प्रीतम श्रावस्तवी 456 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read वो ही मुरझाए हुए गाल गवाही देंगे -------ग़ज़ल-------- तेरे फैलाये हुए जाल गवाही देंगे एक दिन तेरे ये आमाल गवाही देंगे रोटियाँ सेंकी हैं जो तुमने यहाँ पर अपनी करके जनता को जो बदहाल गवाही देंगे फूल... Hindi · कविता 237 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read प्रेम की जो पुनीत धारा है ग़ज़ल यह हमारा समाज प्यारा है ये तो परिवार भी हमारा है कोई ऊँचा न कोई है नीचा सबने मिलकर इसे सँवारा है आओ मिलकर नहाएँ हम तुम सब प्रेम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read था करम माँ का जो बदकार नहीं होने दिया --------ग़ज़ल----- मैंने दिल इश्क़ में बीमार नहीं होने दिया यानी जुल्फों में गिरफ़्तार नहीं होने दिया माँ ने बख़्शी है दुआओं की मुझे जो दौलत उसने इस दौर में लाचार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read दोहावली या दरदावली दोहावली बनाम दर्दावली सब्जी बेचो आप या, माँगो दर दर भीख। राजा ऐसा देश का, जिसकी ऐसी सीख।। पढे लिखे पर जुल्म हो, जालिम पर अनुराग। प्रीतम ऐसे देश का,... Hindi · दोहा 434 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read कुछ अपनी कही जाए कुछ उनकी सुनी जाए -------ग़ज़ल------ नादार के होठों पर कुछ पल को हँसी जाए कुछ ऐसा करें उनकी आँखों से नमी जाए हर फ़र्क़ मिटा कर के नज़दीक बिठा उनको कुछ अपनी कही जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read जब क़मर की रौशनी से जगमगाई आशिक़ी ----------ग़ज़ल-------- 2122--2122--2122--212 1- हो गई क्यूँ रू-ब-रू मेरे पराई आशिक़ी क़ल्ब लेकर हाय फिर भी तिलमिलाई आशिक़ी 2- पीर अंतस में जगाकर वो बने अंजान जब बन गई फिर आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read खत्म हो जाये वबा मेरे ख़ुदाविनय ----ग़ज़ल----- कर दे अब कुछ मोजिज़ा मेरे ख़ुदा खत्म हो जाये वबा मेरे ख़ुदा है लगी इक आग सी चारो तरफ हो गयी क़ातिल हवा मेरे ख़ुदा मौत का है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read कोरोना घर से बाहर अभी तुम न जाओ ----ग़ज़ल----- घर से बाहर अभी तुम न जाओ मौत से ख़ुद को यारों बचाओ है अभी तक हवा ज़ह्र वाली मुफ़्त में जान यूँ मत गँवाओ दूर तक है अँधेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 Apr 2021 · 1 min read ये मोदी हैं स्कूल को खुलने नहीं देंगे हक़ीक़त बच्चों को कोई ख़्वाब वो बुनने नहीं देंगे कहते हैं मगर इनको तो पढ़ने नहीं देंगे कितना भी कहें आप मगर सुन लो गुरु जी ये मोदी हैं स्कूल... Hindi · मुक्तक 1 267 Share प्रीतम श्रावस्तवी 22 Apr 2021 · 1 min read दुनिया में जो फैली है बीमारी चली जाए -------ग़ज़ल------ नादार के होठों पर कुछ पल को हँसी जाए कुछ ऐसा करें उनकी आँखों से नमी जाए हर फ़र्क़ मिटा कर के नज़दीक बिठा उनको कुछ अपनी कही जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 376 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Apr 2021 · 1 min read पीड़ावली दोहावली बनाम दर्दावली सब्जी बेचो आप या, माँगो दर दर भीख। राजा ऐसा देश का, जिसकी ऐसी सीख।। पढे लिखे पर जुल्म हो, जालिम पर अनुराग। प्रीतम ऐसे देश का,... Hindi · दोहा 271 Share प्रीतम श्रावस्तवी 17 Apr 2021 · 1 min read किस्मत है ऐसी शै जो चमकती ज़रूर है -------ग़ज़ल----- माना कि ये जवानी महकती ज़रूर है लेकिन गुमाँ में हो तो भटकती ज़रूर है उल्फ़त हो लाख शमअ को परवाने से मगर शर्मो हया के मारे झिझकती ज़रूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 306 Share प्रीतम श्रावस्तवी 14 Apr 2021 · 1 min read कैसे दिन ये गुज़ारे गये हैं ----ग़ज़ल--- जो तुम्हारे हमारे गये हैं ज़िन्दगी के सहारे गये हैं इस महामारी के नाम पर तो लोग बे-मौत मारे गए हैं उनपे क्या बीतती उनसे पूछो जिनकी आँखों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 257 Share प्रीतम श्रावस्तवी 14 Apr 2021 · 1 min read कुंडलियाँ -----कुंडलियाँ----- लड़िके आवारा भएँ, सिक्षक भें बेहाल। हे भैया! स्कूल अब, खोलि देउ तत्काल।। खोलि देउ तत्काल, न देरी तनिक लगावो। लड़िकन का बदमास, उचक्का नाहिं बनावो।। कह प्रीतम कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 507 Share प्रीतम श्रावस्तवी 14 Apr 2021 · 1 min read प्राइवेट शिक्षकों की दारुण व्यथा -----गीत----- आइना ज़िन्दगी का दिखाता हूँ मैं कैसे कटते हैं अब दिन बताता हूँ मैं आइना०----- 1- क़र्ज़ का बोझ सर पर है भारी लदा जाने क़िस्मत में है मेरे... Hindi · गीत 1 3 306 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read लेंगड़ू कै व्याह (अवधी दोहे) ( 1) लेंगड़ू जी दुलहा बने, लइकै गयें बरात। पानी पियत मा एक ठू, गड़बड़ होय गै बात।। (2) होय रकौंधी एक तौ, अउर अँधेरी रात। शौच करै खेतेम गयें,... Hindi · दोहा 1 337 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 2 min read दोहे १- माता वीणावादिनी, गणनायक आराध्य। बीज मंत्र दो ज्ञान के, फूटे अंकुर काव्य।। २- हरिये दुख संताप को, जीवन हो आसान। हम हैं आश्रित आपके, हे प्रभु! रखना ध्यान।। ३-... Hindi · दोहा 347 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read ऑनलाइन पढ़ाई (अवधी) लड़िका कै जेस नाव लिखावा, कोरोना सरवा आइ गवा। अउर कहूँ तौ नाहीं पहिले, सकुलियैम ताला लगवाय गवा।। सारे मास्टर मिल कै फिर, तरकीब इहै निकारिन हैं। अब लड़िके ऑनलाइन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read अवधी दोहे १- तुलसी,सूर, कबीर जी, मलिक अउर रसखान। अवधिन मा पोथी लिखिन, औ पाइन सम्मान।। २- मुलिक वहै बोली हिंयाँ, पावै ना सम्मान। अपनेन घर मा पाय रही, अपनेन से अपमान।।... Hindi · दोहा 1k Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read जिनके आँगन में कोई बूढ़ा शजर होता है ------ग़ज़ल------ मुझको हरगिज़ न ग़मों का कोई डर होता है जब निगूँ माँ तेरे क़दमो में ये सर होता है मौत भी आये तो इक बार पड़ेगा मुड़ना इस तरह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 309 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read नशा विरोधी दोहे नशा छोड़िये आप सब, विनती है कर जोर। राह देखता आपके, जीवन का नव भोर।।(1) नव पीढ़ी ही लिप्त है, देखो मद में आज। हे ईश्वर! फिर किस तरह, उत्तम... Hindi · दोहा 3 2 1k Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक आँखों में थी इक चिंगारी, दिल में एक समुन्दर था। अँग्रेजों से लड़ने वाला, भगत सिंह जोरावर था। मंगल पाण्डेय राजगुरू, सुखदेव लाजपत गाँधी, गुदड़ी के अब वो लाल कहाँ,... Hindi · मुक्तक 519 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Feb 2021 · 1 min read साँस बनने पर तुली है अब शरारा देखना ----------ग़ज़ल------- तितलियों का बाग में ग़र तुम नज़ारा देखना हो न जाये इस मुहब्बत में ख़सारा देखना आशियाने जो बनाते हो यहाँ ख़्वाबों के तुम आँधियाँ आयें न बादल का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 416 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Feb 2021 · 1 min read प्रेम पत्र ------ग़ज़ल------ अब अयाँ इश्क़ करता हूँ ऐ जानेमन ख़त मुहब्बत के लिखता हूँ ऐ जानेमन जब से देखा हूँ तुमको तभी से सनम हर घड़ी बस तड़पता हूँ ऐ जानेमन... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 55 910 Share प्रीतम श्रावस्तवी 11 Jan 2021 · 1 min read हौसलों के परों से उड़ा कीजिए -------------ग़ज़ल------------; मत सरेराह तन्हा चला कीजिए ये ज़माना बुरा है बचा कीजिए जो भी कहना है वो बेहिचक बोल दो हाथ से हाथ को मत मला कीजिए थोड़ा दीदार हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 415 Share प्रीतम श्रावस्तवी 25 Dec 2020 · 1 min read ग़ज़ल ------ग़ज़ल ------ नफ़रतों की आतिश में जलती राजधानी है या ख़ुदा वतन की क्या बन गयी कहानी है नौजवाँ भटकते हैं रिज़्क़ के लिए दर-दर अब जवाल की इससे बढ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share प्रीतम श्रावस्तवी 25 Dec 2020 · 1 min read दोहे आज लोग अपनी संस्कृति को भूल कर पाश्चात्य सभ्यता की चकाचौंध में अपनी सभ्यता को भूल बैठे हैं उसी पर चंद -----दोहे---- भूल गए निज संस्कृति, भूले सद आचार। मना... Hindi · दोहा 1 238 Share प्रीतम श्रावस्तवी 25 Dec 2020 · 1 min read मुक्तक प्यार के नाम पर खलबली किसलिए आशिकों से ये दुनिया जली किसलिए गर मनाही है भौरों के आने की तो बाग़ में खिल रही फिर कली किसलिए प्रीतम श्रावस्तवी श्रावस्ती(उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 1 380 Share प्रीतम श्रावस्तवी 16 Dec 2020 · 1 min read कोरोना लोकगीत बोल- पिचिक जाई नकुना,अउ छोट होई आँखी हाय रे ई कोरोना कुछ, राखिस नाहि बाकी।। हाय रे०----- 1- बैला यस मुँह मा लगाय दिहिस जाबा घर का जिहेल किहिस कासी... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 27 751 Share प्रीतम श्रावस्तवी 28 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल हो के वो बे क़रार आँखों में देखता बार - बार आँखों में जिस घड़ी वो जुदा हुआ मुझसे अश्क़ थे बेशुमार आँखों में बारहा दिल मेरा तो दिलबर के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 270 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2020 · 1 min read किसी ग़रीब को आओ हँसा के देखते हैं -------ग़ज़ल------ तुम्हारे दर पे किसी रोज़ आ के देख ते हैं नसीब अपना ये हम आज़मा के देख ते हैं ~~~~~~~~~~~~~~~~~ तुम्हारे शहर की कितनी हवाएँ हैं क़ातिल मगर घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 455 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2020 · 1 min read मुक्तक ( माँ) प्यारी माँ मेरी ज़िन्दगी हो तुम ग़म भरी शब की रौशनी हो तुम मर्तबा आला है तुम्हारा माँ तुम इबादत हो बन्दग़ी हो तुम प्रीतम राठौर भिनगाई Hindi · मुक्तक 1 1 261 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2020 · 1 min read माँ के छूने से तो पत्थर भी सँवर जाते हैं -------+ग़ज़ल+----- माँ के क़दमों में अगर लोग ठहर जाते हैं ग़म के सागर को वो इक पल में उतर जाते हैं फूल तो फूल हैं ऐ दोस्त जहां में लेकिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 480 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2020 · 1 min read ज़ख़्म वरना हरा नहीं होता -------★ग़ज़ल★------- काश मैं बा-वफ़ा नहीं होता इस तरह ग़मज़दा नहीं होता दर्द क्या है पता नहीं होता दिल जो तुझको दिया नहीं होता मेरा कुछ कर न पाती ये आँधी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 233 Share प्रीतम श्रावस्तवी 20 Mar 2020 · 1 min read कोरोना आओ कोरोना से बचाव के लिए अपने अपने ईष्ट से प्रार्थना करें। दोहा- आस हमें प्रभु आपकी, सुनिए आज पुकार। पीर हरो अब विश्व की, लेकर नव अवतार।। *** रोग... Hindi · दोहा 1 261 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल ------ग़ज़ल---- 221-1221-1221-122 तूफ़ान अदावत का जो उट्ठा है दबा दो नफ़रत है जहाँ प्यार का इक दीप जला दो ख़ुश्बू से मुहब्बत की मोअत्तर हों फ़िज़ांएँ सहरा सा जो गुलशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read है अब आदमी में अदावत ज़ियादा ---------ग़ज़ल------- है अब आदमी में अदावत ज़ियादा सदा दिल दुखाने की आदत ज़ियादा नहीं मोल रिश्तों वका रखता ज़रा भी करे हर क़दम पर सियासत ज़ियादा यहाँ आदमी ख़ुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 230 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read सच का जग में दाम बहुत है ----ग़ज़ल------- किसने कहा आराम बहुत है जीवन में तो काम बहुत है पग पग पर है नव कठिनाई आगे भी संग्राम बहुत है नाम अनेकों हैं प्रभु के पर तरने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 270 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read कोहरा --------ग़ज़ल------- जब ज़मी से भी ऊपर गया कोहरा खौफ़ सूरज में इक भर गया कोहरा फूटतीं बोलियाँ मुँह में जमनें लगीं इस तरह सबके अंदर गया कोहरा उस घड़ी रुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 475 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read दोहा ग़ज़ल शीर्षक- "बेटी" ^^^^^^^^^^^^^^^^^^ देश नगर परिवार का, सदा बढायें मान। प्रेम मूर्ति हैं बेटियाँ, मातु पिता की जान ।। ***** कुछ तो पग पग पर करें, तानों की बौछार। कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल ---------ग़ज़ल-------- वो हमें बारहा आज़माते रहे हम मगर उनसे उल्फ़त जताते रहे डरते हैं रू ब रू आने से वो मगर रोज़ ख़्वाबों में जो आते जाते रहे खार ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक ये न सोचो ये सजा देंगी तुम्हें ये हवाएं तो मिटा देंगी तुम्हें क़ुर्बते तुम मत बढ़ाओ हुस्न से खाक़ में इक दिन मिला देंगी तुम्हे प्रीतम राठौर भिनगाई Hindi · मुक्तक 220 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरी उल्फ़त मिटाना चाहता है कि मुझ्को आज़माना चाहता है जला कर दिल भी शायद ख़ुश नहीं वो मुझे पल पल जलाना चाहता है प्रीतम राठौर भिनगाई श्रावस्ती (उ०प्र०) Hindi · मुक्तक 374 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read हास्य ग़ज़ल -----मज़ाहिया ग़ज़ल----- वो रुलाते रहे हम हँसाते रहे फर्ज यूँ दोस्ती का निभाते रहे दोस्त मेरे बड़े ही वफ़ादार हैं हम पटाते थे वो ले के जाते रहे जैसे तैसे... Hindi · कविता 864 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल ------ग़ज़ल -------- कोई मुस्कुराया सवेरे सवेरे मेरे दिल को भाया सवेरे सवेरे मुझे जिस सितारे ने दी रौशनी थी वो फिर जगमगाया सवेरे सवेरे जिसे पूजता था खुदा से ज़ियादा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल दिल में उनका जब ठिकाना हो गया तब से दुश्मन ये ज़माना हो गया दर्द थमने का नहीं अब नाम ले रात दिन आँसू बहाना हो गया एक दिन हमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल ----ग़ज़ल---- दिया प्यार का गर जलाया नहीं है मिला इसलिये तो उजाला नहीं है जो इंसां का रिश्ता जो इंसां से यारों किसी ने ये रिश्ता निभाया नहीं है मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Mar 2020 · 1 min read गज़ल वतन में छाया हुआ है अज़ार का मौसम न जाने आए गा कब फिर से प्यार का मौसम ये कैसा खौफ़ है गुलशन में छा गया यारों ये किसने लूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 Dec 2019 · 1 min read मुक्तक क्या हुआ जो लुट गयी है ज़िन्दगानी फिर सही काम तो आई वतन के ये जवानी फिर सही फख़्र करता हूँ हमारी हिन्द की है सर ज़मीं इसकी ख़ुशियाँ हैं... Hindi · मुक्तक 1 270 Share प्रीतम श्रावस्तवी 26 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल --------ग़ज़ल------ नाम मेरे वो जानो जिगर कर गया और दामन को खुशियों सेभर कर गया ज़िन्दगी भर न भूलूँ उसे दोस्तो धड़कनों में मेरे यूँ उतर कर गया तंज़ करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 228 Share Previous Page 2 Next