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17 Jul 2020 · 1 min read

पहली नज़र

कॉलोनी में
एक शाम
बॉलकोनी की रेलिंग
पर हाथ धरे,

तुमने जब नाचीज़
को देखने की जहमत
उठाई।

मेरी नज़र भी
सरसरी तौर पर
भूगोल और गणित
का अध्ययन करती हुई,

तुम्हारे चेहरे पर जा टिकी।

इस सिलसिले से कई बार
गुज़रने के बाद
तुमने जब दांतो की
चमक दिखाई।

फिर मैं भी अपनी
बत्तीसी निकाल बैठा।

दो चरणों की पारस्परिक
प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी थी।

अब मैं तीसरे दौर
की प्रतीक्षा में
था।।

मैं अपने टहलने की
प्रक्रिया के प्रति अब
जागरूक
और समय का पाबंद
होता जा रहा था।

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 236 Views
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