Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2021 · 1 min read

दुनिया में जो फैली है बीमारी चली जाए

——-ग़ज़ल——

नादार के होठों पर कुछ पल को हँसी जाए
कुछ ऐसा करें उनकी आँखों से नमी जाए

हर फ़र्क़ मिटा कर के नज़दीक बिठा उनको
कुछ अपनी कही जाए कुछ उनकी सुनी जाए

अब ऐसा खुले मकतब इस देश में ऐ यारों
उल्फ़त की सबक़ जिसमें दिन रात पढ़ी जाए

बे-परदा न होने दो तुम ख़ुद को सरे-महफ़िल
बिजली सी मेरे दिल पे ऐसे में गिरी जाए

मुस्तैद रहो हर पल यूँ ख़ुद पे नज़र रखना
रब जाने हमें लेकर कब कौन घड़ी जाए

उस पार लगा देना या रब तू हरिक कश्ती
मझधार में जीवन के जो आज बही जाए

आ जाओ करें मिलकर हम सब ये दुआ ”प्रीतम”
दुनिया में जो फैली है बीमारी चली जाए

प्रीतम श्रावस्तवी
श्रावस्ती (उ०प्र०)

दुनिया के कलमकारों से इतनी सी गुज़ारिश है
आओ कि मुहब्बत की रूदाद लिखी जाए

——–गिरह

1 Comment · 380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
तक़दीर शून्य का जखीरा है
तक़दीर शून्य का जखीरा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"बदबू"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
*नववर्ष*
*नववर्ष*
Dr. Priya Gupta
व्योम को
व्योम को
sushil sarna
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
gurudeenverma198
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
AmanTv Editor In Chief
जीवन की धूप-छांव हैं जिन्दगी
जीवन की धूप-छांव हैं जिन्दगी
Pratibha Pandey
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दृढ़ आत्मबल की दरकार
दृढ़ आत्मबल की दरकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2825. *पूर्णिका*
2825. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गांव
गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दीपावली
दीपावली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
*रक्षक है जनतंत्र का, छोटा-सा अखबार (कुंडलिया)*
*रक्षक है जनतंत्र का, छोटा-सा अखबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#अंतिम_उपाय
#अंतिम_उपाय
*प्रणय प्रभात*
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
घर छोड़ गये तुम
घर छोड़ गये तुम
Rekha Drolia
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
शेखर सिंह
वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन
वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन
Neelam Sharma
ना मसले अदा के होते हैं
ना मसले अदा के होते हैं
Phool gufran
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
পৃথিবী
পৃথিবী
Otteri Selvakumar
Loading...