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19 May 2023 · 1 min read

17. मुहब्वत की नसीहत

जाने कौन सी घड़ी ये मुसीबत आयी है।
फिर गले लगने आज मुहब्बत आयी है।।

जो बहुत दूर चले गये थे इन आफतों से।
फिर सितम ढाने को फ़ज़ीहत आयी है।।

बदले में फ़क़त रुसवाईयाँ ही मिली मुझे।
फिर कमबख़्त चुकाने वो कीमत आयी है।।

बेवफ़ाई की ज़ख़्में तो अभी भरी ही कहाँ।
फिर वफ़ा को देने आज शिकस्त आयी है।।

संभल सके तो संभल जा एहतेशाम तू अब।
शायद ये तुझे देने आज नसीहत आयी है।।

मो• एहतेशाम अहमद,
अण्डाल, पश्चिम बंगाल, इंडिया

Language: Hindi
120 Views
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