हम जाति से शुद्र नहीं थे. हम कर्म से शुद्र थे, पर बाबा साहब
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
*अपने अपनों से हुए, कोरोना में दूर【कुंडलिया】*
तुम मत खुरेचना प्यार में ,पत्थरों और वृक्षों के सीने
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
💐प्रेम कौतुक-430💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैंने देखा ख्वाब में दूर से एक चांद निकलता हुआ
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
आत्म संयम दृढ़ रखों, बीजक क्रीड़ा आधार में।