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19 Mar 2022 · 1 min read

समस्या आप हैं तो समाधान भी

मैंने सुना/देखा और पाया,
लोग भौतिकता में सुख खोज कर रहै है
नतीजन हम निसर्ग को विसर्ग तक ले आये,
और हमें ऐसा नहीं,
जानकारी तक नहीं.
हम खुद अपने नजदीक, रहकर.
मन की प्रकृति वा प्रवृति से अनजान रहकर,
आस्था रुपी नींव को कच्चा छोड़ देते है,
प्रतिफल मनुष्य यांत्रिक हो जाता है.
अब उसके संज्ञान में ही नहीं,
वह विचारक है,
विचार मंथन कर सकता है.
वह धैर्य रख सकता है.
.
किसी भी घटना को वह रहस्य/खौफ/अहंकार भाव से देखना आरंभ कर देता है !
.
वह तथाकथित भगवान ईश्वर अल्लाह मसीह को स्थापित कर लेता है.
और समाधान खुद में नहीं बाहर खोजता है.
सबसे आसान काम पूजा/अर्चना/आराधना/व्रत/उपवास को समझे बिन उस और दौड़ लगाता है.
परिणाम नगन्य/शून्य.
फिर भी उसे बौद्ध नहीं हो पाता.
क्योंकि वह बाहर आयोजित दुकानें बदलता रहता है.
और एक दिन हार थककर.
वह सोचता है.
खुद से बातें करता है.
बाहर उदाहरण देखता है.
और पढ़ता समझता है.
.
वह अपने घर लौट गया.
और
आप ???
.
समस्या आप है तो समाधान भी आप ही बनेंगे.

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 248 Views
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