Umesh Kumar Sharma 154 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Umesh Kumar Sharma 6 Aug 2020 · 2 min read पूजा अर्चना सेठ जी के बगीचे में एक सुंदर मंदिर बना हुआ था। स्कूल के ठीक बगल में था, कभी कभी हम द्वार खुला होने पर चले भी जाते थे। बगीचे के... Hindi · लघु कथा 3 4 501 Share Umesh Kumar Sharma 6 Aug 2020 · 5 min read पानीपत की तीसरी लड़ाई दो चचेरे भाई एक ही घर में पले बढ़े ।उम्र में भी कोई चार पांच महीनों का ही फर्क होगा। एक बिल्कुल गोरा चिट्टा तो दूसरा साँवला पर आँख नाक... Hindi · कहानी 2 2 645 Share Umesh Kumar Sharma 5 Aug 2020 · 5 min read शिल्पी दी शिल्पी दी को पहली बार नज़दीक से हॉस्पिटल रोड में अपनी एक महिला मित्र के साथ टहलते देखा था। लंबी सी फ्रॉक पहने , दुबला पतला शरीर, गोरा रंग, धूप... Hindi · कहानी 3 2 527 Share Umesh Kumar Sharma 4 Aug 2020 · 2 min read संबोधन स्कूल के दिनों में बड़ी कक्षाओं के छात्र छात्राओं की हम पर थोड़ी धौंस तो चलती ही थी। उनके छोटे मोटे काम और आदेश मानना हम अपना कर्तव्य समझते थे।... Hindi · लघु कथा 2 4 242 Share Umesh Kumar Sharma 4 Aug 2020 · 3 min read लत मेहनतकश मजदूर, रेवड़ी और रिक्शावालों में देशी शराब की लत तो उन दिनों आम बात थी। उसको इतना बुरा भी नहीं समझा जाता था, तर्क ये था कि दिन भर... Hindi · लघु कथा 3 4 396 Share Umesh Kumar Sharma 3 Aug 2020 · 3 min read सुधार अभियान उस जमाने में चावल, गेहूँ, दाल, गलत संगति में पड़ने के कारण अक्सर जब घर आते थे कमबख्त बिगड़े हुए ही आते थे। अब इसमें इनकी कोई गलती होती थी... Hindi · लघु कथा 3 8 531 Share Umesh Kumar Sharma 2 Aug 2020 · 3 min read दादी के हाथ की चाय साल में एक आध बार, जब कभी माँ या ताई जी के हाथ की बनी चाय को बेस्वाद कह कह कर दादी जब पूरी तरह से ऊब जाती, तो अचानक... Hindi · कहानी 3 6 676 Share Umesh Kumar Sharma 1 Aug 2020 · 2 min read इंतजार आज रवि पूरे एक साल बाद घर लौट रहा था। वैसे टेलिफोन पर तो घरवालों से लगभग रोज ही बात होती थी। पर आवाज अकेली काफी कहाँ होती है। सुबह... Hindi · लघु कथा 3 6 288 Share Umesh Kumar Sharma 1 Aug 2020 · 1 min read कच्चा रंग उस दिन जब मिले थे, मुस्कुरा कर नजरे ठहरी हाथ भी बढ़े पर सिर्फ"कैसे" कहकर ही, नजरें किसी और को तलाशने लगी, फिर बिना कुछ कहे तुम दूसरी ओर मुड़... Hindi · कविता 3 2 469 Share Umesh Kumar Sharma 31 Jul 2020 · 1 min read पार्क के जोड़े दुनिया से बेखबर एक दूसरे की आंखों मे आंखे डाले हुए भविष्य के सपनो मे खोये कुछ मंझे हुए अपनी आगे की रणनीति विचारते पिछले अनुभवों को खंगालते, कि खुले... Hindi · कविता 6 5 426 Share Umesh Kumar Sharma 30 Jul 2020 · 2 min read नशा आज हीरा और बुधिया एक साल बाद गांव लौटे थे। दोनों पास के शहर में कोयले की खदान में मजदूरी करते थे। दोनों को तनख्वाह के अलावा तीन महीने का... Hindi · लघु कथा 4 5 272 Share Umesh Kumar Sharma 30 Jul 2020 · 3 min read प्रेम ऐसा भी घर से कुछ दूर मजदूरी करने वाले और रिक्शाचालक छोटी छोटी झोपड़ियों में रहते थे। बचपन में रोज घर के सामने से गुजरती वो दिख ही जाती थी बनठन कर... Hindi · कहानी 3 2 447 Share Umesh Kumar Sharma 30 Jul 2020 · 2 min read आवृत्ति पाठ दुर्गा पूजा के समय पूरे सप्ताह उत्सव का माहौल बना रहता था। महालया के दिन सुबह सुबह वीरेन्द्र कृष्ण भद्र की ओजस्वी वाणी में रेडियो पर चंडी पाठ शुरू होते... Hindi · लघु कथा 2 2 292 Share Umesh Kumar Sharma 29 Jul 2020 · 3 min read ताऊजी की सगाई मेरे मझले नानाजी टाटानगर के प्रसिद्ध पुरोहित व विद्वान व्यक्ति थे। अपनी ज्येष्ट पुत्री के संबंध के लिए रिश्ता तलाश रहे थे, तो किसी यजमान ने उन्हें हमारे घर व... Hindi · लघु कथा 3 6 290 Share Umesh Kumar Sharma 28 Jul 2020 · 2 min read हवा और कानों का रिश्ता गर्मियों में रात जब कभी उमस भरी होती थी और हवा का कहीं नामोनिशान नहीं होता था, तो दादी को हवा से प्रार्थना करते हुए देखते थे कि वो चल... Hindi · लघु कथा 2 2 290 Share Umesh Kumar Sharma 28 Jul 2020 · 1 min read धौंस पहले धौंस की अपनी एक सड़क हुआ करती थी, जो विदेशों से निकल कर महानगरों मे पहुँच कर नगरों, शहरों, कस्बों से होती हुई खीझती हुई गांवों के पक्के मकानों... Hindi · कविता 4 7 456 Share Umesh Kumar Sharma 28 Jul 2020 · 2 min read रेलगाड़ी और गोल आज गांव के मैदान में दूर के एक छोटे से गांव बांदवान की फुटबॉल टीम के साथ मैच था। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मैदान के पूर्वी छोर... Hindi · लघु कथा 4 6 268 Share Umesh Kumar Sharma 27 Jul 2020 · 3 min read श्राद्ध भोज बहुत पहले की बात है गांव के किसी यजमान ने पितृ पक्ष में वार्षिक श्राद्ध के लिए मेरे दादाजी के बड़े भाई को न्यौता दिया। वो देखने मे काफी तंदरुस्त... Hindi · लघु कथा 2 390 Share Umesh Kumar Sharma 26 Jul 2020 · 1 min read इलाज आशिकी को होश आया जब चारागर ने यूं कहा तुम बेवजह टांग क्यूँ हिलाते हो। तकिया भी पांव पर सुलाते हो। दोस्तों के साथ तुम्हारी ये महफिले क्यूँ सजती है... Hindi · कविता 2 8 531 Share Umesh Kumar Sharma 26 Jul 2020 · 2 min read किरासन तेल(केरोसिन ऑइल) मेरे एक सहपाठी के पिता के पास किरासन तेल की एजेंसी थी। यही से ये तेल, फिर गांव और आसपास के देहातों के छोटे छोटे दुकानदारों को वितरित किया जाता... Hindi · लघु कथा 3 2 275 Share Umesh Kumar Sharma 26 Jul 2020 · 2 min read गॉथम इज़ बौलिंग उन दिनों आज की तरह हर घर मे टेलीविजन तो होते नहीं थे। गांव में इक्का दुक्का अमीर घरों में ही ये सुविधा थी, छत पर लगा उसका एन्टेना छोटे... Hindi · लघु कथा 2 6 233 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jul 2020 · 2 min read क्रिकेट का खेल और छींटाकशी डाक बंगला मैदान में क्रिकेट का मैच चल रहा था। दूसरे शहर से टीम आई हुई थी। 25 ओवर्स का मैच था। हमारी टीम ने अच्छे खासे रन बना लिए... Hindi · लघु कथा 1 2 272 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jul 2020 · 1 min read इज्जत का संबोधन बचपन में पास के मैदान में "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" की शाखा लगती थी। बच्चों को तरह तरह के व्यायाम, खेलकूद , परेड मे बजने वाले तरह तरह के वाघ यंत्रो... Hindi · लघु कथा 2 2 382 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jul 2020 · 2 min read दादी पोता और फ़िल्म लगभग ४०-४५ साल पहले का एक दृश्य , दादी और उसका १० वर्षीय पोता फ़िल्म देख रहे हैं। खलनायक के अड्डे पर विवाह का मंडप सजा हुआ है। पंडित के... Hindi · लघु कथा 5 6 357 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jul 2020 · 2 min read कूट भाषा विद्यालय के दिनों में कुछ खास मित्रो से किसी दूसरे के सामने जब कोई जरूरी या गुप्त बात करनी होती थी,तब हम एक कूट भाषा का प्रयोग करते थे ताकि... Hindi · लघु कथा 5 2 243 Share Umesh Kumar Sharma 24 Jul 2020 · 2 min read पहाड़े (गुणन-सूची) हमारे जमाने में सौ से लेकर एक तक की उलटी गिनती और पहाड़े(किसी अंक की १ से लेकर १० तक के गुणन फलों की क्रमागत सूची) मौखिक और लिखित प्राथमिक... Hindi · लघु कथा 5 2 495 Share Umesh Kumar Sharma 24 Jul 2020 · 1 min read खेती बाड़ी करते हैं उन दोनों की बस में रोज मुलाकात थी। गांव से एक ही समय में बस पकड़ कर दूसरे शहर जाते थे वो। एक छोटे से निजी विद्यालय में शिक्षिका थी... Hindi · लघु कथा 1 199 Share Umesh Kumar Sharma 24 Jul 2020 · 2 min read भाभी बच्चा दी है दोस्त एक दो दिनों के बाद स्कूल में दिखा तो हमने पूछ लिया कि कहाँ गायब थे? उसने बहुत मासूमियत से जवाब दिया, मझली भाभी बच्चा दी है, घर पर... Hindi · लघु कथा 1 312 Share Umesh Kumar Sharma 23 Jul 2020 · 1 min read चौपड़ का खेल हरि बाबू के ऊंचे बरामदे में गर्मियों के दिनों में रात को खाना खाने के बाद घंटो चौपड़ खेलना उन दिनों एक आम बात थी। रोज रात को बरामदे की... Hindi · लघु कथा 6 4 619 Share Umesh Kumar Sharma 23 Jul 2020 · 2 min read वंदेमातरम ये रोचक प्रसंग आजादी से एक दो साल पहले का है। हमारे दूर के रिश्तेदार, दुर्गादत्त दादाजी के पुत्र को आजादी के संग्राम में उतरने की जब प्रेरणा प्राप्त हुई,... Hindi · लघु कथा 6 4 439 Share Umesh Kumar Sharma 23 Jul 2020 · 3 min read गांव के प्राथमिक हिंदी विद्यालय चूंकि मेरा गांव बिहार (अब झारखंड) की सीमा के बिल्कुल नजदीक बसा हुआ है, इसलिये हिंदी भाषियों की संख्या भी अच्छी तादाद में थी। मेरा जिला पुरूलिया और धनबाद, किसी... Hindi · लघु कथा 5 2 528 Share Umesh Kumar Sharma 22 Jul 2020 · 3 min read मटिया फुस फुस जी की रामलीला ये इस रामलीला मंडली का सही नाम तो नही था, पर हम इसको इसी नाम से बुलाते थे क्योंकि इसके संचालक ने किसी एक नाटक में " मटिया फुस फुस... Hindi · लघु कथा 2 4 345 Share Umesh Kumar Sharma 22 Jul 2020 · 1 min read गहमागहमी घर के एक जिम्मेदार शख्स ने कई दिनों बाद लौटकर अपने घर की दहलीज़ पर पांव रखा था। गला खंखारती ये खबर जैसे ही घर में दाखिल हुईं। आंगन में... Hindi · कविता 8 10 477 Share Umesh Kumar Sharma 21 Jul 2020 · 1 min read नदी के रूप ये घटना मेरे बड़े भाई साहब की आपबीती है। एक बार संस्कृत के अध्यापक, रामचंद्र जी, कक्षा में आये ,कुछ देर पढ़ाने के बाद अचानक उनकी ओर देख कर बोले,... Hindi · लघु कथा 4 7 489 Share Umesh Kumar Sharma 21 Jul 2020 · 2 min read आरशोला का पाचन - तंत्र मेरा उच्च विद्यालय सह शिक्षा के साथ बहु भाषीय भी था। हिंदी और बांग्ला दोनों माध्यमों से पढ़ाई होती थी। वार्षिक परीक्षाफल दोनों माध्यमों के छात्र और छात्राओं के प्रदर्शन... Hindi · लघु कथा 2 6 493 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 2 min read किताबों की अदला बदली आज के इस नए जमाने में , निजी विद्यालयों की भरमार के बीच, जहाँ हर साल कोर्स की नई पाठ्य पुस्तकें लेना अनिवार्य हो गया है क्योंकि किताबों की कीमत... Hindi · लघु कथा 5 3 448 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 2 min read माता प्रकट हुईं ये घटना तब की है जब मैं उच्च विद्यालय में पांचवीं या छठी श्रेणी में पढ़ता था। हमारे विद्यालय में सह शिक्षा थी। एक तरफ लड़कियाँ और दूसरी तरफ लड़के... Hindi · लघु कथा 7 3 470 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 2 min read रोटी और चावल का रिश्ता मेरे एक ममेरे भाई जब पहली बार कोलकाता गए तो भाईसाहब ने उनकी नौकरी एक ट्रांसपोर्ट कंपनी मे लगवा दी। रहने का इंतजाम गांव के व्यापारी की गद्दी मे कर... Hindi · लघु कथा 5 6 500 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 3 min read मेरे घर का कुआँ हमारे घर के पिछले हिस्से में एक छोटा सा कुआँ था। चूंकि उसका पानी मीठा नहीं था, इसलिए हम उसके जल को पीने में तो इस्तेमाल नहीं करते थे, पर... Hindi · कहानी 6 8 235 Share Umesh Kumar Sharma 19 Jul 2020 · 2 min read नकल में सहायता मैं उस वक़्त तीसरी कक्षा में पढ़ता था। मुझसे बड़े भाई पास के उच्च विद्यालय में नौंवी के छात्र थे। बड़े होने का थोड़ा रौब भी रखते थे मुझ पर।... Hindi · लघु कथा 2 2 452 Share Umesh Kumar Sharma 18 Jul 2020 · 5 min read जुआरियों की बस्ती ये शीर्षक आपको शायद अज़ीब लगे। मेरा गाँव को जुआरियों की बस्ती भी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। जब से होश संभाला था ताश के पत्तों को पहचानने लगा... Hindi · कहानी 4 5 783 Share Umesh Kumar Sharma 18 Jul 2020 · 2 min read फांटा की बोतल मैं अपने मित्र की सड़क पर प्रतीक्षा कर रहा था, उसको साथ लेकर मुझे खेलने के लिए ग्राउंड में पहुंचना था। मैं जहाँ खड़ा था उसके ठीक पास ही ठंडे... Hindi · लघु कथा 3 2 276 Share Umesh Kumar Sharma 18 Jul 2020 · 2 min read ट्रक का नंबर ये वाकया तब का है जब मेरी उम्र मुश्किल से बारह तेरह बरस की थी। हमारे गांव से राष्ट्रीय राजमार्ग NH ३२ गुजरता है। चूंकि हमारा घर मुख्य सड़क से... Hindi · लघु कथा 4 6 340 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 2 min read फ़ेल होने का गम मेरे चचेरे बड़े भाई जो उम्र मे मुझसे काफी बड़े थे, उनका गांव मे एक प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था। कालांतर में , उन्होंने पुरोहित कर्म करना शुरू कर दिया।... Hindi · लघु कथा 5 4 345 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 2 min read ताश के पत्ते गांव में एक ननकू चाचा थे, जिनकी एक पान की दुकान थी। लोगों का उनकी दुकान के पास जमावड़ा लगा रहता था। गांव से लेकर देश मे क्या हो रहा... Hindi · लघु कथा 4 2 469 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 2 min read गोधूलि लग्न के फेरे हमारे गांव में एक शादी थी। लड़की वाले बैठा ब्याह(बारात न जाकर, वधु पक्ष जब वर पक्ष के गांव में आकर शादी की सारी रस्म पूरी करता है) करने आये... Hindi · लघु कथा 4 4 401 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 1 min read हिदायतें शादी के कुछ अरसे बाद जब मुझे एक बार आफिस के काम से दूसरे शहर जाना पड़ा,जहां मेरी ससुराल भी थी। दो तीन दिन का प्रोग्राम था, इसलिए मैं अकेले... Hindi · लघु कथा 4 2 406 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 1 min read पहली नज़र कॉलोनी में एक शाम बॉलकोनी की रेलिंग पर हाथ धरे, तुमने जब नाचीज़ को देखने की जहमत उठाई। मेरी नज़र भी सरसरी तौर पर भूगोल और गणित का अध्ययन करती... Hindi · कविता 4 4 238 Share Umesh Kumar Sharma 16 Jul 2020 · 1 min read कब सुधरोगे? मायके से तुम लौटी एक रोज तो कुछ देर बाद चाय पीकर जब जज्बात थोड़े सहज हुए, तुम्हारी खोजी नज़रों ने अपने क्षेत्र का सरसरी तौर पर जायजा लेना शुरू... Hindi · कविता 6 2 345 Share Umesh Kumar Sharma 15 Jul 2020 · 1 min read सुलह तुम निःशब्द थे मैं भी चुप रहा रीती आंखों ने फिर बातों का सिलसिला शुरू किया। पहले शिकायतें आयीं। रुकी रहीं कुछ देर। शर्मिंदगी लिपटी रही उनसे, तब जाके वो... Hindi · कविता 4 2 363 Share Previous Page 2 Next