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लब खामोश रहे मगर आंखों आंखों में बात हो गई। कुछ गिले-शिकवे आंखों ने किए , कुछ रजामंदी मुस्कुराहटों से हो गई।
श़ुक्रिया !
सदर आभार आपका
लब खामोश रहे मगर आंखों आंखों में बात हो गई।
कुछ गिले-शिकवे आंखों ने किए , कुछ रजामंदी मुस्कुराहटों से हो गई।
श़ुक्रिया !
सदर आभार आपका