Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

15. मुहब्बत का वहम

ज़िन्दगी ने हर मोड़ पे बस ज़ख़्म दिये।
ज़ख्म दिये भी तो नहीं कुछ कम दिये।।

ऐ ज़िन्दगी! जब भी तुझे लगाया गले से।
बदले में तू ने हमेशा मुझे सितम दिये।।

यक़ीन करूँ भी तो अब करूँ किस पे।
रिश्तों के नाम पे तू ने फ़क़त भ्रम दिये।।

ज़ुबाँ में अमृत लिये फिरते हैँ लोग यहाँ।
ज़हर दिल में घोल तू ने आँखें नम दिये।।

मुहब्बत के नाम पे ठगता है हर कोई।
जज़्बातों से खेलने को तू ने कसम दिये।।

बेवफ़ाई पा कर भी उम्मीद-ए-वफ़ा है।
पालने को तू ने क्या ख़ूब ये वहम दिये।।

मो• एहतेशाम अहमद,
अण्डाल, पश्चिम बंगाल, इंडिया

Language: Hindi
68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ahtesham Ahmad
View all
You may also like:
स्वतंत्रता और सीमाएँ - भाग 04 Desert Fellow Rakesh Yadav
स्वतंत्रता और सीमाएँ - भाग 04 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास।
जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास।
Buddha Prakash
গাছের নীরবতা
গাছের নীরবতা
Otteri Selvakumar
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
महादेव को जानना होगा
महादेव को जानना होगा
Anil chobisa
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
Safar : Classmates to Soulmates
Safar : Classmates to Soulmates
Prathmesh Yelne
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
Sakhawat Jisan
दिखता नही किसी को
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ की छाया
माँ की छाया
Arti Bhadauria
Iss chand ke diwane to sbhi hote hai
Iss chand ke diwane to sbhi hote hai
Sakshi Tripathi
तेरे ख़त
तेरे ख़त
Surinder blackpen
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3184.*पूर्णिका*
3184.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बढ़ना होगा
बढ़ना होगा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
Paras Nath Jha
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
Phool gufran
दिल का सौदा
दिल का सौदा
सरिता सिंह
#अब_यादों_में
#अब_यादों_में
*Author प्रणय प्रभात*
रुख़्सत
रुख़्सत
Shyam Sundar Subramanian
ग़रीब
ग़रीब
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मित्र
मित्र
लक्ष्मी सिंह
आर-पार की साँसें
आर-पार की साँसें
Dr. Sunita Singh
सत्यता वह खुशबू का पौधा है
सत्यता वह खुशबू का पौधा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
शीर्षक – फूलों सा महकना
शीर्षक – फूलों सा महकना
Sonam Puneet Dubey
Loading...