Mahender Singh 817 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Mahender Singh 10 Feb 2022 · 1 min read खुशहाल गरीब खुशी गर बाहर ,भौतिकता में होती, गरीब वर्ग हमेशा वंचित, ही रह जाता, अनुभूति में छुपी हुई,चाहत है वो पाता, वो दुखियों के दुख भी, सदा है हर लेता. महेन्द्र... Hindi · मुक्तक 4 3 290 Share Mahender Singh 7 Feb 2022 · 1 min read एक दोहा दो उद्धरण भौतिक देश नश्वर है, पाया न कोई जीत. कोकिला कूकै थी. सब की थी वो मीत. . कुछ लोग कीचड़ फेंकने की जगह नहीं , मौका देखा करते है. जिम्मेदारी... Hindi · कोटेशन 2 1 238 Share Mahender Singh 7 Feb 2022 · 1 min read पाषाण से विज्ञान तक विज्ञान *वरदान या *अभिशाप मोबाइल से पहले मोबाइल था इंसान साथ इसे रख हो गया कितना आसान. आदि मानव युग को कहते युग पाषाण. छोड व्यर्थ की जदोजहद अहं अभिमान.... Hindi · कविता 3 3 283 Share Mahender Singh 4 Feb 2022 · 1 min read गरीबों की बस्तियाँ गरिबों की बस्तियां जलती रही, बनती नहीं कभी फिर उजड़ जाती है. बना देते है बहु मंजिला इमारतें. ठण्ड में काँपते हुए, बरसात मे. दम तोड देते है,गगन चुंब कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 276 Share Mahender Singh 3 Feb 2022 · 1 min read दिल्ली अभी दूर *हास्य *कविता दिल्ली अभी दूर लोगों ने कहा उन्हें लगा मैं हूँ मजबूर मैंने तंज कसा चलते जाऊंगा तो पहुंच पाऊंगा जरूर लोग हट गये पीछे कह कर इस आदमी... Hindi · कविता 4 4 408 Share Mahender Singh 3 Feb 2022 · 1 min read तुम्हें किससे मतलब है तुम्हें किससे मतलब है, नेता को वोट से वोटर अंजान, *मालूम नहीं *विषयी लेखक को पाठकों से गायक को श्रोताओं से पुरूष काम से, काम को धन से. स्त्री को... Hindi · लेख 4 4 275 Share Mahender Singh 31 Jan 2022 · 1 min read कूटनीति कूटनीति माथे लाल करवाती है, सदियों से *कायर, *भयभीत, कुछ *खोने के डर वाली प्रवृति के लोग सहारे लेते आ रहे. ये वे धार्मिक अंधभक्त है. जो तर्क-वितर्क नहीं कर... Hindi · कोटेशन 2 2 210 Share Mahender Singh 31 Jan 2022 · 1 min read वैक्सीन वैक्सीन लगाई गई एक सौ पचास करोड़, निकल गई देखों आम आदमी की मरोड़. . जान जरूरी है जहान् का देखों क्या, धन से सब कुछ, धान्य से होता क्या.... Hindi · दोहा 3 2 465 Share Mahender Singh 31 Jan 2022 · 1 min read अफसोस तो करना ही पडेगा मनुष्य एक यांत्रिक व्यक्तित्व है, मनोवैज्ञानिक, मनोदैहिक, मन से शरीर को, शरीर से मन को तरंगें प्रभावित करती है. क्रोध एक देह सुरक्षा के लिए जो निसर्ग की देन है,... Hindi · कहानी 3 4 389 Share Mahender Singh 30 Jan 2022 · 1 min read दीनहीन की बातें अब न ही दीश इमाम की बातें, भूखे पेट नहीं कटती अब रातें. बहुत हुई अब बस मन से बातें, ले जमीं पे कटती जिनकी रातें. Hindi · मुक्तक 2 1 221 Share Mahender Singh 30 Jan 2022 · 1 min read बेहोश अवस्था तुम जी रहे हो, पर कैसे ! धक्के खा खाकर, या धोखे खाकर. डर डरकर. या किसी की बतलाई, घडी से बंधकर. या किसी ग्रंथ की, संजीवनी पाकर. निसर्ग की... Hindi · कविता 4 5 336 Share Mahender Singh 30 Jan 2022 · 1 min read अहिंसा परमोधर्मः उस महात्मा उस महापुरुष मोहनदास करमचंद गांधी को कोटिशः नमन *विनम्र श्रद्धांजलि* जो भारतीय सामाजिक संगठनात्मक असमानता के पक्षधर थे . वे जातीय और वर्ण व्यवस्था के कट्टर समर्थक थे... Hindi · लेख 2 1 226 Share Mahender Singh 30 Jan 2022 · 1 min read तीन दोहे बहुत करीब है गरीब, प्रकृति के संग, अमीर जिनसे जुझते, वे लड़ते हैं जंग. . भले भलाई दोउ संघ में. अहं घनेरा अंध में, जाने ना शक्ति क्षम्य को. व्यर्थ... Hindi · दोहा 5 3 291 Share Mahender Singh 28 Jan 2022 · 1 min read डर टपकले का रामकुमार और छैलू दो भाई, प्रजापति/कुम्हार कच्ची मिट्टी के बरतन बनाने का काम करते थे, बाहर कच्ची मिट्टी के बर्तन खुले आसमान में चांदनी तारों भरी रात में एक सुंदर... Hindi · लघु कथा 4 4 391 Share Mahender Singh 28 Jan 2022 · 1 min read अल्फाज तुम्हारे है अल्फाज तुम्हारे है. मोहताज जमाना मेरे बन सबके बन गये, अल्फाज़ हमारे हैं. सरफराज अल्फ है. अल्फा बीटा गामा परमाणु एक इकाई. हाइड्रोजन अमलीजामा. जरा बताओ कौन है हिंदू कौन... Hindi · कविता 4 4 320 Share Mahender Singh 24 Jan 2022 · 1 min read ठिकरा फोड़ना ये मोहन की असफलताओं के ही तो ठिकरे हैं, जो फूट रहे है, पड़ोसी देश, पड़ोसी ही है, गैर सम्प्रदायी सब देश के नागरिक, न कुछ मुस्लिम समुदाय का बिगड़ा,... Hindi · लघु कथा 2 1 487 Share Mahender Singh 21 Jan 2022 · 1 min read प्रेम के कसीदे हसरतें तो बहुत है,आज भी. मन शरारतें, छोडता नहीं, शरीर कसरतों से बाज़ आता. नहीं. ये समस्या मेरी है तुम्हारी नहीं. पसंद है मुझे, रास तुम्हें आती नही. तुम चाहती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 252 Share Mahender Singh 19 Jan 2022 · 1 min read एक कदम चल जरा तू चल तो एक कदम जरा, पेड़ नहीं तू जो जगह बढा. ठहर न तू बस एक जगहा. सड़ जायेगा,ठहरे नीर तरहा. तू चल तो एक कदम जरा. बन जायेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 302 Share Mahender Singh 19 Jan 2022 · 1 min read मन दिल हृदय स्पर्श को आतुर है जल, जड़ तना कलि फल और फूल, क्या करें तब,जब रूठ जाये मूल. मन तो विषय विकारी है सबल, कर बैठता है, कोई न कोई... Hindi · कविता 2 1 254 Share Mahender Singh 18 Jan 2022 · 1 min read वर्ण के पर्याय और व्यवस्था वर्ण हर एक भाषा में वह सूक्ष्म इकाई है. जिन्हें बोलने में किसी अन्य की सहायता न ली जाए. जैसे हिंदी में ग्यारह स्वर और तैंतीस व्यंजन. In english 5... Hindi · लेख 1 1 363 Share Mahender Singh 15 Jan 2022 · 1 min read दोहे जीवन पर देखो कुछ करीब से,शायद कुछ दिखे गर है वही सबकुछ,जौहर हों (वोट के) तीखे. . तेरे कर्म ही पहचान, फिर क्यों अनजान, नैतिक मूल्य हो संग, ऐसे कर तू प्रबंधन.... Hindi · कोटेशन 2 3 617 Share Mahender Singh 14 Jan 2022 · 1 min read अहंकार की तृप्ति मनुष्य ने वे ही काम करने शुरू किये, जो निसर्ग में एक चक्र होता है. एक कुत्ते को पालतू बनाया. फिर बिल्ली पाल ली. दोनों को एक बर्तन में खाना... Hindi · कोटेशन 1 295 Share Mahender Singh 14 Jan 2022 · 1 min read सत्तारूढ़ वो जो बोलते हैं, सिर्फ़ कहने पर. ध्यान रखते हैं, वो वो है जो आज, सत्तारूढ़ हैं डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस Hindi · कोटेशन 1 524 Share Mahender Singh 14 Jan 2022 · 1 min read खौफ से मुक्ति ये जो सृष्टि में ब्रह्म-जाल फैला हुआ है. इससे पार सिर्फ़ बुद्धि पा सकती है. बुद्धि-योग इसलिए नहीं कहुगा. लोग कृष्ण/शंकर/पतंजलि आदि को पकड़ लेंगे और फिर रामदेव वाला कह... Hindi · लेख 2 1 298 Share Mahender Singh 14 Jan 2022 · 1 min read जीवन एक प्रदर्शनी जीवन एक प्रदर्शन का पर्याय बन जाये, इस तरह जीवन, जो लोग जीवन जीते हैं, वे उदाहरण बन जाते है. लेकिन बहुत बार उनका धरातल पर कुछ नजर नहीं आता,... Hindi · लेख 3 2 383 Share Mahender Singh 12 Jan 2022 · 1 min read कान्हा तुम जमाने भर की खुशियां ले आते हो. दुनिया में सिर्फ़ फसाद छोड़ आये हो.. कौन तुम्हें याद करेगा और किस लिये. तुम कान्हा के नकलची हो,याद दिलाते रहो. Hindi · मुक्तक 4 3 477 Share Mahender Singh 9 Jan 2022 · 1 min read ओनली प्रेशर नो प्रैश मीटिंग नजरअंदाज करने वाले माणस, न *अधिकार रैली मा दिखया, ना *धिक्कार रैली मा. खौफ इस कदर ठीक नहीं. एकाध *प्रैश कॉंफ्रेंस कर लेते. . सुना है, आंखें बिछाये बैठे हैं,... Hindi · शेर 2 1 273 Share Mahender Singh 6 Jan 2022 · 1 min read कौन है किसान माँ के दूध का courage होता है. किसान कौन है. 1. जिसके पास जमीन है. 2. जो वहां, मजदूरी करता है, बंधवा है. 3 वो जो पैदावार बढ़ाने के लिए... Hindi · लेख 3 3 345 Share Mahender Singh 3 Jan 2022 · 1 min read दोहे विषय मन मन पर पकड़ हो पहले, फिर भगवता खोज, जो खोज पूर्ण हो नहीं. तो भी खास हररोज. . मन करता तर्क वितर्क. ले प्रवृत्ति को जान, मन प्रकृति विषयी दौड़... Hindi · दोहा 1 1 299 Share Mahender Singh 3 Jan 2022 · 1 min read कौन है ये राष्ट्रवादी दुनिया को बदलने वाले प्रचारकों, विज्ञापनों से बाहर आओ. और देखों, कमाकर पेट भरना, कितने मुश्किल हो गया हैं. कब तलक करें, तिलक और चोटी पर, गर्व. आपसी तालमेल को... Hindi · कविता 5 5 423 Share Mahender Singh 1 Jan 2022 · 1 min read स्नेहिल अभिनंदन 2022 कोई छेड़छाड़ करे तो छिड़ जाओ कोई भेड़े तो भीड जाओ. क्रिया की प्रतिक्रिया देते रहो फिर क्या नया, क्या पुराना ! 2021 की जगह 2022 हो जाओ. एक नया... Hindi · लेख 1 1 493 Share Mahender Singh 31 Dec 2021 · 1 min read अरदास लगा लो,उम्मीद जगा लो. अरदास लगा लो, उम्मीद जगा लो, मनोबल बढ़ा लो, जज्बा दिखा दो. . कुछ करने, कुछ कर गुजरने की, ठान कर आना, ऐसी मजबूर हुकूमत, मत लाना, दोस्तों ! तुम्हें... Hindi · कविता 3 3 441 Share Mahender Singh 30 Dec 2021 · 1 min read जुडाव तुडाव सब घटना परिचय देकर घर मे घुसे, अपरिचित वो कैसे हुऐ. दिन के उजाले में बती जली, चांदनी रात में,बंद रोशनदान, घटाटोप अंधकार सुहावना हुआ, चांदनी रात में जलप्रपात घटित. ऊभर कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 287 Share Mahender Singh 29 Dec 2021 · 1 min read उसका क्या खोजना उसका का क्या खोजना. जिसे सतत महसूस कर रहे हैं. . जिन्होंने भी खोज की. सार यही निकला. अहिंसा असत्येय अपरिग्रह स्वयं के प्रति जागरण. . मन का अध्ययन. जग/संसार/सृष्टि/अस्तित्व... Hindi · लेख 2 2 351 Share Mahender Singh 29 Dec 2021 · 2 min read खौफ किस बात का कैटेगरी जनता में एक आकलन है. जो सारणी बनती है, वो स्वाभाविक है. ये मत एक वैज्ञानिक मत है, जिसे धर्म सिरे से नकार देते है. आस्था और विश्वास के... Hindi · लेख 1 1 464 Share Mahender Singh 28 Dec 2021 · 1 min read बचाना है गर हिंदुत्व दूर दूर तक नजरें उठा कर देखने के बाद ऐसा दिखाई देता है. किसे समझा रहे है, हम, जिन्होंने सुनना छोड दिया है देखना बंद कर दिया है. तोड़ फोड़... Hindi · लेख 2 1 294 Share Mahender Singh 27 Dec 2021 · 1 min read माफिया मुझे तो बस, तेरा मुखौटा हटा देना था, न जमीं है तेरी ✍️ जमीर कहाँ से आयेगा. जा तुझे मुआफ़ किया. इंसानियत अभी मेरी ! मरी नहीं ! जिंदादिली देख... Hindi · शेर 2 2 363 Share Mahender Singh 27 Dec 2021 · 1 min read शेर अज़नबी कपडों से पहचान करने वाले, इंसानी पहचान में गच्चा खा गये. . इतने आसां नहीं रहे सफर, कभी ! नफरती मिजाज घुले नहीं. अभी !! . कुछ हलचल जरूरी है,... Hindi · शेर 1 1 268 Share Mahender Singh 23 Dec 2021 · 1 min read भटकाव किस वजह से ओ हो ! ये मोहन भी है न, अपनी आदत से बाज़ नहीं आता है. दुनिया में, आज कमाकर खाने में कितनी मुश्किलें हैं, फिर भी इन्हें, धर्म दिखाई देता... Hindi · कहानी 2 2 322 Share Mahender Singh 20 Dec 2021 · 1 min read बेअदबी जब मनुष्य के द्वारा लिखे ग्रंथ, इंसान से बडे हो जाये, जीवन का मूल्य सृजन नहीं, अदबी लेखन को ही समझ लिया विवेक समझ न्याय. जो धर्म की पैदाइस है.... Hindi · लेख 1 1 297 Share Mahender Singh 19 Dec 2021 · 1 min read आज फिर एक जान गई आज फिर एक जान गई, किसे फर्क पड़ता है,उसके अलावा जिसकी जान गई. ये जिद्द है धार्मिक लोगों की, कण कण में भगवान में है.. लेकिन उसमें नहीं है जिसने... Hindi · लेख 1 1 260 Share Mahender Singh 14 Dec 2021 · 1 min read अलख अलखा किसी को देखा है. तुमने, जिसका वो खाते. आये हैं. कतई भयभीत नहीं. तुम्हारे अंदर का डर. खत्म न हो जाये. . उसी को अलखा अलख कहते हैं. Mahender Singh... Hindi · शेर 1 1 416 Share Mahender Singh 14 Dec 2021 · 1 min read मुलाकात लगता है तुम्हें, प्यार की भाषा कम समझ आने लगी है, हर उम्मीद , हबीब बनकर जिंदगी में उतरने लगी है, अब भी चाहो तो, मैदान खाली है, उतर आओ... Hindi · मुक्तक 1 1 526 Share Mahender Singh 14 Dec 2021 · 1 min read संपादकीय राजसत्ता *धर्म, राजसत्ता प्राप्त करने का मुख्य द्वार है @कथन @बाबा साहेब ? प्रवेश द्वार किसे बताया गया और क्यों ? क्योंकि भीड़ से सृजन औद विनाश करवा लेना. दोनों ही... Hindi · लेख 2 2 469 Share Mahender Singh 11 Dec 2021 · 1 min read ढेला या देवताओं लोग भक्ति भक्ति करते हैं. फिर भी, शक्ति-प्रदर्शन *लोगों से करते हैं. लोगों को मनोबल एक *ढेले से मिलता है, घर के बुजुर्ग को ही *ढेला समझ लो. कुछ तो... Hindi · शेर 2 2 269 Share Mahender Singh 11 Dec 2021 · 1 min read मुलाकात इत्तेफाक नहीं है, तेरा मेरा मिल जाना. कुछ तमन्ना तुम्हारी. चाहत रही कुछ हमारी. भले वो मुलाकात तुम्हारी. याद न हो तुम्हें. हमने सोच लिया था. तुम्हें अपनाने को. धड़कने... Hindi · कविता 1 1 285 Share Mahender Singh 8 Dec 2021 · 1 min read हादशे जब बने हकीकत. एक तैराक,, इसलिए डूब गया, गहराई से वंचित और प्यासा था. जल में था, तैनात,, हर उलझन से वाफिक. मगर डूब गया, इत्मिनान से , ये सवाल छोडकर, हर कलाकार... Hindi · शेर 1 1 474 Share Mahender Singh 8 Dec 2021 · 1 min read धर्मांतरण धर्म और जाति का जन्म से ही थोपी एक व्यवस्था है. इसे व्यक्ति तोड़ सकता है. धर्मांतरण एक मौलिक अधिकार. इसे नवजीवन/द्विज समझे. तब ही आदमी, जानकर/जागकर विवेक, समझ और... Hindi · लेख 2 1 543 Share Mahender Singh 6 Dec 2021 · 1 min read रुग्ण विचार किसी आदमी के व्यर्थ का बोलना, मूर्खता ही तो है,उसकी बातें तोलना . वो धरातल की बातें कभी करते नहीं, आकाश है,उस पर भी सबका बसर. कहाँ ? . प्रेम... Hindi · शेर 1 1 394 Share Mahender Singh 6 Dec 2021 · 1 min read अनाडी अपने हकों का करें सम्मान मत करों पर हको का हनन. सबसे बुरा है औरों का दमन. आ जायेंगे, घर पर कभी समन तालीम करनी होती नहीं आसान. खुद से... Hindi · कविता 1 1 305 Share Previous Page 5 Next