Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2022 · 1 min read

इशारे दूसरों को इंगित करते हैं.

आपके पास खुद के लिए भी नहीं.
आपके अपने अनुबंध भी तो,
यही दर्शाते है.
.
मैं कोई गैर नहीं ✍️
तुम्हारा ही एक रहबर हूँ
मुझे वो नहीं आता
जिसे तुम ढ़ाल बना लेते हो.
.
आदमी यांत्रिक है.
खुद से अनजान.
अंडभक्ति तो बस एकतरफा है.

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1 Comment · 381 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जब ऐसा लगे कि
जब ऐसा लगे कि
Nanki Patre
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
कॉफ़ी की महक
कॉफ़ी की महक
shabina. Naaz
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
अरमान गिर पड़े थे राहों में
अरमान गिर पड़े थे राहों में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सोच और हम
सोच और हम
Neeraj Agarwal
■ आज की बात....!
■ आज की बात....!
*Author प्रणय प्रभात*
देशभक्ति पर दोहे
देशभक्ति पर दोहे
Dr Archana Gupta
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
They say,
They say, "Being in a relationship distracts you from your c
पूर्वार्थ
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
Ram Krishan Rastogi
रिश्ते
रिश्ते
Mamta Rani
अतिथि देवो न भव
अतिथि देवो न भव
Satish Srijan
ईश्वर
ईश्वर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मुक्तक -*
मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*जीवन में मुस्काना सीखो (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जीवन में मुस्काना सीखो (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
Shreedhar
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
Pakhi Jain
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
कविता : आँसू
कविता : आँसू
Sushila joshi
तू बेखबर इतना भी ना हो
तू बेखबर इतना भी ना हो
gurudeenverma198
बुंदेली (दमदार दुमदार ) दोहे
बुंदेली (दमदार दुमदार ) दोहे
Subhash Singhai
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त का सिलसिला बना परिंदा
वक्त का सिलसिला बना परिंदा
Ravi Shukla
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
3099.*पूर्णिका*
3099.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
Loading...