Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

12. साँसों का पहरा

दर दर चोट तुझ से जो मैं खाया हूँ।
दर्द-ए-दिल को अक्सर छिपाया हूँ।।

तेरे इश्क़ के खंज़र ने दिये जो ज़ख्म।
उस ज़ख्म को तहे दिल से अपनाया हूँ।।

मरहम भी रो पड़े देख इस मंज़र को।
जो ज़ख्मों को मैं अश्क़ों से नहलाया हूँ।।

तेरे ग़म के सैलाब से बने इस समंदर को।
अपना समझ कर ख़ुद में ही समाया हूँ।।

ज़रा देख! तेरे पल भर की वफ़ा को मैं।
हर त्यौहार समझ कर दिल से मनाया हूँ।।

यक़ीन कर ले अब भी मुझ पे, ऐ बेवफा !
वल्लाह! तुझे अब तक नही मैं ठुकराया हूँ।।

इस रूह-ओ-जान को बस तेरा ही इंतेज़ार है।
अपने साँसों का पहरा तेरे लिए ही लगाया हूँ।।

मो• एहतेशाम अहमद,
अण्डाल, पश्चिम बंगाल, इंडिया

Language: Hindi
136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ahtesham Ahmad
View all
You may also like:
"भावुकता का तड़का।
*Author प्रणय प्रभात*
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
Buddha Prakash
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"वो कलाकार"
Dr Meenu Poonia
राना दोहावली- तुलसी
राना दोहावली- तुलसी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
Keshav kishor Kumar
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
Babli Jha
3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिनसे जिंदा हो,उनको कतल न करो
जिनसे जिंदा हो,उनको कतल न करो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
"कवि तो वही"
Dr. Kishan tandon kranti
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
*अच्छी आदत रोज की*
*अच्छी आदत रोज की*
Dushyant Kumar
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
पथ नहीं होता सरल
पथ नहीं होता सरल
surenderpal vaidya
भरोसा
भरोसा
Paras Nath Jha
उधेड़बुन
उधेड़बुन
Dr. Mahesh Kumawat
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उधेड़बुन
उधेड़बुन
मनोज कर्ण
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
धिक्कार
धिक्कार
Shekhar Chandra Mitra
आपकी सोच जैसी होगी
आपकी सोच जैसी होगी
Dr fauzia Naseem shad
मात पिता को तुम भूलोगे
मात पिता को तुम भूलोगे
DrLakshman Jha Parimal
लौट आयी स्वीटी
लौट आयी स्वीटी
Kanchan Khanna
*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*
*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*
Ravi Prakash
Loading...