Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2021 · 1 min read

कैसे दिन ये गुज़ारे गये हैं

—-ग़ज़ल—

जो तुम्हारे हमारे गये हैं
ज़िन्दगी के सहारे गये हैं

इस महामारी के नाम पर तो
लोग बे-मौत मारे गए हैं

उनपे क्या बीतती उनसे पूछो
जिनकी आँखों के तारे गये हैं

बेटे की याद में रो के माँ की
सूख अश्क़ों के धारे गये हैं

जाने कब वापसी होगी उनकी
छोड़ घर जो बेचारे गये हैं

सिर्फ़ मझधार ही दूर तक है
छूट सारे किनारे गये हैं

भूल पायेगा कोई न “प्रीतम”
कैसे दिन ये गुज़ारे गये हैं

प्रीतम राठौर श्रावस्तवी
श्रावस्ती (उ०प्र०)
9559926244

1 Comment · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं तो महज शराब हूँ
मैं तो महज शराब हूँ
VINOD CHAUHAN
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
Sidhartha Mishra
"बात पते की"
Dr. Kishan tandon kranti
चाहत
चाहत
Sûrëkhâ Rãthí
पितृपक्ष
पितृपक्ष
Neeraj Agarwal
लेखक डॉ अरूण कुमार शास्त्री
लेखक डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
कवि रमेशराज
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कठिन परीक्षा
कठिन परीक्षा
surenderpal vaidya
उसकी आंखों से छलकता प्यार
उसकी आंखों से छलकता प्यार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वृद्धाश्रम में कुत्ता / by AFROZ ALAM
वृद्धाश्रम में कुत्ता / by AFROZ ALAM
Dr MusafiR BaithA
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
उपदेशों ही मूर्खाणां प्रकोपेच न च शांतय्
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जुदाई
जुदाई
Dr. Seema Varma
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
प्रेम क्या है...
प्रेम क्या है...
हिमांशु Kulshrestha
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
DrLakshman Jha Parimal
#गीत-
#गीत-
*Author प्रणय प्रभात*
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नरभक्षी_गिद्ध
नरभक्षी_गिद्ध
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
एक सवाल ज़िंदगी है
एक सवाल ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
मैं प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
मैं प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
Anil chobisa
"शेष पृष्ठा
Paramita Sarangi
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
Buddha Prakash
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
sushil sarna
*सेवानिवृत्ति*
*सेवानिवृत्ति*
पंकज कुमार कर्ण
सजल...छंद शैलजा
सजल...छंद शैलजा
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...