Ahtesham Ahmad 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Ahtesham Ahmad 18 Jul 2023 · 1 min read वाह टमाटर !! वाह टमाटर ! तू तो आज कमाल हो गया। कल था हरा, आज सच में लाल हो गया।। बिक रहा था कल फूटी कौड़ी के दाम तू। आज ख़ुशक़िस्मती से... Hindi · कविता 139 Share Ahtesham Ahmad 15 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत फ़ितरत में जब फ़ितूर होता है। तब इंसान ख़ुद शरूर होता है।। बाहर से तो बिल्कुल बा-शु'ऊर। और अंदर से बे-शु'ऊर होता है।। ज़ुबाँ में होती शहद सी मिठास है।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 3 189 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read A Little Pep Talk Never ever dampen your spirit. Make sure you don't lose the grit. If folks around will let you down, Nothing for you is there to frown. The world worships the... English 363 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read CUPID-STRUCK ! The wind blew hard and wide, The Sun did shine and up ride The sky bathed in rainbow hue, To welcome the Cupid far in view. The earth wrapped in... English 316 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read LOVE-LORN ! Sitting lazily beneath a snow-laden bough, Solitude hath brought thee alive now. With tearful eyes under my inky brow, The love for thee doth ever grow. Thy love hath for... English 188 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read মানুষ হয়ে যাও ! এই যে আকাশ! এই যে বাতাস! এই যে নদী, পুকুর আর সাগর ! এই যে সবুজ সুন্দর বৃক্ষ পাতা ! এই যে নানা ধরণের পুষ্প,পাখি! উপরে মেঘ, উঁচু পাহাড়, বড়... Bengali 99 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read আজকের মানুষ সময় আসছে, সময় যাচ্ছে। মানুষ এগিয়েও থেমে যাচ্ছে। জীবনের মধ্যে ও জীবন নেই। জীবন কে স্বপ্ন দেখিয়ে যাচ্ছে। ইচ্ছার কোনো আর শেষ নেই। কিন্তু ইচ্ছার দাসত্ব করে যাচ্ছে। মুখে সব... Bengali 165 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read جستجو ءے عیش -جستجو ءے عیش میں جو مبتلا ہر شہر ہو گیا -اس چھوٹی سی زندگی میں پریشاں ہر بشر ہو گیا -آنکھیں خواب دیکھتی ہیں زمیں پے جنّت بسانے کی -پر... Urdu 179 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read سیکھ لو بات دل پہ لگے تو درگزر کرنا سیکھ لو۔ زندگی کے ہر موڈ پہ صبر کرنا سیکھ لو۔ نفرتوں کو زندہ کب تلک رکھوگے دل میں؟ کبھی پیار کی زندگی... Urdu 147 Share Ahtesham Ahmad 30 May 2023 · 1 min read تہذیب بھلا بیٹھے چند الفاظ کیا پڑھ لئے -اپنی تہذیب ہی بھلا بیٹھے جذباتوں نے جو اپھان ہے مارا -خود کی زباں کو ہی چلا بیٹھے آنسو خوشی کے دئیے آنکھوں نے -ان... Urdu 182 Share Ahtesham Ahmad 21 May 2023 · 1 min read जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती। जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती। तुम से तो कहीं अच्छी यादें तुम्हारी हैं।। © मो• एहतेशाम अहमद, पश्चिम बंगाल, इंडिया Quote Writer 225 Share Ahtesham Ahmad 21 May 2023 · 1 min read कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा। कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा। तेरे दिल का मेरे दिल से वास्ता रहा होगा। इस दिल ने है ठोकरें खाया डगर डगर पे। यूँ ही नहीं सितमगर... Quote Writer 481 Share Ahtesham Ahmad 21 May 2023 · 1 min read بدل گیا انسان کسی کو اب کسی سے واسطہ کہاں ہے ؟ -لوگ چلتے اب تو اجنبی سے یہاں ہے -ملاقات ہوکر بھی دلیں مل نہیں پاتیں -جانے کون سی بیرخی اب لوگوں... Urdu · Quote Writer 142 Share Ahtesham Ahmad 20 May 2023 · 3 min read एक ख़ून ऐसा भी ... कोरोना का क़हर प्रतिदिन बढ़ रहा था। इधर लॉकडॉन की अवधि भी बढ़ती जा रही थी। न्यूज़ चैनलों पर कोरोना की संवेदनशील डरावनी खबरें हर दिन लगातार आ रही थी।... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता 1 2 300 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 25. इश्किया फ़रवरी देखो! झूठे इश्क़ की फ़रवरी आ गयी। पैसों से निभाने ये रिश्तेदारी आ गयी।। मुहब्बत में तो लग गया अब चार चाँद। आशिक़ों की ज़ुबाँ पर शायरी आ गयी।। मुहब्बत... Poetry Writing Challenge 127 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 24. ऐ हमसफ़र ! माँगा ख़ुदा से तुझे हर दिन, हर पहर है। तभी तो हुआ मेरी दुआओं का इतना असर है।। तारों ने भी किया साज़िशें हमें मिलाने का। फिर पाया तेरे जैसा... Poetry Writing Challenge 176 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 23 पहला नशा ! मेरे दिल को बेक़ाबू तेरी एक झलक ने किया। नज़रें जब मिलीं, सजदा तेरी पलक ने किया।। फ़िज़ाओं में भी ख़ूब मुश्क की घटा थी छायी। मेरी मदहोशी को बेचैन... Poetry Writing Challenge 336 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 22. शरीक-ए-हयात जीने के लिए कुछ ख़्वाहिशात रहने दे। धड़कने के लिए कुछ जज़्बात रहने दे।। मेरी ज़िंदगी का हर पल हो तुम्हारे नाम। इस वास्ते मुझ में तेरे ख़यालात रहने दे।।... Poetry Writing Challenge 555 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 21. एक मलाल अदा तेरी कमाल है। सादगी की मिसाल है। आँखें तेरी मुझ से। पूछती कई सवाल है।। मेरी बे-ख़याली में भी। फ़क़त तेरा ख़्याल है।। तेरी यादों की याद में। हुआ... Poetry Writing Challenge 134 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 20. मुर्दा इश्क़ - एक आज़ाद ग़ज़ल इश्क़ मेरा बेकार हो गया। यादों में गिरफ़्तार हो गया।। सोचा था रंग लायेगा इक दिन। पर बेरंग ये कई बार हो गया।। पोशीदा रखा था मैं ने इसे। पर... Poetry Writing Challenge 189 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 19. ख़फ़ा ग़ुलाब जाने क्यूँ ग़ुलाब काँटों से ख़फ़ा हो गया। पास रहना मानो अब तो जफ़ा हो गया।। काँटो ने की बहुत पहरेदारी गुलाब की। फिर भी ग़ुलाब जाने क्यूँ बेवफ़ा हो... Poetry Writing Challenge 187 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 18. एक मरहम जब दर्द का सितम होता है। तो क़लम का साथ होता है।। तन्हाई जब भी डसती है मुझे। लफ़्ज़ों का तब जन्म होता है।। जब कोई सुनता नहीं है मुझे।... Poetry Writing Challenge 72 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 17. मुहब्वत की नसीहत जाने कौन सी घड़ी ये मुसीबत आयी है। फिर गले लगने आज मुहब्बत आयी है।। जो बहुत दूर चले गये थे इन आफतों से। फिर सितम ढाने को फ़ज़ीहत आयी... Poetry Writing Challenge 123 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 16. . वो हमदर्दी ! कोई अब हमदर्दी जताता नहीं। दिल से दिल अब मिलाता नहीं।। सारे अपने हो गये अब पराये से। प्यार से भी अब कोई रुलाता नहीं।। कल जो हाथ बढ़ते थे... Poetry Writing Challenge 64 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 15. मुहब्बत का वहम ज़िन्दगी ने हर मोड़ पे बस ज़ख़्म दिये। ज़ख्म दिये भी तो नहीं कुछ कम दिये।। ऐ ज़िन्दगी! जब भी तुझे लगाया गले से। बदले में तू ने हमेशा मुझे... Poetry Writing Challenge 73 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 14. ऐ हमनशीं ! दो नसीबों ने प्यार से मुस्कुराया। दो दिलों को है दिल से मिलाया।। काँटों ने जब रोका कभी रस्ता भी। फूलों ने तभी कालीन है बिछाया।। रश्क़ हुआ चाँद को... Poetry Writing Challenge 97 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 13. आज़ाद ग़ज़ल दिल से दिल को गले लग जाना ही था। दूर जा कर भी पास चले आना ही था।। कसमें खा कर भी इश्क़ जो मुकर गया। लाख मुकरा पर इश्क़... Poetry Writing Challenge 73 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 12. साँसों का पहरा दर दर चोट तुझ से जो मैं खाया हूँ। दर्द-ए-दिल को अक्सर छिपाया हूँ।। तेरे इश्क़ के खंज़र ने दिये जो ज़ख्म। उस ज़ख्म को तहे दिल से अपनाया हूँ।।... Poetry Writing Challenge 140 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 11. फ़ना हो गया होता। ख़बर मेरे दिल की गर तू ने कभी लिया होता। इस दिल को धड़कने की वजह मिल गया होता।। राहे मुहब्बत में अकेला जो निकल पड़ा था मैं। तेरा साथ... Poetry Writing Challenge 74 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 10. अच्छी लगती है। दिल से दिल की लगी अच्छी लगती है। कुछ बातें तो अनकही अच्छी लगती है।। सर के साथ जो जाये दिल भी सजदे में। ख़ुदा की तो ऐसी बंदगी अच्छी... Poetry Writing Challenge 86 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 9. क्यूँ है ? ये मेरी आँखों में मुसलसल बरसात क्यूँ हैं। ये मेरे धड़कते दिल में इतने जज़्बात क्यूँ हैं।। छोड़ ज़िन्दगी में न जाने कितनी दूर चले गए। मेरे साथ तू नहीं... Poetry Writing Challenge 126 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 8. तेरा बेजान शहर ! अब तेरा शहर क्यों इतना वीरान पड़ा है। इस मुसाफिर से क्यों भला अंजान पड़ा है।। ये राहें, ये गलियां क्या सच में भूल गयी मुझे। जिस में हमारा सदियों... Poetry Writing Challenge 57 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 7. क्या कर दूँ ? जी करता है सारे ग़मों को तेरे दिल से बेघर कर दूँ। फिर तेरे खाली दिल में अपना एक प्यारा घर कर दूँ।। अरमान कई पाल रखे हैं हम ने... Poetry Writing Challenge 114 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 6. ग़ज़ल तुझे नाम दूँ ! बता मुहब्बत की कौन सी वो हसीं तुझे शाम दूँ। इक़बाल की नज़्म या मीर की ग़ज़ल तुझे नाम दूँ।। मेरे हाल-ए-दिल से है जो इस तरह बेख़बर तू। अब... Poetry Writing Challenge 246 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 5. न करो ! दर्द को दर्द से यारों बटवारा न करो। ऐसी गुस्ताखी फिर दुबारा न करो।। ज़िन्दगी तो फिसलती रेत है दोस्तों। फ़िज़ूल में हर बात का पिटारा न करो।। ख़ुदा ने... Poetry Writing Challenge 223 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 4. ग़ज़ल तू ने अगर मुझे दिल से दिया आवाज़ है। तो हम ने भी दिल से छेड़ दिया साज़ है।। जूनून-ए-ईश्क़ में क्या ख़ुमार है छाया। तेरे नाम फ़क़त ग़ज़ल कर... Poetry Writing Challenge 190 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 3. आपकी यादें तसव्वुर में मेरे चली आयेंगी आपकी यादें। ज़ेहन को बहुत गुदगुदायेंगी आपकी यादें।। ज़िंदगी आज मुस्कुराई है संग आप के। सोच ये कल मुस्कुरायेंगी आपकी यादें।। फूल आज खिले हैं... Poetry Writing Challenge 155 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 2. किश्तों में.... दूर जाना ही सही पर किश्तों में । आजमाना ही सही पर किश्तों में ।। ग़म पाल रखे हैं मैं ने कई हसीन । दिल दुखाना ही सही पर किश्तों... Poetry Writing Challenge 153 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 1. मैं कैसे भुला दूँ ! गुज़रे दिनों का वो ज़माना मैं कैसे भुला दूँ । ज़िन्दगी का अहम् फ़साना मैं कैसे भुला दूँ ।। तेरा वो चहकना, फूलों सा हरपल महकना । यूँ मेरे दिल... Poetry Writing Challenge 144 Share Ahtesham Ahmad 1 Jul 2021 · 2 min read ये कैसा संघर्ष !! ये कैसा संघर्ष !! अर्श हमेशा की तरह अपने कार्यस्थल से लौट रहा था। अमूमन उसका सफ़र ट्रैन से ही हुआ करता था। जब ट्रैन प्लेटफार्म पर आ जाती थी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · लघु कथा 4 4 287 Share Ahtesham Ahmad 1 Jul 2021 · 3 min read ख़ून इंसानियत का ख़ून इंसानियत का कोरोना का क़हर प्रतिदिन बढ़ रहा था। इधर लॉकडॉन की अवधि भी बढ़ती जा रही थी। न्यूज़ चैनलों पर कोरोना की संवेदनशील डरावनी खबरें हर दिन लगातार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 351 Share Ahtesham Ahmad 3 Feb 2021 · 1 min read दर्दे-ए-मुहब्बत बता मुहब्बत की कौन सी वो हसीं तुझे शाम दूँ। इक़बाल की नज़्म या मीर की ग़ज़ल तुझे नाम दूँ।। मेरे हाल-ए-दिल से है जो इस तरह बेख़बर तू। अब... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 73 688 Share Ahtesham Ahmad 15 Dec 2020 · 1 min read हताश कोरोना हताश कोरोना ! कोरोना हूँ।! हाँ मैँ कोरोना हूँ ! छोड़ा नहीं जग का कोई कोना हूँ। ख़ूब हुड़दंग मचाया हर जगह। जान लिया सब की बिलावजह। क़यामत कह लोग... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 31 779 Share Ahtesham Ahmad 27 Nov 2018 · 1 min read माँ !! ( एक फ़रियाद ) माँ !! (एक फ़रियाद) रात का सन्नाटा देख मुझे कूड़े में क्यों फ़ेंक दिया? अपने ही ख़ून को यूँ आसानी से क्यों छोड़ दिया? जन्म तो सही से मुझे लेने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 76 919 Share Previous Page 2