Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2021 · 1 min read

जिनके आँगन में कोई बूढ़ा शजर होता है

——ग़ज़ल——

मुझको हरगिज़ न ग़मों का कोई डर होता है
जब निगूँ माँ तेरे क़दमो में ये सर होता है

मौत भी आये तो इक बार पड़ेगा मुड़ना
इस तरह माँ की दुआओं में असर होता है

टूट जाये जो तअल्लुक़ ही मुहब्बत में तो
सिर्फ़ रो-रो के हरिक लम्हा बसर होता है

उम्र भर उसको ही दो जून की मिलती रोटी
जिसके हाथों में कमाने का हुनर होता है

बेझिझक बेटा जो करता है हमेशा ख़िदमत
अपने माँ बाप का वो लख्ते-जिगर होता है

धूप की फिक्र सताती ही नहीं है उनको
जिनके आँगन में कोई बूढ़ा शजर होता है

इस तरह तीरे नज़र उसने चलाया प्रीतम
ज़ख़्म सोने में हुआ दर्द इधर होता है

प्रीतम श्रावस्तवी

1 Like · 1 Comment · 306 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
आज़ाद हूं मैं
आज़ाद हूं मैं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
भारत शांति के लिए
भारत शांति के लिए
नेताम आर सी
निगाहें के खेल में
निगाहें के खेल में
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
फ़ासला गर
फ़ासला गर
Dr fauzia Naseem shad
आज़ादी के दीवानों ने
आज़ादी के दीवानों ने
करन ''केसरा''
सत्य आराधना
सत्य आराधना
Dr.Pratibha Prakash
हृदय में धड़कन सा बस जाये मित्र वही है
हृदय में धड़कन सा बस जाये मित्र वही है
Er. Sanjay Shrivastava
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
जय मां ँँशारदे 🙏
जय मां ँँशारदे 🙏
Neelam Sharma
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ मेरे स्लोगन (बेटी)
■ मेरे स्लोगन (बेटी)
*Author प्रणय प्रभात*
ऐ ज़िन्दगी ..
ऐ ज़िन्दगी ..
Dr. Seema Varma
जमाना इस कदर खफा  है हमसे,
जमाना इस कदर खफा है हमसे,
Yogendra Chaturwedi
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बसंत
बसंत
manjula chauhan
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"वे खेलते हैं आग से"
Dr. Kishan tandon kranti
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
हिंदी दोहा शब्द- घटना
हिंदी दोहा शब्द- घटना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शीर्षक:
शीर्षक: "ओ माँ"
MSW Sunil SainiCENA
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
छंटेगा तम सूरज निकलेगा
छंटेगा तम सूरज निकलेगा
Dheerja Sharma
Loading...