माफिया
मुझे तो बस,
तेरा मुखौटा हटा देना था,
न जमीं है तेरी ✍️
जमीर कहाँ से आयेगा.
जा तुझे मुआफ़ किया.
इंसानियत अभी मेरी !
मरी नहीं !
जिंदादिली देख !!!
मुझे तो बस,
तेरा मुखौटा हटा देना था,
न जमीं है तेरी ✍️
जमीर कहाँ से आयेगा.
जा तुझे मुआफ़ किया.
इंसानियत अभी मेरी !
मरी नहीं !
जिंदादिली देख !!!