Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

गुरु

गर माँ-बाप ने उँगली पकड़ कर चलाया है।
तो गुरु ने हमें मंज़िल का रास्ता दिखाया है।

हमारी दुनिया थी तारीकी के समंदर में डूबी।
गुरु ने इस दुनिया को रौशन कर दिखाया है।

जब जब गिर पड़ा कभी भी किसी मोड़ पे।
हमें उठा कर उन्हों ने ही चलना सिखाया है।

हम ने तो जलील किये उल्टे सीधे हरकतों से।
पर बड़े सब्र दिखा कर उन्हों ने हमें पढ़ाया है

कभी माँ-बाप,कभी भाई-बहन तो कभी दोस्त।
हर रिश्ते में गुरु ने बख़ूबी ख़ुद को समाया है।

जब कभी भी हालात ने है क़हर ढाये हम पे।
मसीहा बन कर गुरु ने अक्सर हमें बचाया है।

ठोकरें खा खा कर ज़ख़्में जब भी है लिये हम ने।
हमारे हर ज़ख़्म पे मरहम उन्हों ने ही लगाया है।

पूरी ज़िंदगी गुरु ने बिता दी दूसरों को सिखाते हुये।
पर आज के नस्लों से इज़्ज़त कहाँ कमा पाया है ?

Language: Hindi
28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ahtesham Ahmad
View all
You may also like:
मेरी अना को मेरी खुद्दारी कहो या ज़िम्मेदारी,
मेरी अना को मेरी खुद्दारी कहो या ज़िम्मेदारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
Santosh Soni
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
आप की असफलता में पहले आ शब्द लगा हुआ है जिसका विस्तृत अर्थ ह
Rj Anand Prajapati
221/2121/1221/212
221/2121/1221/212
सत्य कुमार प्रेमी
उमंग
उमंग
Akash Yadav
"डिब्बा बन्द"
Dr. Kishan tandon kranti
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
इरादा हो अगर पक्का सितारे तोड़ लाएँ हम
आर.एस. 'प्रीतम'
शिक्षक है आदर्श हमारा
शिक्षक है आदर्श हमारा
Harminder Kaur
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"" *अहसास तेरा* ""
सुनीलानंद महंत
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
Neelofar Khan
जिंदगी में आपका वक्त आपका ये  भ्रम दूर करेगा  उसे आपको तकलीफ
जिंदगी में आपका वक्त आपका ये भ्रम दूर करेगा उसे आपको तकलीफ
पूर्वार्थ
एक बछड़े को देखकर
एक बछड़े को देखकर
Punam Pande
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
Shweta Soni
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
Keshav kishor Kumar
तुम क्या हो .....
तुम क्या हो ....." एक राजा "
Rohit yadav
नहीं आया कोई काम मेरे
नहीं आया कोई काम मेरे
gurudeenverma198
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
3297.*पूर्णिका*
3297.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*पवन-पुत्र हनुमान (कुंडलिया)*
*पवन-पुत्र हनुमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
उस रात .....
उस रात .....
sushil sarna
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
🙏गजानन चले आओ🙏
🙏गजानन चले आओ🙏
SPK Sachin Lodhi
ऐसा लगता है कि
ऐसा लगता है कि
*प्रणय प्रभात*
Loading...