Ahtesham Ahmad Language: Hindi 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read नन्ही भूख एक नन्हा सा बच्चा था प्यारा प्यारा। कुछ दूर खड़ा था भूखा थका-हारा।। ना माँ का रहा साया ना था बाबा का। बचपन से ही था वो नंगा बेसहारा।। मेहनत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 69 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read मेरे पिता कई रातों की नींदों को उन्हों ने भुलाया है। बड़े प्यार से मुझे अपने गले से लगाया है।। जब माँ ने थक कर हार मान लिया मुझ से। तब काँधे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 79 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read आज़ाद थें, आज़ाद हैं, आज़ाद थें, आज़ाद हैं, हम आज़ाद ही रहेंगे ! आज़ादी का मतलब ये नहीं... कि अपने तिरंगे से हम, तीन रंगों को आज़ाद करेंगे। केशरिया, सफेद और हरा... तीनों मिल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read हम पंक्षी एक डाल के आये थे हम पंछी बन कर। आशियाना हमें मिला यहाँ।। ज़मीन की गोद में रह कर। आसमान हमें दिखा यहाँ।। ऊँचाई को भी छू जाने का। जुनून हम में खिला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read नशा नये साल का दे कर बिदाई अब पुराने साल को। ख़ुश आमदीद कहिये नये साल को। जश्न की क़तारें लगी हैं चारों ओर। बधाईयों की मची हैं हर तरफ शोर। रसोई घर बना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 70 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read जीत देख तेरा उगता सूरज न अस्त हो। उमड़ते हुए वो हौसले न पस्त हो।। आसमाँ झुक जाये तेरे क़दमों पे। उड़ान ऐसी तुझ में बड़ी मस्त हो। मंज़िल ख़ुद चली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 98 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read मैं एक शिक्षक शिक्षक था, शिक्षक हूँ, शिक्षक ही रहूँगा। इसके सिवा जीवन में और क्या बनूँगा। समाज की जिम्मेदारियाँ हैं मुझ पे बहुत। इन ज़िम्मेदारियों को बस निभाता चलूँगा। लोगों को तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 65 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read गुरु गर माँ-बाप ने उँगली पकड़ कर चलाया है। तो गुरु ने हमें मंज़िल का रास्ता दिखाया है। हमारी दुनिया थी तारीकी के समंदर में डूबी। गुरु ने इस दुनिया को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 82 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read चाय चाय भी साहब क्या ख़ूब एक बहाना है। एक कप के बहाने दिलों को मिलाना है। लाख मना करे बेचारे डॉक्टर साहब भी। फिर भी चाय के बिना कहाँ रह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read आज़ाद ग़ज़ल आज़ाद हो कर भी मैं ग़ुलाम हूँ। हालात के हाथों पाया अंजाम हूँ। ज़िन्दगी हँसाती थी अक्सर मुझे। आज तो रोता रहता सरेआम हूँ। यक़ीन उठ गया है हर किसी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 55 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read देखा है पढ़े-लिखों के घरों को उजड़ते देखा है। अनपढ़ों को तो हम ने निखरते देखा है। समंदर की लहरें भूल ही जाती हैँ उछाल। झीलों को हम ने कई बार उमड़ते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 57 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read क़ुदरत : एक सीख ये क़ुदरत का निज़ाम तो ज़रा तुम देखो। हम से हमेशा क्या कुछ नहीं कह जाता है। आसमान में मंडराते ऊँचे बादलों को देखो। ख़ुद अंधे-काले हो कर भी आगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 44 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read बरसात मौसम ने फिर से ली अंगड़ाई है। फ़िज़ा में फिर से मस्ती छायी है। कब तलक चुप रहे ये वादियाँ भी। हवा भी अब ख़ूब शोर मचायी है। हर पेड़,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 81 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read गर्मी सूरज तो लगता है अब जवान हो गया। झुलसाये यूँ मानो पहलवान हो गया।। नदी नाले भी अपना वजूद हैं खोने लगे। पशु पक्षी इन्सान सब परेशान हो गया।। धरती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 46 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read एक पेड़ की पीड़ा ख़ुद बख़ुद हूँ उगता रहता, न किसी से हूँ कुछ माँगता, ख़ुद से हूँ अपना पेट भरता, न किसी को हूँ नुक़सान देता, फिर भी मुझे तुम... क्यूँ काटते हो?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 53 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read एक माँ के अश्कों से नौ महीने पूरे तुझे अपनी कोख़ में है पाला। जन्म देने से पहले तेरी ज़िन्दगी है संभाला। पा के तुझे जो मानो पीया अमृत का प्याला। आज तू ने ख़ुद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 73 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read चुनावी त्यौहार चुनावी त्यौहार जब देश में आ जाता है। मौसम फिर से एक बार गर्म हो जाता है। सियासी नशे में आ कर हर इन्सान यहाँ। इन्सानियत का केंचुल खुद छोड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read औरत हर रिश्ते की पहचान है औरत। ईश्वर की एक वरदान है औरत। दिल से निकले जो अल्फ़ाज़। उस को देती ज़ुबान है औरत। हव्वा बनी आदम के लिये जो। प्यार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 51 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read इंसानों की इस भीड़ में ही एक इंसान हूँ। इंसानों की इस भीड़ में ही एक इंसान हूँ। मिट्टी से सोना उगाता मैं एक किसान हूँ। मेहनत के नशे में रहता धूत इस क़दर। ज़िन्दगी के हर दुख दर्द... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read मैं मज़दूर हूँ मिट्टी से जन्मा हूँ, मिट्टी में ही रहता हूँ। मिट्टी ही हूँ, बस मिट्टी का ही खाता हूँ। सुख सुविधा से कोसों दूर हूँ। हाँ मज़दूर हूँ, मैं मज़दूर हूँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 76 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read हम हिंदुस्तान हैं न हिन्दू हैं, न ही मुसलमान हैं। ये वतन तो सिर्फ हिंदुस्तान है। मज़हब अपना चाहे जो भी हो। ये तिरंगा ही हमारी पहचान है। कहीं भजन तो कहीं हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 68 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read माँ और फौज़ी बेटा ---------------------- माँ फौजी बेटे से ---------------------- फ़ोन लगाया माँ ने गुस्से में अपने फौजी संतान को। " क्यों डुबाया तू ने एक माँ के मान और सम्मान को ?" दुश्मनों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 60 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read देश ने हमें पुकारा है देश की सरहदों ने आज हमें पुकारा है। निभाना तो अब आज फ़र्ज़ हमारा है। कब तक लड़ते रहेंगे आपस में हम सब ? क्यूँ एक दूसरे का लहू लगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 42 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 2 min read मेरी पुकार रात का सन्नाटा देख मुझे कूड़े में क्यों फ़ेंक दिया? अपने ही ख़ून को यूँ आसानी से क्यों छोड़ दिया? जन्म तो सही से मुझे लेने दिया होता न मम्मी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 75 Share Ahtesham Ahmad 23 May 2024 · 1 min read हर दिल गया जब इस क़दर गुनहगार हो हर दिल गया जब इस क़दर गुनहगार हो। तो इंसानियत क्यों न इतनी शर्मशार हो? देते हैं लोग हर पल दुहाई एक दूसरे को। तो क्यों कर ज़िन्दगी हमेशा साज़गार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 98 Share Ahtesham Ahmad 18 Jul 2023 · 1 min read वाह टमाटर !! वाह टमाटर ! तू तो आज कमाल हो गया। कल था हरा, आज सच में लाल हो गया।। बिक रहा था कल फूटी कौड़ी के दाम तू। आज ख़ुशक़िस्मती से... Hindi · कविता 180 Share Ahtesham Ahmad 15 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत फ़ितरत में जब फ़ितूर होता है। तब इंसान ख़ुद शरूर होता है।। बाहर से तो बिल्कुल बा-शु'ऊर। और अंदर से बे-शु'ऊर होता है।। ज़ुबाँ में होती शहद सी मिठास है।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 3 254 Share Ahtesham Ahmad 20 May 2023 · 3 min read एक ख़ून ऐसा भी ... कोरोना का क़हर प्रतिदिन बढ़ रहा था। इधर लॉकडॉन की अवधि भी बढ़ती जा रही थी। न्यूज़ चैनलों पर कोरोना की संवेदनशील डरावनी खबरें हर दिन लगातार आ रही थी।... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता 1 2 321 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 25. इश्किया फ़रवरी देखो! झूठे इश्क़ की फ़रवरी आ गयी। पैसों से निभाने ये रिश्तेदारी आ गयी।। मुहब्बत में तो लग गया अब चार चाँद। आशिक़ों की ज़ुबाँ पर शायरी आ गयी।। मुहब्बत... Poetry Writing Challenge 152 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 24. ऐ हमसफ़र ! माँगा ख़ुदा से तुझे हर दिन, हर पहर है। तभी तो हुआ मेरी दुआओं का इतना असर है।। तारों ने भी किया साज़िशें हमें मिलाने का। फिर पाया तेरे जैसा... Poetry Writing Challenge 202 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 23 पहला नशा ! मेरे दिल को बेक़ाबू तेरी एक झलक ने किया। नज़रें जब मिलीं, सजदा तेरी पलक ने किया।। फ़िज़ाओं में भी ख़ूब मुश्क की घटा थी छायी। मेरी मदहोशी को बेचैन... Poetry Writing Challenge 382 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 22. शरीक-ए-हयात जीने के लिए कुछ ख़्वाहिशात रहने दे। धड़कने के लिए कुछ जज़्बात रहने दे।। मेरी ज़िंदगी का हर पल हो तुम्हारे नाम। इस वास्ते मुझ में तेरे ख़यालात रहने दे।।... Poetry Writing Challenge 813 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 21. एक मलाल अदा तेरी कमाल है। सादगी की मिसाल है। आँखें तेरी मुझ से। पूछती कई सवाल है।। मेरी बे-ख़याली में भी। फ़क़त तेरा ख़्याल है।। तेरी यादों की याद में। हुआ... Poetry Writing Challenge 152 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 20. मुर्दा इश्क़ - एक आज़ाद ग़ज़ल इश्क़ मेरा बेकार हो गया। यादों में गिरफ़्तार हो गया।। सोचा था रंग लायेगा इक दिन। पर बेरंग ये कई बार हो गया।। पोशीदा रखा था मैं ने इसे। पर... Poetry Writing Challenge 207 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 19. ख़फ़ा ग़ुलाब जाने क्यूँ ग़ुलाब काँटों से ख़फ़ा हो गया। पास रहना मानो अब तो जफ़ा हो गया।। काँटो ने की बहुत पहरेदारी गुलाब की। फिर भी ग़ुलाब जाने क्यूँ बेवफ़ा हो... Poetry Writing Challenge 209 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 18. एक मरहम जब दर्द का सितम होता है। तो क़लम का साथ होता है।। तन्हाई जब भी डसती है मुझे। लफ़्ज़ों का तब जन्म होता है।। जब कोई सुनता नहीं है मुझे।... Poetry Writing Challenge 91 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 17. मुहब्वत की नसीहत जाने कौन सी घड़ी ये मुसीबत आयी है। फिर गले लगने आज मुहब्बत आयी है।। जो बहुत दूर चले गये थे इन आफतों से। फिर सितम ढाने को फ़ज़ीहत आयी... Poetry Writing Challenge 138 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 16. . वो हमदर्दी ! कोई अब हमदर्दी जताता नहीं। दिल से दिल अब मिलाता नहीं।। सारे अपने हो गये अब पराये से। प्यार से भी अब कोई रुलाता नहीं।। कल जो हाथ बढ़ते थे... Poetry Writing Challenge 79 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 15. मुहब्बत का वहम ज़िन्दगी ने हर मोड़ पे बस ज़ख़्म दिये। ज़ख्म दिये भी तो नहीं कुछ कम दिये।। ऐ ज़िन्दगी! जब भी तुझे लगाया गले से। बदले में तू ने हमेशा मुझे... Poetry Writing Challenge 84 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 14. ऐ हमनशीं ! दो नसीबों ने प्यार से मुस्कुराया। दो दिलों को है दिल से मिलाया।। काँटों ने जब रोका कभी रस्ता भी। फूलों ने तभी कालीन है बिछाया।। रश्क़ हुआ चाँद को... Poetry Writing Challenge 120 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 13. आज़ाद ग़ज़ल दिल से दिल को गले लग जाना ही था। दूर जा कर भी पास चले आना ही था।। कसमें खा कर भी इश्क़ जो मुकर गया। लाख मुकरा पर इश्क़... Poetry Writing Challenge 91 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 12. साँसों का पहरा दर दर चोट तुझ से जो मैं खाया हूँ। दर्द-ए-दिल को अक्सर छिपाया हूँ।। तेरे इश्क़ के खंज़र ने दिये जो ज़ख्म। उस ज़ख्म को तहे दिल से अपनाया हूँ।।... Poetry Writing Challenge 161 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 11. फ़ना हो गया होता। ख़बर मेरे दिल की गर तू ने कभी लिया होता। इस दिल को धड़कने की वजह मिल गया होता।। राहे मुहब्बत में अकेला जो निकल पड़ा था मैं। तेरा साथ... Poetry Writing Challenge 92 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 10. अच्छी लगती है। दिल से दिल की लगी अच्छी लगती है। कुछ बातें तो अनकही अच्छी लगती है।। सर के साथ जो जाये दिल भी सजदे में। ख़ुदा की तो ऐसी बंदगी अच्छी... Poetry Writing Challenge 100 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 9. क्यूँ है ? ये मेरी आँखों में मुसलसल बरसात क्यूँ हैं। ये मेरे धड़कते दिल में इतने जज़्बात क्यूँ हैं।। छोड़ ज़िन्दगी में न जाने कितनी दूर चले गए। मेरे साथ तू नहीं... Poetry Writing Challenge 145 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 8. तेरा बेजान शहर ! अब तेरा शहर क्यों इतना वीरान पड़ा है। इस मुसाफिर से क्यों भला अंजान पड़ा है।। ये राहें, ये गलियां क्या सच में भूल गयी मुझे। जिस में हमारा सदियों... Poetry Writing Challenge 72 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 7. क्या कर दूँ ? जी करता है सारे ग़मों को तेरे दिल से बेघर कर दूँ। फिर तेरे खाली दिल में अपना एक प्यारा घर कर दूँ।। अरमान कई पाल रखे हैं हम ने... Poetry Writing Challenge 132 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 6. ग़ज़ल तुझे नाम दूँ ! बता मुहब्बत की कौन सी वो हसीं तुझे शाम दूँ। इक़बाल की नज़्म या मीर की ग़ज़ल तुझे नाम दूँ।। मेरे हाल-ए-दिल से है जो इस तरह बेख़बर तू। अब... Poetry Writing Challenge 269 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 5. न करो ! दर्द को दर्द से यारों बटवारा न करो। ऐसी गुस्ताखी फिर दुबारा न करो।। ज़िन्दगी तो फिसलती रेत है दोस्तों। फ़िज़ूल में हर बात का पिटारा न करो।। ख़ुदा ने... Poetry Writing Challenge 250 Share Ahtesham Ahmad 19 May 2023 · 1 min read 4. ग़ज़ल तू ने अगर मुझे दिल से दिया आवाज़ है। तो हम ने भी दिल से छेड़ दिया साज़ है।। जूनून-ए-ईश्क़ में क्या ख़ुमार है छाया। तेरे नाम फ़क़त ग़ज़ल कर... Poetry Writing Challenge 208 Share Page 1 Next