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आंखों -आंखों में ही रहा , तूने दिल में उतर कर नहीं देखा , तूने दरिया की उफनती लहर को देखा , समुंदर के उमड़ते ज्वार को ना देखा ,
श़ुक्रिया !
आंखों -आंखों में ही रहा ,
तूने दिल में उतर कर नहीं देखा ,
तूने दरिया की उफनती लहर को देखा ,
समुंदर के उमड़ते ज्वार को ना देखा ,
श़ुक्रिया !