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24 Jul 2020 · 1 min read

खेती बाड़ी करते हैं

उन दोनों की बस में रोज मुलाकात थी। गांव से एक ही समय में बस पकड़ कर दूसरे शहर जाते थे वो।

एक छोटे से निजी विद्यालय में शिक्षिका थी और दूसरे सरकारी कॉलेज मे पढ़ाते थे।

जाते और लौटते वक्त एक ही सीट पर साथ गए ,तो कभी खड़े खड़े ही सफर तय हुआ। कभी कभी हल्की फुल्की बात हुई,
कभी बस दूसरे के लिए अपनी सीट छोड़ी गई।

ये सिलसिला कई दिनों तक चला।

सरकारी कॉलेज का रुतबा कुछ ठीक से तय नहीं कर पा रहा था।

फिर कई दिनों के बाद जब वो दिखी तो गले मे एक मंगलसूत्र लटक रहा था। उसने गौर से देखा , फिर पूछा, आपके वो क्या करते हैं?

जवाब आया , बस थोड़ी खेती बाड़ी करते हैं।

मैं थोड़ा चकित हुआ जब पड़ोस की शर्मिष्ठा दीदी ने मुझे ये बताया कि तुम्हारे बनर्जी सर आज बस में मिले थे, तुम्हारे जमाई बाबू के बारे में पूछ रहे थे कि क्या करते हैं, मैंने बोल दिया ,खेती बाड़ी करते है!!

फिर वो थोड़ा हँस पड़ी और दूसरी बातें करने लगी।

अपने कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता जमाई बाबू के इस परिचय से मैं थोड़ा हैरान तो हुआ।

मुझे सुनाई दे रहा था- “अब जान कर क्या करोगे”?

तभी दीदी बोल पड़ी, तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?

Language: Hindi
1 Like · 196 Views
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