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9 Jun 2023 · 1 min read

दोहे खटपट

जैसे भाव मन में हैं वैसा ही धरातल तैयार,
प्रेम भाव से सींचा करो उग आयेगा प्यार..
.
जिस देश में गूंजती, महिलाओं की चीख,
ऐसे दरिंदे देखो देते ,, सदाचार की सीख,
.
कर्मकांड के खिलाफ आरंभ किया संवाद,
झूठ की नींव हिलने लगी शेष बचा आबाद.
.
शुभ अशुभ होता नहीं, अकर्मण्य के जाल,
मिलते नहीं प्रमाण,व्यवाहरिक सब जंजाल.
.
पढ़ें और पढ़ाये होते ढ़ाक के तीन पात,
पल्लू कुछ है नहीं जित देखों उत घात..
.
वट पूजा, पीपल पूजे, पूजते तुलसी लोग,
गुण धर्म उपयोग सीखे नहीं कैसे फले योग.
.
आहार निद्रा पर टिका यह सकल शरीर.
खुद पर निर्भर रहकर बनते सब अमीर..
.
रटे रटाये गीत रे , ,देखते मिलन की बाट,
रहट को पहले मिले,देख पानी पानी घाट.
.
वार ते वार बढ़े एक सप्ताह के चक्र
फिर से गुजरे चार बार पूर्ण इक वक्र
.
ध्वनि प्रकाश एक ताल,उत्पत्ति क ताज,
मेंढ़की बिठाए ताल, होता तबहीं आगाज़

Language: Hindi
1 Like · 323 Views
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