mahender Singh 25 Feb 2022 · 1 min read कथनी कहत क्या कहें, कहने के बाद, हर बात झूठी हो जाती है. . एक सज्जन है के, चुप ही नहीं रहता. Hindi · कोटेशन 3 2 256 Share Mahender Singh 24 Feb 2022 · 1 min read शादी का आयोजन एक स्वीकृत सामाजिक मुद्दा मनुष्य ने बुद्धिजीवी बनने में काफी लंबा सफर तय किया है, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. वह समूह में ,संघ में, इकट्ठा क्यों रहता है. जवाब साधारण सा है, असाधारण... Hindi · लेख 2 1 231 Share Mahender Singh 23 Feb 2022 · 1 min read समूह में सुरक्षा मालूम न तुम लड़ रहे हो खुद से, इस तरह सब जीत जायेंगे तुमसे. पहचान लो समय रहते बचें ऐसे. समूह में रहना,अकेली सुरक्षा जैसे Hindi · मुक्तक 3 2 374 Share Mahender Singh 23 Feb 2022 · 1 min read खुला आसमान तुम्हारा जीवन किले ,बंदी में भले बीता होगा, प्रजा कमा कर तुम्हें खिलाती है याद होगा. भूल गये हो गर, तो बाहर निकल कर देखना, खुशी दीवारों के भीतर नहीं,खुले... Hindi · मुक्तक 2 1 326 Share Mahender Singh 23 Feb 2022 · 1 min read कल की खुशी का कारण बातें कहाँ खुश कर पाती हैं. ये तो स्वप्न है जो कल पता नहीं कैसे आ गया. खाते में .. कुछ रकम आ गई. नोट पुराने से नये और एक... Hindi · लेख 3 3 519 Share Mahender Singh 22 Feb 2022 · 1 min read बहुआयामी दोहे दल बदल कर हो जाते है. पावन सहज जमात, गलत संघ की विचारधारा श्रेष्ठ थी मेरी खबात. मजदूर की सही पहचान मुंह मे तम्बाकू सायंकाल हाथ शराब हाथ में तेल... Hindi · दोहा 2 1 216 Share Mahender Singh 20 Feb 2022 · 2 min read मधुमेह यानि डॉयबिटीज मैलाईटिस मुख्य कारक इंसुलिन नामक द्रव्य होता है. जिसे अग्नाशय ग्रंथि यानि Pancreas के बीटा कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाले इंसुलिन पर निर्भर है. मधुमेह दो तरह का होता है. टाइप... Hindi · लेख 3 3 235 Share Mahender Singh 19 Feb 2022 · 1 min read प्रेम में इजहार के दिन नहीं होते भेज रहा हूँ जो मुझे मिला , दया, करुणा, प्रेम, प्रवाह. भीड़ जिसकी आयोजक है. बहती बन नफरत अथाह. . बहती है जो ,दो धारों बीच. आदि प्रवाह अंत अनंतहीन.... Hindi · कविता 3 2 302 Share Mahender Singh 19 Feb 2022 · 1 min read सुरत ए हाल सुरत ए हाल क्या ब्यां करें, लोग जब इतना ख्याल रखें. नाम लो और सब बखान करें, भविष्य भी बता देते है और ये ये कह दें उनके यहां चक्रवाती... Hindi · शेर 3 2 311 Share Mahender Singh 15 Feb 2022 · 1 min read डरा सो मरा डर डरकर जो जीवन जिआ करते है डरकर ही **डर से वो *मरा करते है. सीना तान कर जो *सामना करते है वे ही आखिर *इतिहास *रचा करते है. प्रधानमंत्री... Hindi · कविता 3 3 265 Share Mahender Singh 15 Feb 2022 · 1 min read शायद ही कोई हो. शायद ही कोई है, जो संतुष्ट हो. काम से अपने, नाम से भले हो. दुखी है कोई मिल गया, गम है हर एक को खो जाने का, कोई परेशान कद... Hindi · कविता 3 3 246 Share Mahender Singh 12 Feb 2022 · 1 min read शनि या भ्रम एक शनि भक्त आया. उसने जय शनि महाराज, कहा, और आपके घर के बाहर. दुकान के बाहर. एक नींबू सात हरीमिर्च, एक धागे में पीरो कर बांध दिया. . आपकी... Hindi · लघु कथा 4 7 416 Share Previous Page 4 Next