Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2022 · 1 min read

कौन है ये राष्ट्रवादी

दुनिया को बदलने वाले प्रचारकों,
विज्ञापनों से बाहर आओ.

और देखों, कमाकर पेट
भरना,
कितने मुश्किल हो गया हैं.

कब तलक करें, तिलक और चोटी पर, गर्व.
आपसी तालमेल को तुमने.
छोडा कहाँ है.

पडोसी मुल्क नहीं तुम्हें प्रिय,
नफरत तुम्हें बहुजन समाज से है
पैदाइश सबकी अनाज से है.
किसान भी तुम्हारे प्रतिद्वंद्वी हैं.

Language: Hindi
5 Likes · 5 Comments · 375 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
* शक्ति स्वरूपा *
* शक्ति स्वरूपा *
surenderpal vaidya
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/116.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"आज की रात "
Pushpraj Anant
*आदत बदल डालो*
*आदत बदल डालो*
Dushyant Kumar
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
पूर्वार्थ
#आज_का_सबक़
#आज_का_सबक़
*Author प्रणय प्रभात*
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
Shashi kala vyas
कितना और बदलूं खुद को
कितना और बदलूं खुद को
Er. Sanjay Shrivastava
आख़िरी मुलाकात !
आख़िरी मुलाकात !
The_dk_poetry
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
ग़र कुंदन जैसी चमक चाहते हो पाना,
ग़र कुंदन जैसी चमक चाहते हो पाना,
SURYA PRAKASH SHARMA
जिन्दगी के हर सफे को ...
जिन्दगी के हर सफे को ...
Bodhisatva kastooriya
***
*** " मन मेरा क्यों उदास है....? " ***
VEDANTA PATEL
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
विरह गीत
विरह गीत
नाथ सोनांचली
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
Manoj Mahato
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*
Ravi Prakash
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
"वोटर जिन्दा है"
Dr. Kishan tandon kranti
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
शेखर सिंह
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
क्या मेरा
क्या मेरा
Dr fauzia Naseem shad
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
बाबागिरी
बाबागिरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विजेता
विजेता
Sanjay ' शून्य'
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
Loading...