Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

10. अच्छी लगती है।

दिल से दिल की लगी अच्छी लगती है।
कुछ बातें तो अनकही अच्छी लगती है।।

सर के साथ जो जाये दिल भी सजदे में।
ख़ुदा की तो ऐसी बंदगी अच्छी लगती है।।

हर आदमी ख़ुद से इंसान बन जाये अगर।
तो जीने में ये ज़िंदगी बड़ीअच्छी लगती है।।

फ़ैशन को फ़ैशन से मारने वाले फ़ैशन में।
यारों! ख़ुद की तो सादगी अच्छी लगती है।।

ज़रूरी नहीं मुहब्बत का सिला मीठा ही हो।
बात बात पे नाराज़गी भी अच्छी लगती है।।

तेरी यादों की बारात में मुब्तला हूँ इस क़दर।
अब आँखों की रतजगी भी अच्छी लगती है।।

मो• एहतेशाम अहमद,
अण्डाल, पश्चिम बंगाल, इंडिया

Language: Hindi
86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ahtesham Ahmad
View all
You may also like:
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
हिन्दी दोहा बिषय- कलश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
Ranjeet kumar patre
आंखों की भाषा
आंखों की भाषा
Mukesh Kumar Sonkar
दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
भरत नाम अधिकृत भारत !
भरत नाम अधिकृत भारत !
Neelam Sharma
दर्द और जिंदगी
दर्द और जिंदगी
Rakesh Rastogi
अंत में पैसा केवल
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
कर्म भाव उत्तम रखो,करो ईश का ध्यान।
कर्म भाव उत्तम रखो,करो ईश का ध्यान।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
Rituraj shivem verma
कौन सोचता....
कौन सोचता....
डॉ.सीमा अग्रवाल
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
देखो ना आया तेरा लाल
देखो ना आया तेरा लाल
Basant Bhagawan Roy
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
जहां तक तुम सोच सकते हो
जहां तक तुम सोच सकते हो
Ankita Patel
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
Where have you gone
Where have you gone
VINOD CHAUHAN
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
आज  मेरा कल तेरा है
आज मेरा कल तेरा है
Harminder Kaur
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज फिर किसी की बातों ने बहकाया है मुझे,
आज फिर किसी की बातों ने बहकाया है मुझे,
Vishal babu (vishu)
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
शिर ऊँचा कर
शिर ऊँचा कर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
पूर्वार्थ
संस्कारों के बीज
संस्कारों के बीज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...