Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2022 · 1 min read

इंटरोगेट इंटरनेट

आधुनिकता क्या होती है.
किसे कहते है.
किसे मानते और समझते है पर निर्भर है.
जो हमें प्रकृति और निसर्ग से दूर ले जाये.
रोटी/कपडा/मकान/सकारात्मक सोच प्रदान न कर सके.
झूठ प्रचारित हो.
तथाकथित ईश स्तुति पर व्यवासाय को बढा दे
साइबर क्राइम बढा दे.
सृजनात्मक कला पर विसर्ग लगा दे.
विज्ञान वरदान की बजाय अभिशाप बन जाये
मानवीय मूल्यों का ह्रास होता हो.
नासमझ अविवेकपूर्ण फैसले लिए जाते हो.
आप समझ सकते हैं,
इंटरनेट
एक नासमझ औषधि को जहर बना लेता है
एक समझदार जहर को भी औषध …
वैयक्तिकता पर प्रहार.

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
दूध वाले हड़ताल करते हैं।
दूध वाले हड़ताल करते हैं।
शेखर सिंह
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
Trishika S Dhara
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
मैं शायर भी हूँ,
मैं शायर भी हूँ,
Dr. Man Mohan Krishna
हार से भी जीत जाना सीख ले।
हार से भी जीत जाना सीख ले।
सत्य कुमार प्रेमी
*सीता-स्वयंवर : कुछ दोहे*
*सीता-स्वयंवर : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
घायल तुझे नींद आये न आये
घायल तुझे नींद आये न आये
Ravi Ghayal
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
जिंदगी
जिंदगी
Dr.Priya Soni Khare
वस्तु वस्तु का  विनिमय  होता  बातें उसी जमाने की।
वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
(15)
(15) " वित्तं शरणं " भज ले भैया !
Kishore Nigam
रंगमंच
रंगमंच
Ritu Asooja
क्यों बनना गांधारी?
क्यों बनना गांधारी?
Dr. Kishan tandon kranti
*भारत*
*भारत*
सुनीलानंद महंत
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
जय माता दी -
जय माता दी -
Raju Gajbhiye
ज़माने   को   समझ   बैठा,  बड़ा   ही  खूबसूरत है,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कविता: सपना
कविता: सपना
Rajesh Kumar Arjun
सैनिक की कविता
सैनिक की कविता
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/138.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे अंदर भी इक अमृता है
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
कविता
कविता
sushil sarna
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
माता के नौ रूप
माता के नौ रूप
Dr. Sunita Singh
Loading...