Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

जुदाई

खरगोश सी मुलायम, निर्दोष
पर तेज भागती जिंदगी
ठहर ही जाती वहीं ,
जहाँ जुदा जोड़ी कदम की हो गई थी
कि नादान सी उम्मीद जानें क्यों जिंदा रही थी!
वही दर, वही ठौर और ठिकाने हैं
छोटी सी जिंदगी है, बड़े फासले मिटाने है ।
मुखौटों के साथ चेहरे पर चेहरे हैं
हर जवाब पर एक सवाल हमें घेरे है।
परत दर परत लिबास रिश्तों का उतर रहा है
अरसे बाद तुम्हारे चश्मे से मंजर संवर रहा है।
परेशानी तुम्हारी नज़र की, आज समझ आई है हमें
जब मीठे उलाहनों में तानों की भनक आई है हमें।
समझ ही लेता मेरी सब परेशानी जो हर कोई
तो तुम हो नहीं मेरे पास, ये एहसास होता ही नहीं।
रब ने इन बीते लम्हों में सिखाया है यही,
दुनिया में तुम खुद ही हो अपने, कोई और नहीं।
हां, तुम्हारे जाने से एक अहसास अब तक सोया हुआ है,
गिर भी न सका वो आंसू कोर पर ठहरा हुआ है।
क्या बोलें, किसी को सफाई अब दी नहीं जाती,
थक गए हैं ये नयन, अब जुदाई सही नहीं जाती।
………© डॉ० सीमा

1 Like · 155 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Seema Varma
View all
You may also like:
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
Paras Nath Jha
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
!!दर्पण!!
!!दर्पण!!
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
Subhash Singhai
💐प्रेम कौतुक-370💐
💐प्रेम कौतुक-370💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आप आज शासक हैं
आप आज शासक हैं
DrLakshman Jha Parimal
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
कवि दीपक बवेजा
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
Rituraj shivem verma
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
उर्वशी की ‘मी टू’
उर्वशी की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3069.*पूर्णिका*
3069.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल / मुसाफ़िर बैठा
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
वीर हनुमान
वीर हनुमान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पूजा नहीं, सम्मान दें!
पूजा नहीं, सम्मान दें!
Shekhar Chandra Mitra
महक कहां बचती है
महक कहां बचती है
Surinder blackpen
मेरे होते हुए जब गैर से वो बात करती हैं।
मेरे होते हुए जब गैर से वो बात करती हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
*उल्लू (बाल कविता)*
*उल्लू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रभु राम अवध वापस आये।
प्रभु राम अवध वापस आये।
Kuldeep mishra (KD)
"बात पते की"
Dr. Kishan tandon kranti
■ जानवर कहीं के...!!
■ जानवर कहीं के...!!
*Author प्रणय प्रभात*
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
कवि रमेशराज
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
फ़ितरत
फ़ितरत
Ahtesham Ahmad
रिश्ता
रिश्ता
अखिलेश 'अखिल'
Loading...