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12 Apr 2022 · 1 min read

हम भारत के लोग

हम भारत के लोग.
ताकत हैं देश की,
लेने देन में
देनदार है सबसे पहले.
जन्मोपरांत एक लाख के
कर्जदार है ..
सोचो सांस की कीमत
मेरे देश की..
.
देते रहे, बहुत कुछ दिया,
पर मूलधन खडे ही रहा.
बढते रहा, और सख्त हुआ,
पर ब्याज चुकते न हुआ.
.
जाने क्या इतिहास है मेरे देश का,
भेष ही संस्कृति,सभ्यता पहचान.
आदमी अनजान है, सरकारें सावधान है.
कार्य/न्याय/विधान पत्रकारिता कुछ ही
लोगों के नाम वा जन्मसिद्ध अधिकार हैं
.
ईश्वर भी,अब तो कुछ दिन का,मेहमान है,
करता अब तो वह भी, ठेकेदारों के काम है,
देखो कैसे अजब अचंभे है,हर तरह भड़के दंगे हैं,
कहते है, शोर मशगुल, सिर्फ हिंदुओं में है,
बहुत छोटी जटिल कठिन गूढ़ छद्म इनके आधार है.

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 310 Views
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